शंकरपुर. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शंकरपुर में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद मरीजों पर चश्मा दिया गया. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ जीके दिनकर के नेतृत्व में तबीरेंद्र ठाकुर, कैलू यादव , जगदीश शर्मा, श्यामसुंदर साह, रानी कुमारी, विनोद कुमार यादव, रविंद्र यादव , लक्ष्मण कुमार साह, वीरभरत यादव, विशेश्वर यादव, सुशील कुमार के मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि मोतियाबिंद ऑपरेशन एक सुरक्षित और सफल सर्जरी है, जिसमें धुंधले प्राकृतिक लेंस को निकालकर उसकी जगह एक कृत्रिम लेंस लगाया जाता है. इसके बाद दृष्टि में सुधार होता है और अक्सर चश्मे पर निर्भरता कम हो जाती है. सर्जरी के बाद दृष्टि धीरे-धीरे सामान्य होती है और रिकवरी के दौरान डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना होता है. मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद, पढ़ने के लिए चश्मे की जरूरत पड़ना आम बात है, खासकर अगर आपको अस्थायी पढ़ने के चश्मे या बिना डॉक्टर के पर्चे के मिलने वाले पढ़ने के चश्मे की जरूरत हो. टॉरिक आइओएल वाले मरीजों को भी आंखों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण चश्मे की जरूरत पड़ सकती हैं.
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