11.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

काशी हिंदू विश्वविद्यालय को एक पैसा मिला था चंदा

काशी हिंदू विश्वविद्यालय या बनारस हिंदू विश्वविद्यालय एशिया का सबसे बड़ा आवासीय विश्वविद्यालय है. इसकी स्थापना पंडित मदनमोहन मालवीय ने 1916 में की थी. इस विश्वविद्यालय के मूल में डॉ एनी बेसेन्ट द्वारा स्थापित और संचालित सेन्ट्रल हिन्दू कॉलेज की प्रमुख भूमिका थी. इस विश्वविद्यालय के दो परिसर है. मुख्य परिसर (1300 एकड़) वाराणसी में […]

काशी हिंदू विश्वविद्यालय या बनारस हिंदू विश्वविद्यालय एशिया का सबसे बड़ा आवासीय विश्वविद्यालय है. इसकी स्थापना पंडित मदनमोहन मालवीय ने 1916 में की थी. इस विश्वविद्यालय के मूल में डॉ एनी बेसेन्ट द्वारा स्थापित और संचालित सेन्ट्रल हिन्दू कॉलेज की प्रमुख भूमिका थी. इस विश्वविद्यालय के दो परिसर है. मुख्य परिसर (1300 एकड़) वाराणसी में स्थित है. मुख्य परिसर में 3 संस्थान, 14 संकाय और 124 विभाग है. विश्वविद्यालय का दूसरा परिसर मिर्जापुर में बरकछा नामक जगह (2600 एकड़ में) पर स्थित है. यह मुख्य परिसर से लगभग 80 किलोमीटर दूर है.

पं. मदनमोहन मालवीय ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की शुरुआत 1904 में की थी, जब काशीनरेश महाराज प्रभुनारायण सिंह की अध्यक्षता में संस्थापकों की प्रथम बैठक हुई. 1905 में विश्वविद्यालय का प्रथम पाठ्यक्रम प्रकाशित हुआ. 1906 में कुंभ मेले में मालवीय जी ने संगम पर देशभर से आए लोगों के बीच इस विश्वविद्यालय बनाने के अपने संकल्प को दोहराया.

कहा जाता है, वहीं एक वृद्ध महिला ने मालवीय जी को विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए एक पैसा चंदे के रूप में दिया. उसी दौरान ऐनी बेसेंट बनारस में विश्वविद्यालय की स्थापना की तैयारी कर रही थीं. इन्हीं दिनों दरभंगा के राजा महाराज रामेश्वर सिंह भी काशी में शारदा विद्यापीठ की स्थापना करना चाहते थे. इन तीन विश्वविद्यालयों की योजना परस्पर विरोधी थी, अत: मालवीय जी ने एनी बेसेंट और महाराज रामेश्वर सिंह से बातचीत कर अपनी योजना में सहयोग देने के लिए उन दोनों को राजी कर लिया. इसके बाद बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी सोसाइटी की 15 दिसंबर, 1911 को स्थापना हुई, जिसके महाराज दरभंगा अध्यक्ष, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के प्रमुख बैरिस्टर सुंदरलाल सचिव, काशी नरेश महाराज प्रभुनारायण सिंह, पं. मदनमोहन मालवीय एवं डा. एनी बेसेंट सम्मानित सदस्य थीं. तत्कालीन शिक्षामंत्री सर हारकोर्ट बटलर के प्रयास से 1915 में केंद्रीय विधानसभा से हिंदू यूनिवर्सिटी एक्ट पारित हुआ, जिसे तत्कालीन गवर्नर जनरल लार्ड हार्डिंज ने स्वीकृति दे दी.

14 जनवरी, 1916 को वसंतपंचमी के दिन वाराणसी में गंगातट के पश्चिम, रामनगर के समानांतर काशी हिंदू विश्वविद्यालय का शिलान्यास हुआ. जिस जमीन पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय का शिलान्यास हुआ उसे महाराज प्रभुनारायण सिंह ने दिया था. एनी बेसेंट द्वारा समिर्पत सेंट्रल हिंदू कालेज में काशी हिंदू विश्वविद्यालय का विधिवत शिक्षणकार्य, 1 अक्टूबर, 1917 से आरंभ हुआ. 1916 में आयी बाढ़ के कारण स्थापना स्थल से हटकर कुछ पश्चिम में 1300 एकड़ भूमि में निर्मित वर्तमान विश्वविद्यालय में सबसे पहले इंजीनियरिंग कालेज का निर्माण हुआ. इसके बाद क्र मश: आर्ट्स कालेज एवं साइंस कालेज स्थापित किया गया. 1921 से विश्वविद्यालय की पूरी पढ़ाई कमच्छा कॉलेज से स्थानांतरित होकर नए परिसर में शुरू हुई. विश्वविद्यालय का औपचारिक उद्घाटन 13 दिसंबर, 1921 को प्रिंस ऑव वेल्स ने किया.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel