आरा.
सदर अस्पताल जहां सरकार ने मरीज के लिए कई तरह की सुविधा उपलब्ध करायी हैं, पर प्रबंधन की लापरवाही का आलम यह है कि शुक्रवार की शाम डेढ़ घंटे तक मरीज अंधेरे में रहने को मजदूर रहे.शाम 7:00 बजे से नहीं थी बिजली
पूरे सदर अस्पताल में संध्या लगभग सात बजे से बिजली नहीं थी. ऐसी हालत में मरीजों की स्थिति क्या रही होगी, इसे समझा जा सकता है. प्रबंधन की लापरवाही से मरीज त्राहिमाम कर रहे थे.इलाज करने में हो रही है परेशानी
मरीजों के इलाज करने में काफी परेशानी होती रही. बिजली नहीं होने से मरीज अंधेरे में रहने को मजबूर रहे. वहीं, डॉक्टर या नर्स या कंपाउंडर कोई भी मरीज के पास नहीं पहुंच रहा था.कुछ भी हो सकती थी अनहोनी
अंधेरे में लोगों को चलने में भी परेशानी हो रही थी. अंधेरे की स्थिति का लाभ उठाकर कुछ भी हो सकता था. इतने बड़े अस्पताल में चारों तरफ घुप अंधेरा से सभी परेशानी में एवं भय के वातावरण में रहे.जेनेरेटर की है व्यवस्था, पर नहीं किया गया चालू
सरकार ने बिजली कटने की स्थिति में सदर अस्पताल के लिए जेनेरेटर की व्यवस्था की है, पर डेढ़ घंटे से बिजली कटने के बाद भी जेनेरेटर की सुविधा मरीजों को नहीं दी गयी. पूरी अस्पताल परिसर में हाहाकार की स्थिति रही.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

