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तकनीक के आंगन में हर पल रहें साथ-साथ

प्रीति सिंह परिहार सूचना तकनीक के प्रसार के साथ मोबाइल, इमेल, फेसबुक आदि तो दूर रह रहे परिजनों को सहजता से जोड़ ही रहे थे, अब स्मार्टफोन और उसमें ह्वाट्सएप्प जैसे एप्प ने अपनों से जुड़े रहने को और सहज बना दिया है. बस अपना स्मार्टफोन उठाया, कोई तसवीर खींची, आवाज रिकॉर्ड की या वीडियो […]

प्रीति सिंह परिहार
सूचना तकनीक के प्रसार के साथ मोबाइल, इमेल, फेसबुक आदि तो दूर रह रहे परिजनों को सहजता से जोड़ ही रहे थे, अब स्मार्टफोन और उसमें ह्वाट्सएप्प जैसे एप्प ने अपनों से जुड़े रहने को और सहज बना दिया है. बस अपना स्मार्टफोन उठाया, कोई तसवीर खींची, आवाज रिकॉर्ड की या वीडियो बनाया और तुरंत अपने फैमिली ग्रुप में शेयर कर दिया.
सबने साथ होने के एहसास को जीते हुए उसे देखा, अपनी राय दी और ऐसा लगा मानो तकनीक के एक आंगन में सब साथ-साथ बैठ कर बातें कर रहे हैं. तो आप भी अपनी फैमिली का एक ग्रुप बनाइये और अपने अपनों के साथ जुड़े रहने के एहसास को जिंदगी के हर पल में शामिल कीजिए.
पहले एक घर हुआ करता था. परिवार के सभी सदस्य उस एक घर में रहते थे, जहां सबकुछ साझा किये जाने की परंपरा थी, चाहे वो सुख हो या दुख. रूठना-मनाना, कुछ नया बने तो दिखाना, कुछ बनाते हुए बिगड़ जाये तो बताना, यह सब साथ-साथ होने को बनाये रखता था.
हर पल के इस साथ से रिश्तों में एक ताजगी बनी रहती थी. ऐसे में रोजी रोजगार के लिए घर का कोई सदस्य परदेश जाता या घर की महिलाएं मायके जाती थीं, तो संवाद का एक मात्र माध्यम था पत्र, जिसे पहुंचने में वक्त लगता था. समय बदला. नयी-नयी तकनीक आयी. माहौल आधुनिक हुआ. रोजगार के नये मौके आये, तो परिवार की तसवीर भी बदल गयी. अब एक परिवार का एक घर नहीं, कई घर हो गये हैं. घर के सदस्यों को जहां, जिस शहर या देश में काम मिला, वहीं बस गये. माता-पिता किसी और शहर में, बेटा-बहू किसी और शहर में, बेटी-दामाद किसी और शहर में. इस बदलते समय में नयी तरह की जरूरतों का जन्म हुआ, तो सुविधाओं का भी विकास हुआ. लैंडलाइन फोन आया और अब तो मोबाइल हर हाथ में है. फोन पर रोज बात कर लेने की तसल्ली तो मिली, फिर भी दूरी का एहसास तो बना ही रहा.
फिर इंटरनेट ने इमेल, स्काइप और फेसबुक के जरिये दुनिया के किसी कोने में भी बैठ कर अपने अपनों से जुड़े रहने के कुछ नये मौके दिये. फिर भी यह इच्छा बनी ही रही कि कितना अच्छा होता कि यहां आपने घर के लिए माइक्रोवव लिया और तुरंत दूसरे शहरों में रह रहे अपने अपनों को उसकी तसवीर भेज दी. अपनी बनायी हुई नयी रेसिपी की तसवीर साझा कर ली. अपनी नयी घड़ी का डिजाइन दिखा दिया. शॉप से ही शर्ट्स की फोटो क्लिक कर भेजी और उसका कलर चुनने में किसी अपने की मदद ले ली.
शारीरिक मौजूदगी न सही, तसवीर के जरिये ही सही, यहां का दृश्य वहां, वहां का दृश्य यहां पल भर में पहुंचा दिया. अब इन सारी इच्छाओं को पूरा करने के कई लिए आपके स्मार्टफोन में ह्वाट्सएप्प सहित कई विकल्प हैं. अपने स्मार्टफोन के माध्यम से आप दूर रह रह फैमिली मेंबर्स से जुड़े रहने का कोई भी विकल्प चुन सकते हैं. अपनों के साथ रोज अपनी हंसी-खुशी की तसवीरें, वीडियो शेयर कर रिश्तों में ताजगी बनाये रख सकते हैं. अपनों के बीच की जमीनी दूरी बेशक कम नहीं की जा सकती, लेकिन स्मार्टफोन पर ही सही, हर पल जुड़े रह कर साथ होने के एहसास को तो कायम रख ही सकते हैं.
रिश्तों की ताजगी बरकरार रखने के लिए आपस में मेल-जोल का बने रहना जरूरी है. तो क्यों न दूर रह कर भी तकनीक की इस छतरी के तले अपने पूरे परिवार के साथ इकट्ठे हो जाएं. फिर आप महसूस करेंगे कि आपका स्मार्टफोन आपके और आपके अपनों के बीच की मीलों की दूरी को कुछ-कुछ ही ही, कम कर रहा है. स्मार्टफोन के ह्वाट्सएप्प जैसे एप्प पर अपनी फैमिली का ग्रुप बनाएं, सभी सदस्यों को उसमें जोड़ें और रोजाना जब भी वक्त मिले परिवार के लोगों से चैट करें.
अपनी भावनाओं को, जीवन से जुड़े खास पलों को तस्वीरों के जरिये साझा करें. इससे एक तो सभी को एक-दूसरे का हाल-चाल मिलता रहेगा, दूसरे शारीरिक मौजूदगी भले ही न हो, फिर भी साथ होने का सुख बना रहेगा. एक तरह का मानसिक सुकून मिलेगा कि आप उनके पास हैं.
परिवार में बहुत से लोग ऐसे होंगे, जिनके पास इमेल आइडी नहीं होगा, जिनका फेसबुक अकाउंट नहीं होगा, लेकिन अब स्मार्टफोन तो ज्यादातर लोगों के पास है. जाहिर है कि उसमें ह्वाट्सएप सहित कई ऐसे एप्प भी होंगे, जो अपनों के साथ जोड़े रखने के लिहाज से मददगार हैं. फिर देर किस बात की है, बढ़ चलिए अपने फैमिली ग्रुप की ओर.
रोज खुशियां साझा कर मिटाएं रिश्तों की दूरियां
हम भले ही अपनों से दूर रह रहे हों, पर यदि रोज साथ होने का एहसास बनाये रखना चाहते हैं तो तकनीक ने हमें कई विकल्प मुहैया कराये हैं. इंटरनेट के विस्तार के बाद अब स्मार्टफोन भी इसमें अहम भूमिका निभा रहा है. स्मार्टफोन की सुविधाओं और एप्प के जरिये आप भी रोज की खुशी साझा कर अपनों के बीच की दूरी को कम कर सकते हैं.

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