हजारीबाग. झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा ने गुरुवार को जिला मोड़ के पास अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन किया. मोर्चा के संस्थापक प्रधान सचिव पुष्कर महतो ने कहा कि आंदोलनकारियों की स्थिति दयनीय है और उनकी आश्रित विधवा पत्नियों एवं यतीम बच्चों की स्थिति और भी चिंतनीय है. उन्होंने सरकार से मांग की कि अलग राज्य के मूल्यों को स्थापित करते हुए आंदोलनकारियों को न्याय और सम्मान मिले तथा समाज में स्वाभिमान से जीने का अधिकार सुनिश्चित किया जाये. महतो ने याद दिलाया कि हजारीबाग क्रांतिकारियों की धरती है. 1969 में स्थानीयता की नीति हजारीबाग के आंदोलनकारियों के प्रयास से जिला स्तर पर लागू हुई थी, जिसमें शिक्षकों की बहाली प्रमुख मुद्दा था. उन्होंने कहा कि अब बाल-बच्चों के हित में आंदोलनकारियों, मजदूरों, किसानों और विस्थापितों को गोलबंद होकर संघर्ष तेज करना चाहिए. पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि राज्य की 25वीं वर्षगांठ मनाने से पहले सरकार सभी झारखंड आंदोलनकारियों को सम्मान पेंशन देकर अपने दायित्वों का निर्वाह करे. अध्यक्षता जिला अध्यक्ष प्रवीण मेहता ने की. स्वागत भाषण बद्री सिंह व धन्यवाद ज्ञापन जावेद इस्लाम ने किया. धरना के बाद उपायुक्त को मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा गया. उपायुक्त ने आश्वासन दिया कि झारखंड स्थापना दिवस 15 नवंबर 2025 को प्रत्येक आंदोलनकारी को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया जायेगा. मौके पर योगेंद्र महतो, गौतम सिंह, ध्रुव नारायण पासवान, गणेश कुमार सीटू, राधेश्याम राजेंद्र साव, पंकज सिंह, महेंद्र ठाकुर, रामचंद्र राम, दुर्गा प्रसाद, भुनेश्वर प्रसाद, जयप्रकाश, जासो देवी, वीणापानी नंदी, हीरालाल प्रसाद, राजू राम, जागेश्वर राम, महेंद्र साव, पारस महतो, राजकुमार मेहता, अनिल दांगी, नरेश मेहता, अजय मेहता सहित अन्य उपस्थित थे.
क्या है आंदोलनकारी मोर्चा की मांगे
दिशोम गुरु शिबू सोरेन को गजट नोटिफिकेशन कर झारखंड आंदोलनकारी के रूप में सम्मान देने, आंदोलनकारियों के आश्रितों पर दया करने, आंदोलनकारियों को राजकीय मान-सम्मान और अलग पहचान देने, बाल-बच्चों के रोज़ी-रोज़गार एवं नियोजन की 100 प्रतिशत गारंटी, जेल जाने की बाध्यता समाप्त कर सभी को सम्मान पेंशन 50-50 हजार रुपये देने, 15 लाख रुपये तक का समूह बीमा और 10 लाख रुपये तक की निशुल्क मेडिकल सुविधा सपरिवार देने, यात्रा कूपन व अन्य सुविधाएं प्रदान करने, तीन जनवरी को मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की जयंती को झारखंड आंदोलनकारी दिवस तथा 11 जनवरी को दिशोम गुरु शिबू सोरेन की जयंती को महाजनी प्रथा विरोधी दिवस घोषित करने, रांची-दुमका मार्ग को दिशोम गुरु वीर शिबू सोरेन मार्ग, रांची-चाईबासा मार्ग को देवेंद्र मांझी मार्ग, रांची-टाटा मार्ग को शहीद निर्मल महतो पथ, रांची-धनबाद मार्ग को बाबू विनोद बिहारी मार्ग, रांची-गुमला मार्ग को सीपी तिर्की मार्ग, रांची-लोहरदगा पथ को कमल किशोर भगत पथ और रांची-हजारीबाग पथ को मंजूर हसन खां पथ के नाम से नामकरण करने तथा राज्य के प्रत्येक जिले में झारखंड आंदोलनकारी कॉरिडोर और शिलापट/प्रतिमाएं लगाने की मांग शामिल है.
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