नयी दिल्ली : मोदी सरकार 25 जून को अपने मंत्रियों को देश के विभिन्न हिस्सों में भेजने की तैयारी में है. मकसद साफ है, भाजपा देशवासियों के मन में ‘इमर्जेंसी की खौफनाक यादों’ को ताजा करना चाहती है. गौर हो कि 42 साल पहले इसी दिन इमर्जेंसी लगी थी. तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने 1975 में देश में अपने खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को काबू करने के लिए यह कठोर कदम उठाया था.
#InduSarkar का नया पोस्टर OUT, संजय गांधी के दमदार लुक में नजर आये नील नितिन मुकेश
इस दौरान प्रदर्शनों में हिस्सा लेने वाले बहुत से विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था.
इमरजेंसी-फॉर द नेशन, डेमोक्रेसी-फॉर द पीपल
मीडिया में चल रही खबर के अनुसार अब मोदी सरकार मंत्रियों के भ्रमण की रूपरेखा तैयार कर रही है. मंत्रियों को उन स्थान का चुनाव करने कहा गया है, जहां स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों का जन्म हुआ था. भाजपा के एक नेता ने जानकारी दी कि , ‘पिछले साल यह बेहद छोटे स्तर पर आयोजित हुआ था. इस साल बहुत सारी गतिविधियों की योजना बनायी जा रही है. हालांकि, राष्ट्रपति चुनाव और जीएसटी लॉन्च की वजह से बहुत सारे नेता काफी व्यस्त हैं.
जानिए क्यों जून में देश के साथ-साथ बिहार की राजनीति भी रहेगी गरम
देश भर में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में केंद्रीय मंत्री उन हालात के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, जिनकी वजह से देश में इमर्जेंसी लागू किया गया था. एक अन्य नेता ने कहा, कि गैर कांग्रेसी पार्टियों के नेतृत्व वाली आठ से ज्यादा राज्य सरकारों का तख्तापलट एक दिन में हो गया. हम नहीं चाहते हैं कि युवा उस काले दिन को कभी भूलें.