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त्रिपुरा में ढाह दी गयी लेनिन की प्रतिमा, स्वामी ने कहा-आतंकवादी थे लेनिन, भारत में नहीं लगनी चाहिए प्रतिमा

अगरतला/नयी दिल्ली : दक्षिण त्रिपुरा जिले के बेलोनिया में सोमवार को महान कम्युनिस्ट नेता व्लादिमिर लेनिन की एक प्रतिमा जेसीबी मशीन का इस्तेमाल कर गिरा दी गयी. माकपा ने जहां इस घटना के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया,वहीं भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोवियत संघ के संस्थापक लेनिन की त्रिपुरा में प्रतिमा गिराये जाने […]

अगरतला/नयी दिल्ली : दक्षिण त्रिपुरा जिले के बेलोनिया में सोमवार को महान कम्युनिस्ट नेता व्लादिमिर लेनिन की एक प्रतिमा जेसीबी मशीन का इस्तेमाल कर गिरा दी गयी. माकपा ने जहां इस घटना के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया,वहीं भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोवियत संघ के संस्थापक लेनिन की त्रिपुरा में प्रतिमा गिराये जाने का बचाव करते हुए कहा कि लेनिन ‘आतंकवादी’ थे और सवाल किया कि क्या भारत में ऐसे किसी व्यक्ति की प्रतिमा लगायी जा सकती है.

त्रिपुरा माकपा जिला सचिव तापस दत्ता ने कहा कि त्रिपुरा में माकपा की हार और भाजपा की जीत के बाद बेलोनिया में कॉलेज स्क्वायर में कथित तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने पांच फुट लंबी प्रतिमा को गिरा दिया. कुछ महीना पहले पार्टी पोलित ब्यूरो सदस्य प्रकाश करात ने इस प्रतिमा का अनावरण किया था. दत्ता ने बताया, ‘प्रतिमा को गिराये जाने के बाद भारत माता की जय के नारे भी लगाये गये.’ दक्षिण त्रिपुरा जिले के पुलिस अधीक्षक मोनचक इप्पर ने बताया कि जेसीबी मशीन के चालक को गिरफ्तार किया गया. बाद में जमानत पर उसे रिहा कर दिया गया.

एसपी ने बताया कि प्रतिमा बेलोनिया नगर निगम को सौंप दी जायेगी. इस बीच, जिला मजिस्ट्रेट मिलिंद रामटेके ने बताया कि चुनाव बाद हिंसा के कारण श्रीनगर, लेफुंगाख, मंडई, आमतली, राधापुर, अरूंधति नगर, जिरनिया, मोहनपुर सहित दक्षिण त्रिपुरा जिले के कई इलाकों में निषेघाज्ञा लागू कर दी गयी है. हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में भाजपा ने त्रिपुरा में वाम दुर्ग ढा दिया है और अपने गठबंधन सहयोगी इंडिजनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया( आईपीएफटी) के साथ मिल कर दो तिहाई बहुमत हासिल किया है. माकपा ने भाजपा और आईपीएफटी पर तीन मार्च को चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद पूरे राज्य में एक ‘अभूतपूर्व आतंक’ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया.

दूसरी ओर भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोवियत संघ के संस्थापक लेनिन की त्रिपुरा में प्रतिमा गिराये जाने का बचाव करते हुए कहा कि लेनिन ‘आतंकवादी’ थे और सवाल किया कि क्या भारत में ऐसे किसी व्यक्ति की प्रतिमा लगायी जा सकती है. स्वामी ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा कि अगर कम्युनिस्ट नेता चाहें तो वे अपनी पार्टी मुख्यालय के भीतर लेनिन की प्रतिमा स्थापित कर लें और उनकी पूजा करें. स्वामी ने सवाल किया, ‘लेनिन विदेशी थे. वह एक तरह से आतंकवादी थे, क्योंकि उन्होंने रूस में तानाशाही लागू करने के बाद कई लोगों की हत्या की. आप चाहते हैं कि ऐसे व्यक्ति की प्रतिमा हमारे देश में लगे?’

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि यह प्रतिमा नहीं टूटी है और भाजपा इसे माकपा के कार्यालय में भेज देगी. गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने कहा कि वह ‘विदेशी नेतृत्व’ को नहीं, बल्कि महात्मा गांधी और दीनदयाल उपाध्याय जैसे भारतीय नेताओं को आदर्श मानते हैं. दूसरी ओर, एनडीए की सहयोगी जदयू के सांसद और वरिष्ठ पत्रकार हरिवंश ने कहा कि यह एक निंदनीय कृत्य है. भारत जैसे देश में हर विचारधारा के लोग हैं. यह सच है कि रूस में कम्युनिस्ट शासन का अंत होने के बाद लेनिन की मूर्तियां गिरा दी गयीं थीं. लेकिन, यह भारत है रूस नहीं. भारत में हर विचारधारा का सम्मान होता है और उसे समर्थन मिलता है. लेनिन ने 1917 में गरीबों के लिए बहुत बड़ी क्रांति की थी. उनका सम्मान किया जाना चाहिए.

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