Sharad Pawar-NCP Updates : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता शरद पवार का अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट एक बार फिर खड़ा हो गया है. अटकलें यह लगाई जा रही हैं कि अब पार्टी का अगल राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा? इस पद के लिए पार्टी के अंदर दो प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं. उनमें से एक शरद पवार के भतीजे अजित पवार और दूसरी दावेदार शरद पवार की बेटी सुप्रिया सूले बताई जा रही हैं. मीडिया की रिपोर्ट में यह भी बताया जा रहा है कि बुधवार को होने वाली पार्टी की बैठक में अध्यक्ष पद पर फैसला हो सकता है.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने बुधवार को कहा कि वह उन कई लोगों में शामिल हैं, जो पवार साहब के नेतृत्व से प्रेरित होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे. यह पूछे जाने पर कि क्या वह राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पवार की बेटी सुप्रिया सुले के अधीन काम करेंगे क्योंकि शीर्ष पद के लिए उनके नाम की चर्चा चल रही है, पाटिल ने कहा कि पार्टी जो भी फैसला लेती है, उसे सभी को स्वीकार करना होगा. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि पवार साहब राष्ट्रीय प्रमुख बने रहें. इसलिए अन्य नामों पर चर्चा करना उचित नहीं है.
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने विदेशों में प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में ‘मैंग्रोव’ और समुद्री जैव विविधता में शोध करने के लिए कुल 75 छात्रों को तीन साल की अवधि के दौरान छात्रवृत्ति प्रदान करने संबंधी प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के एक बयान में कहा गया है कि इस कवायद के तहत हर साल 25 छात्रों को वन विभाग के ‘मैंग्रोव’ और समुद्री जैव विविधता संरक्षण फाउंडेशन द्वारा छात्रवृत्ति दी जाएगी.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा है कि जब तक शरद पवार पद से हटने के अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं करते वह पार्टी प्रमुख बने रहेंगे और तब तक उनके उत्तराधिकारी को चुने जाने पर कोई चर्चा नहीं होगी. एनसीपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पटेल ने कहा कि वह शीर्ष पद की दौड़ में नहीं हैं. उन्होंने कहा कि पवार ने अपने उत्तराधिकारी का फैसला करने के लिए मंगलवार को जिस समिति का गठन किया था, उसकी बुधवार को बैठक नहीं हुई.
शरद पवार के इस्तीफे के बाद एनसीपी का अगला अध्यक्ष कौन होगा यह तय नहीं हो पा रहा है. एनसीपी नेताओं का कहना है कि हम शरद पवार का मन बदलने की कोशिश कर रहे हैं. इसी कड़ी में एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि मैं दावेदार नहीं हूं, NCP अध्यक्ष बनने में दिलचस्पी नहीं है.
उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि शरद पवार का इस्तीफा देश की राजनीति के लिए बड़ा झटका है. लेकिन, अगर उन्होंने ऐसा फैसला लिया, तो निश्चित रूप से महाराष्ट्र और देश में खलबली मच जाएगी. हम तय करेंगे कि आने वाले दिनों में क्या होगा. पूरे घटनाक्रम पर हमारी नजर है.
खबर यह भी है कि शरद पवार के एनसीपी का अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा के बाद राज्य में कुछ जगहों पर पार्टी की जिला इकाई के पदाधिकारियों ने कहा कि वे भी अपने पद छोड़ रहे हैं. हालांकि, पार्टी के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने एनसीपी पदाधिकारियों से उनके पद नहीं छोड़ने का आग्रह किया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शरद पवार के ऐलान से करीब दो सप्ताह पहले ही उनकी बेटी और पार्टी सांसद सुप्रिया सुले ने संकेत देते हुए कहा था कि आगामी 15 दिन में राजनीतिक क्षेत्र में दो ‘विस्फोट’ होंगे, एक दिल्ली में और दूसरा महाराष्ट्र में.
अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा के एक दिन बाद शरद पवार ने बुधवार को यहां पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक करने के साथ ही रोजाना की तरह लोगों से मुलाकात की. एनसीपी के एक पदाधिकारी ने बुधवार को कहा कि शरद पवार यहां यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक सामान्य तौर पर पार्टी कार्यकर्ताओं और लोगों से मिल रहे हैं.
एनसीपी के नए अध्यक्ष को लेकर मुंबई में वाईबी चव्हाण सेंटर पर पार्टी की बैठक शुरू हो चुकी है. इस बैठक में शरद पवार के अलावा अजित पवार, सुप्रिया सूले, प्रफुल्ल पटेल आदि शामिल हैं.
शरद पवार का एनसीपी का अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला महाराष्ट्र के पुणे जिले के बारामती शहर के लोगों के लिए किसी झटके से कम नहीं है. वे चाहते हैं कि उनके ‘साहेब’ (शरद पवार) पार्टी का नेतृत्व करते रहें. बारामती शरद पवार और उनके परिवार का गढ़ कहलाता है. पवार ने 1999 में कांग्रेस से अलग होने के बाद एनसीपी का गठन किया था. वह तभी से पार्टी का नेतृत्व भी कर रहे हैं. उन्होंने मंगलवार को मुंबई में अपनी आत्मकथा ‘लोक माझे संगती’ के अपडेटेड संस्करण के विमोचन कार्यक्रम में एनसीपी प्रमुख के पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर सभी को चौंका दिया.
एनसीपी के प्रमुख के रूप में शरद पवार की आश्चर्यजनक घोषणा का मंगलवार को पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं द्वारा विरोध किया गया. इनमें से कई को आंसू बहाते हुए देखा गया, जो उन्हें पद पर बने रहने का आग्रह कर रहे थे. बुधवार की सुबह शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले को भी इसी तरह का अनुरोध मिला है. एक सफाई कर्मचारी बुधवार की सुबह सैर पर निकली सुप्रिया सुले से मिला था, उसने अनुभवी राजनेता से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया.
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