नयी दिल्लीः गुजरात आैर हिमाचल प्रदेश समेत देश के अन्य राज्यों में बने चुनावी माहौल के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कर्नाटक में भी राजनीतिक किलेबंदी शुरू कर दी है. उसने कांग्रेस शासित कर्नाटक की सिद्धरमैया सरकार की आेर से मनायी जा रही टीपू सुल्तान की जयंती के बहाने किलेबंदीका आगाज करते हुए मोर्चा खाेल दिया है. टीपू सुल्तान के बहाने कर्नाटक में मोर्चा संभालते हुए शनिवार को केंद्रीय कौशल विकास राज्य मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने न सिर्फ कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया है, बल्कि कर्नाटक सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर उनसे इस आयोजन में शामिल न होने की अपील की है.
Conveyed #KarnatakaGovt NOT to invite me to shameful event of glorifying a person known as brutal killer, wretched fanatic & mass rapist. pic.twitter.com/CEGjegponl
— Anantkumar Hegde (@AnantkumarH) October 20, 2017
अगले साल के फरवरी-मार्च में हो सकते हैं विधानसभा चुनाव
गौरतलब है कि अगले साल 2018 के फरवरी-मार्च के दौरान कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होना संभावित है. पिछली दफा 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को कांग्रेस के हाथों करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था. 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 121 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि भाजपा को केवल 40 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था. हालांकि, राजनीतिक हलकों में इस बात की भी चर्चा की जा रही है कि कर्नाटक में तथाकथित एंटी एनकंबेंसी फैक्टर होने के बावजूद सूबे के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का वहां की जनता में अपनी अलग पहचान है.
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कहीं राजनीतिक किलेबंदी का हिस्सा तो नहीं हेगड़े का ट्विट
कर्नाटक सरकार की आेर से टीपू सल्तान की जयंती को लेकर केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े की आेर से किये गये ट्विट को लेकर कहा जा रहा है कि भाजपा ने 2018 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को टक्कर देने के लिए टीपू सुल्तान की जयंती पर राज्य सरकार की आेर से आयोजित होने वाले समारोह के बहाने अभी से ही राजनीतिक किलेबंदी की शुरुआत कर दी है. उनका ट्विट इसी राजनीतिक किलेबंदी का एक हिस्सा है.
केंद्रीय मंत्री हेगड़े ने टीपू सुल्तान को बर्बर आैर रेपिस्ट कहा
केंद्रीय मंत्री हेगड़े ने अपने ट्विट में टीपू सुल्तान को बर्बर, निरंकुश और मास रेपिस्ट शासक करार दिया है. हेगड़े ने कर्नाटक के अधिकारियों को लिखे पत्र की कॉपी ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा है कि मैंने कर्नाटक सरकार को एक ऐसे बर्बर हत्यारे, कट्टरपंथी और मास रेपिस्ट का महिमामंडन के लिए आयोजित होने वाली जयंती कार्यक्रम में मुझे नहीं बुलाने के बारे में बता दिया है. हेगड़े के इस ट्वीट के बाद कर्नाटक में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गयी है.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने की केंद्रीय मंत्री हेगड़े के कदम की आलोचना
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हेगड़े की आलोचना करते हुए कहा है कि केंद्रीय मंत्री होने के नाते उन्हें इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए और पत्र नहीं लिखना चाहिए था. उन्होंने बताया कि टीपू सुल्तान जयंती कार्यक्रम में राज्य के सभी मंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों और अन्य गणमान्यों को पत्र भेजा जाता है. समारोह में शामिल होना या न होना उनकी मर्जी पर निर्भर करता है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ टीपू सुल्तान ने चार युद्ध लड़े थे.
10 नवंबर को आयोजित होगा टीपू सुल्तान जयंती समारोह
गौरतलब है कि कर्नाटक की सिद्धरमैया सरकार ने 10 नवंबर को टीपू सुल्तान की जयंती का आयोजन किया है. कर्नाटक सरकार 2015 से टीपू सुल्तान की जयंती मना रही है. दो साल पहले जब कर्नाटक सरकार ने टीपू सुल्तान के जन्मदिन पर समारोह का आयोजन किया था, तो उस समय भी इसका जमकर विरोध किया गया था. टीपू सुल्तान 18वीं सदी में मैसूर साम्राज्य का शासक था. उसके शासनकाल पर शिक्षाविदों, इतिहासकारों और बुद्धिजीवियों के बीच मतभेद रहे हैं.
2015 में भी हिंदूवादी संगठनों ने किया था विरोध
वर्ष 2015 में भी टीपू सुल्तान की जयंती मनाने का हिंदूवादी संगठनों ने विरोध किया था. तब कर्नाटक में फैली हिंसा में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के एक स्थानीय नेता की जान चली गयी थी और कई लोग घायल हुए थे. साल 2016 में भी भाजपा और संघ समर्थित संगठनों ने टीपू सुल्तान की जयंती मनाने का राज्यव्यापी विरोध किया था. भाजपा और संघ के लोगों ने इसे मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति करार दिया था.