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NCP Crisis: ‘अजित पवार के दावे काल्पनिक’- चुनाव आयोग से बोले शरद पवार, 9 अक्टूबर को होगी मामले की अगली सुनवाई

पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह पर कब्जे को लेकर अजित पवार गुट और शरद पवार गुट आमने सामने हैं. एनसीपी के दोनों धड़े आज यानी शुक्रवार को चुनाव आयोग के पास पहुंचे और अपनी दलील दी. शरद पवार के अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने चुनाव आयोग के सामने दावा किया कि अजित पवार के दावे काल्पनिक हैं.

NCP Crisis: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) पर दावे को लेकर शरद पवार और अजित पवार गुट आमने सामने हैं. इसी कड़ी में दोनों धड़ा अपना-अपना पक्ष रखने आज यानी शुक्रवार को चुनाव आयोग पहुंचे. एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने चुनाव आयोग के सामने दावा किया कि अजित पवार के दावे काल्पनिक हैं. वहीं, चुनाव आयोग में सुनवाई के बाद कांग्रेस नेता और अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि चुनाव आयोग के समक्ष मुख्य रूप से 2 से 3 बातें हुई हैं. सिंघवी ने कहा कि हमने कहा कि पहले प्राथमिक रूप से हमें सुनें और फिर निर्णय करें कि कोई विवाद है या नहीं. और असल में एनसीपी किसकी है. सिंघवी ने यह भी कहा कि उनकी दलीलों पर सुनवाई अब सोमवार को होगी.

अजित पवार ने किया यह दावा
एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार निर्वाचन आयोग की ओर से दोनों गुटों की हुई सुनवाई के दौरान मौजूद थे. आयोग ने इस मामले में सुनवाई अब नौ अक्टूबर को करने का फैसला किया है. वहीं, पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा करते हुए निर्वाचन आयोग का रुख करने वाले महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा है कि उन्हें महाराष्ट्र में एनसीपी के 53 में से 42 विधायकों, नौ में से छह विधान परिषद सदस्यों, नागालैंड से सभी सात विधायकों और लोकसभा एवं राज्यसभा के एक-एक सदस्य का समर्थन प्राप्त है.बता दें, चुनाव आयोग में सुनवाई के दौरान शरद पवार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी वही,अजित पवार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता  एनके कौल और मनिंदर सिंह मौजूद थे.

काल्पनिक हैं अजित पवार के दावे- सिंघवी
चुनाव आयोग में एनसीपी मामले को लेकर अगली सुनवाई सोमवार को होगी. आज यानी शुक्रवार को अजित पवार गुट ने चुनाव आयोग के सामने अपने दावे के समर्थन में दलीलें पेश कीं. वही, शरद पवार के अधिवक्ता सिंघवी ने सुनवाई के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि अजित पवार गुट की ओर से पेश किये गये दावे काल्पनिक हैं. गौरतलब है कि इसी साल जुलाई महीने में अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत कर दिया था. अजित पवार ने 30 जून को निर्वाचन आयोग से संपर्क किया था और पार्टी के नाम के साथ-साथ चुनाव चिह्न पर भी दावा किया था और बाद में 40 विधायकों के समर्थन के साथ खुद को पार्टी अध्यक्ष भी घोषित कर दिया था. इसी कड़ी में शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट ने चुनाव आयोग से कहा था कि पार्टी में कोई विवाद नहीं है, लेकिन कुछ लोग व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के लिए संगठन से अलग हो गए हैं.


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वहीं, अजित पवार ने चुनाव आयोग के सामने रखी गई अपनी दलील में कहा है कि इन परिस्थितियों में याचिकाकर्ता का कहना है कि उसे एनसीपी की संगठनात्मक इकाई के साथ-साथ विधायी इकाई में भी भारी समर्थन प्राप्त है और इसलिए माननीय आयोग की ओर से याचिकाकर्ता के नेतृत्व वाले गुट को असली पार्टी की मान्यता देकर वर्तमान याचिका को अनुमति दी जा सकती है. बता दें, यह सारा मसला उस समय शुरू हुआ जब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट ने एनसीपी  सुप्रीमो शरद पवार के खिलाफ विद्रोह कर दिया था और पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर दावा करते हुए निर्वाचन आयोग का रुख किया था.

भाषा इनपुट से साभार

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