डॉ स्मिता दत्ता
प्रसूति व स्त्री रोग विशेषज्ञ, पाॅपुलर नर्सिंग होम, रांची
एक युवती अपनी मां को मेरे पास लेकर आयीं, जिनकी उम्र करीब 45 साल थी. उनकी समस्या यह थी कि उनका पीरियड्स अनियमित था और जब होता था, तब ब्लीडिंग एक सप्ताह तक और काफी होने लगता था, जिससे वह काफी कमजोर हो जाती थीं. पेल्विक पेन यानी पेट के निचले भाग में दर्द भी काफी रहता था. दरअसल, पीरियड्स नियमित होने और नॉर्मल ब्लीडिंग होने के लिए अंडाशय से रेगुलर ओवुलेशन होना जरूरी है.
पीरियड्स बंद होने के कुछ समय पहले यानी 45 वर्ष के 2-3 साल पहले से anovulatory cycles हो सकती है. यह मुख्य रूप से प्रोजेस्टोरॉन हॉर्मोन की कमी के कारण होता है. प्रोजेस्टोरॉन हॉर्मोन एग्स ओवुलेशन और नियमित पीरियड्स को मेंटेन रखने में सहायक होते हैं. प्रोजेस्टोरॉन की कमी की वजह से bleeding अनियमित और ज्यादा होने की आशंका होती है. इसके अलावा यूटेराइन इन्फेक्शन, फाइब्रॉइड, पॉलिप और कई तरह के कैंसर के कारण भी ऐसे लक्षण देखे जा सकते हैं.
इसलिए यदि ऐसी कोई समस्या हो, तो सबसे पहले आप किसी अच्छी स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लें. वे कई तरह की जांच की सलाह दे सकती हैं, जिनमें Hysteroscopy और dilation and curettage करके tissue की biopsy से परेशानी के कारण का पता चलेगा और उसका निदान हो सकेगा. जांच के बाद रिपोर्ट के हिसाब से हॉर्मोनल दवा चलायी जाती है.