Gyanvapi Masjid Case LIVE: वाराणसी के ज्ञानवापी और श्रृंगार गौरी केस की सुनवाई आज यानी 4 जुलाई को मामले की सुनवाई जिला जज की अदालत में शुरू हो चुका है. सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष अपनी दलील रख रहा है.
वाराणसी के जिला कोर्ट में ज्ञानवापी केस में 35 दिनों के बाद सुनवाई की गई. कोर्ट के अंदर 40 लोगों को रहने की अनुमति दी गई थी. जिला जज के यहां केस मेरिट के आधार पर सुनवाई की. इस बीच मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलीलें पेश कीं.
वाराणसी के ज्ञानवापी और श्रृंगार गौरी केस की अगली सुनवाई का इंतजार खत्म हो गया है. मामले की सुनवाई आज यानी 4 जुलाई को दोपहर 2.30 बजे से जिला अदालत में शुरू हो चुकी है. सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष अपनी दलील रख रहा है. 35 दिन बाद फिर से मामले पर सुनवाई शुरू हुई है.
श्रृंगार गौरी मामले की सुनवाई से पहले हिंदू पक्ष के लोगों ने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किया. इस मौके पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन भी साथ रहे. वकील विष्णु शंकर जैन ने दर्शन पूजन के बाद कहा की मुस्लिम पक्ष अपनी दलीलें जारी रखेगा. हिंदू पक्ष के अनुसार, उनका मामला चलने योग्य नहीं है. पूजा करने की मांग हमारी कानूनी रूप से मान्य है.
ज्ञानवापी मामले में आज फिर से वाराणसी कोर्ट में सुनवाई होनी है. हिंदू पक्ष के वकील अधिवक्ता विष्णु जैन ने बताया कि, आज मुस्लिम पक्ष अपनी दलीलें जारी रखेगा. उनके अनुसार, मामला चलने योग्य नहीं है, लेकिन हमने कहा है कि यह बनाए रखने योग्य है. वहां पूजा करने की हमारी मांग कानूनी रूप से मान्य है.
वाराणसी जिला अदालत की कोर्ट में ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी स्थल की दैनिक पूजा की हिंदू महिलाओं ने अनुमति के लिए याचिका दायर की है. इस याचिका को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति की याचिका पर आज यानी सोमवार (4 जुलाई) को जिला जज की कोर्ट में फिर से सुनवाई शुरू होगी. 30 मई को जिला जज एके विश्वेश ने मामले की अगली सुनवाई 4 जुलाई को तय की थी.
वाराणसी की सिविल कोर्ट में हिंदू पक्षकारों की ओर से 1991 में ज्ञानवापी में नए मंदिर निर्माण और पूजा पाठ के अधिकार को लेकर मुकदमा दाखिल किया गया था. इसके बाद मुकदमें को लेकर 1997 में हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. हाईकोर्ट से स्टे होने के बाद कई वर्षों तक वाद लम्बित रहा.
इसके बाद 10 दिसंबर 2019 को विशेश्वर नाथ मंदिर की ओर से वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने सिविल जज सीनियर डिविजन कोर्ट में आवेदन देकर ज्ञानवापी परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की अपील की और दावा किया की इसके नीचे काशी विश्वनाथ मंदिर के पुरातात्विक अवशेष हैं. भूतल में एक तहखाना है. जिसमें 100 फुट गहरा शिवलिंग है. मंदिर का निर्माण हजारों वर्ष पहले 2050 विक्रमी संवत में राजा विक्रमादित्य ने, फिर सतयुग में राजा हरिश्चंद्र और 1780 में अहिल्यावाई होलकर ने जीर्णोद्धार कराया था.
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