भगवानपुर. सोमवार को बेजुबानों के झुंड पर आकाशीय बिजली कहर बनकर गिर पड़ी. इससे एक साथ झुंड में बैठे 39 पालतू पशुओं की मौके पर ही मौत हो गयी, जबकि वज्रपात से झुलसने की वजह से बुरी तरह घायल हुए शेष छह पशुओं ने भी इलाज के लिए ले जाने के क्रम में दम तोड़ दिया. आकाशीय बिजली की भेंट चढ़े पशुओं में बड़े-बड़े व तगड़े-छरहरे कई बकरों के साथ कई बकरियां व मेमने शामिल हैं. इन पशुपालकों के पशुओं की मौत हुई है, वे स्थानीय थाना क्षेत्र अंतर्गत टोड़ी पंचायत मुख्यालय के वार्ड दो निवासी हरि पासवान पिता स्वर्गीय समारु पासवान, बिगन अंसारी पिता स्वर्गीय नसरली अंसारी व मजनू अंसारी पिता स्वर्गीय दुखी मियां बताये गये हैं. यह घटना टोड़ी गांव के दक्षिणी-पश्चिमी कोण स्थित मराढ़ी बधार की बतायी गयी है. घटना के संबंध है पता चला है कि उक्त तीनों पशुपालक उक्त बकरियों को रोजाना की तरह चराने मराढ़ी बधार में ले गये थे. इस दौरान शाम करीब तीन बजे हल्की-फुल्की आंधी के साथ बारिश आ गयी. इस दौरान पानी से भीगने से बचने के लिए जहां बकरियों का झुंड एक विशाल पीपल के पेड़ के नीचे इकट्ठा हो गया, साथ ही उपरोक्त तीनों चरवाहे सह पशुपालक बगल के ही एक मड़ई में शरण ले लिये, तभी जोरदार तड़तड़ाहट के साथ आकाशीय बिजली पीपल के पेड़ पर ही गिर गयी. फल स्वरूप पीपल के पेड़ के नीचे बैठे बकरियों का झुंड आकाशीय बिजली के आगोश में आ गया. इस दौरान झुंड में बैठे बकरियों, बकरे व मेमने समेत 39 पशुओं ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. इस घटना के बाद बगल के ही मड़ई से निकलकर तीनों पशुपालक पीपल के पेड़ के पास पहुंचे, जहां कि स्थिति देख उनके होश उड़ गये. उक्त पशुपालकों ने पाया कि करीब-करीब उनके सभी पशु जमीन पर मरे पड़े हैं, जब उस झुंड में बारी-बारी से एक-एक पशुओं को उनके द्वारा छूकर देखा गया तो 39 पशुओं को छोड़ कर केवल छह पशुओं के शरीर में कुछ हरकत देखी गयी, यानी कि उनकी सांसें चल रही थीं, जिन्हें पशुपालकों द्वारा शोरगुल मचाने के बाद मौके पर जुटे आस-पास के किसानों की मदद से मोटरसाइकिल व साइकिल पर लादकर उनके इलाज के लिए पशु चिकित्सालय ले जाने की हर मुमकिन कोशिश की गयी, मगर दुर्भाग्य से वे उन छह पशुओं की भी रास्ते में ही मौत हो गयी. इस घटना के बाद ग्राम पंचायत के मुखिया कमलेश शर्मा द्वारा इस घटना की जानकारी फोन के माध्यम से अंचल कार्यालय को दी गयी, जहां से घटनास्थल पर पहुंचे अंचल के कर्मचारी ने पशुपालकों के इस घटना में हुए आर्थिक नुकसान की रिपोर्ट तैयार की. घटनास्थल पर पहुंचे टोड़ी पंचायत के वार्ड दो के वार्ड सदस्य सरफुद्दीन अंसारी ने बताया कि जिन पशुपालकों के पशुओं की इस घटना में मौतें हुई हैं, वे मेरे ही वार्ड के निवासी हैं, उनकी जीविका का एकमात्र साधन केवल बकरी पालन ही था. इस घटना के बाद घटनास्थल पर पहुंचे टोड़ी पंचायत के बीडीसी प्रतिनिधि मोतीलाल राम, रियाजु अंसारी, दशरथ पांडेय, अशोक शाह, सलामुद्दीन, राधाखांड़ गांव निवासी भोलाराम, नई बस्ती निवासी रामजी मल्लाह इत्यादि लोगों ने बताया कि इस आपदा में तीनों ही पशुपालकों को कुल मिलाकर करीब-करीब 4 से 5 लाख रुपये का नुकसान हुआ है, जिसके मुआवजे के लिए पशुपालकों ने अंचल को आवेदन भी सौंप दिया है. उक्त लोगों ने बताया कि वज्रपात के वक्त घटना स्थल से महज करीब 20 से 25 मीटर दूरी पर ही लगी मड़ई में पशुपालक छिपे थे, ऐसे में गनीमत रही कि बिजली की थोड़ी सी भी आंच उन तक नहीं पहुंची, अन्यथा कुछ भी हो सकता था.
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