अर्चना नेमानी
डायटीशियन व
डायबिटीज एजुकेटर
‘आहार क्लिनिक’
बैंक रोड, मुजफ्फरपुर
सब्जियों का सूप या जूस का सेवन शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है. विभिन्न प्रकार के सब्जी और मसाले या पत्तियों को मिला कर भिन्न-भिन्न प्रकार के स्वाद के सूप तैयार किये जा सकते हैं, जो अलग-अलग प्रकार की बीमारियों से भी बचाने में भी कारगर साबित होते हैं.
कोशिश करें कि सूप अलग-अलग रंग, स्वाद, सब्जियों का हो. जैसे-हरा सूप (पालक, अन्य साग या सब्जी) आॅरेंज सूप (गाजर, कुम्हड़ा, टमाटर), लाल सूप (टमाटर, चुकंदर), सफेद सूप (आलू, लौकी, पत्ता गोभी, प्याज, लहसुन), बैगनी सूप (चुकंदर, लाल पत्तागोभी), पीला सूप (दाल) इत्यादि का सेवन करें. सूप में मिलाये जानेवाले मसाले व पत्तियां स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ पौष्टिकता को भी कई गुणा बढ़ा देते हैं जैसे-तुलसी, पुदीना, धनिया, आॅरिगेनो, गोलमिर्च, दालचीनी, लौंग, इलायची, तीसी, खरबूजे के बीज, कॉर्न, बटर, अदरक, तेजपत्ता इत्यादि. आवश्यकतानुसार इन मसालों के प्रयोग से जूस के लाभ को बढ़ाया जा सकता है.
पोषक तत्वों के अच्छे स्राोत
सब्जियों के सूप व मसालों का मिश्रण, विटामिंस, मिनरल्स, एंटीआॅक्सीडेंट्स, फाइबर, विटामिन सी, बी कॉम्पलेक्स, प्रोटीन, फैट, एनर्जी के अच्छे स्रोत होते हैं, जो डायबिटीज 2, हृदय रोग, मोटापा, कब्जियत, ब्लड प्रेशर, स्किन डिजीज, तनाव, सूजन इत्यादि को दूर करने में मददगार साबित होते हैं. सब्जियों का सूप भोजन से पहले पर भूख पर कंट्रोल अधिक होता है.
इससे कम खाने में मदद मिलती है, अर्थात यह भोजन पर करीब 20% तक लगाम लगाने में मदद करता है. इससे यह मोटापा को कम करने में मददगार सिद्ध होता है. जिन लोगों ने एक हफ्ते तक दिन में दो बार विटामिन सी से भरपूर सूप लिया, तो उनके शरीर में प्रोस्टाग्लैंनाडिन इ2 व यूरिक एसिड की मात्रा में गिरावट पायी गयी, जिससे शरीर में सूजन व तनाव कम हुआ. जिन व्यक्तियों को हरी सब्जियां कम पसंद हैं, वे सब्जियों के सूप का सेवन करें.