हजारीबाग. पर्यूषण पर्व के पांचवें दिन उत्तम सत्य धर्म मनाया गया. प्रातः श्रीजी का कलशाभिषेक, शांति धारा, पूजन विधान हुआ. दोपहर में ब्रह्मचारिणी बहनों का शास्त्र ज्ञान, संध्या में महाआरती, पुनः शास्त्र प्रवचन एवं पाठशाला बच्चों के संस्कार नामक लघु नाटिका का मंचन धार्मिक शिक्षिका शिल्पी छाबड़ा द्वारा किया गया. ब्रह्मचारिणी बहन संपदा दीदी ने कहा कि सत्य बोलने वाला व्यक्ति कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता है, लेकिन जो असत्य बोलता है, वह कभी आगे नहीं बढ़ सकता. उत्तम सत्य धर्म जैन धर्म के 10 लक्षणों में से एक है, जो कर्मों को नष्ट करने और आत्मा को शुद्ध करने का एक महत्वपूर्ण साधन है. सच्चा तप शरीर को कष्ट नहीं देता है. दिगंबर जैन पंचायत के महामंत्री संजय जैन अजमेरा ने कहा कि सच बोलने से अगर किसी का नुकसान होता है, तो मौन रहना ही उचित है. इसके बजाय सच को विनम्रता से और सही समय पर प्रस्तुत करना चाहिए. संयुक्त मंत्री राजीव जैन छाबड़ा ने कहा कि झूठ चाहे कितना बोल लें, वह कभी टिक नहीं सकता. उपाध्यक्ष नागेंद्र जैन विनायका ने बताया कि सत्य स्वयं में एक धर्म है. आज के धार्मिक सत्संग में समाज के मधु, भागचंद, उत्तम, विमल, कैलाश, निर्मल, विजय सहित समाज के कई प्रबुद्ध लोग शामिल हुए.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

