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अमेरिकी राष्ट्रपति का एशियार्इ दौराः फिलीपिंस में पीएम मोदी की डोनाल्ड ट्रंप से हो सकती है मुलाकात

नयी दिल्लीः अमेरिकी डोनाल्ड ट्रंप का एशियार्इ दौरे में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फिलीपिंस में मुलाकात हो सकती है. इसका कारण यह है कि विश्व के दोनों नेता एक ही समय में फिलीपिंस में होंगे. बताया जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 12 नवंबर को फिलीपींस पहुंचेंगे. यहां वह आशियान […]

नयी दिल्लीः अमेरिकी डोनाल्ड ट्रंप का एशियार्इ दौरे में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फिलीपिंस में मुलाकात हो सकती है. इसका कारण यह है कि विश्व के दोनों नेता एक ही समय में फिलीपिंस में होंगे. बताया जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 12 नवंबर को फिलीपींस पहुंचेंगे. यहां वह आशियान के 50 साल होने के अवसर पर आयोजित गाला डिनर में भाग लेंगे.

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वहीं, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 12 नवंबर को आशियान बैठक में भाग लेने के लिए फ‍िलीपींस पहुंचेंगे. इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी का फिलीपींस का तीन दिवसीय दौरा करने का भी कार्यक्रम है. डोनाल्ड ट्रंप ने भी घोषणा की है कि वह‍ फिलीपींस में एक दिन और रुकेंगे और 15 नवंबर को अमेरिका वापस लौटेंगे. मीडिया से बातचीत करते हुए ट्रंप ने कहा कि वह ईस्ट एशिया समिट अटैंड करना चाहते हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने 12 दिनों के एशिया दौरे पर रवाना हो गये हैं. एशिया के लिए उड़ान भरने से पहले हवाई द्वीप पहुंचे राष्ट्रपति ट्रंप ने वहां हुए उनके स्वागत के लिए धन्यवाद किया. इसे लेकर ट्रंप ने एक ट्वीट भी किया. अमेरिकी राष्ट्रपति के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप की पहली एशिया यात्रा का मकसद पुराने संबधों को मजबूत करना और नये संबंधों को आगे बढ़ाना है. ट्रंप ने अंतिम पलों में अपनी यात्रा की समयसीमा एक दिन के लिए बढ़ा दी. ट्रंप पहले 14 नवंबर को वापस लौटने वाले थे और विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ईस्ट एशिया समिट कार्यक्रम में अमेरिका का प्रतिनिधित्व करने वाले थे.

इस दौरे के दौरान ट्रंप जापान, साउथ कोरिया, चीन, वियतनाम, फिलिपींस का दौरा करेंगे. यह 25 सालों में किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति का सबसे लंबा दौरा है. यह दौरा उस समय हो रहा है, जब उत्तर कोरिया की वजह से एशिया और पूरे विश्व में तनाव है. साथ ही, अमेरिका और नॉथ कोरिया के रिश्ते टकराव के दौर से गुजर रहे हैं.

फि‍लिपिनो सिटी ऑफ एंजेल्स होने वाले इस समिट में भारत, रूस और चीन समेत 10 एशियान देशों के नेता भाग लेंगे. ट्रंप ने एयरफोर्स वन पर मीडिया से कहा कि हम अपने दौरे को एक दिन बढ़ा रहे हैं, क्योंकि वह काफी महत्वपूर्ण दिन है. ट्रंप 12 दिन की एशिया यात्रा के लिए शुक्रवार को व्हाइट हाउस से रवाना हुए. यह अब तक की ट्रंप की ना केवल सबसे लंबी विदेश यात्रा है, बल्कि लगभग तीन दशक में किसी अमेरिकी राष्ट्रपति की सबसे लंबी एशिया यात्रा भी है.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल एचआर मैकमास्टर, ट्रंप की एशिया यात्रा को अमेरिका के पुराने सहयोगियों के साथ संबंधों को मजबूत करने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नए संबंधों बढ़ाने की कोशिश के तौर पर देखते हैं. मैकमास्टर ने ट्रंप की एशिया यात्रा शुरू होने की पूर्व संध्या पर व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि पिछले 10 महीनों में ट्रंप कई रणनीतिक मुद्दों, खासतौर से उत्तर कोरिया के परमाणु खतरे को लेकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र के नेताओं से बातचीत में सक्रिय रहे हैं.

उन्होंने कहा कि ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद से विभिन्न देशों के नेताओं के साथ 43 बार फोन पर बात की है. उन्होंने जापान, दक्षिण कोरिया, चीन, भारत, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, वियतनाम, इंडोनेशिया, सिंगापुर और थाईलैंड के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी की हैं.

उन्होंने कहा कि ट्रंप की यात्रा तीन लक्ष्यों पर केंद्रित होगी. इसमें उत्तर कोरिया के परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय संकल्प मजबूत करना, स्वतंत्र और मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देना तथा निष्पक्ष एवं परस्पर व्यापार और आर्थिक गतिविधियों के जरिए अमेरिका को समृद्ध बनाना शामिल होगा.

राष्ट्रपति के शीर्ष सलाहकार ने कहा कि ट्रंप इस बात पर जोर देंगे कि उत्तर कोरिया से ना केवल उसके सहयोगी देशों बल्कि पूरी दुनिया को खतरा है.

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