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क्या है डिसमोनेरिया की समस्या…. जानें बचाव के उपाय
प्रो (डॉ) राजीव वर्मा डीएचएमएस, त्रिवेणी होमियो क्लिनिक, चितकोहरा, पटना पुष्पा कुमारी (बदला हुआ नाम) की उम्र 30 वर्ष है. उन्हें माहवारी के समय पेट और कमर में काफी दर्द रहता था. माहवारी बहुत जल्दी गहरा और तार जैसा होता था. जननांगों में सूजन भी हो जाता था. रक्त स्राव में बदबू अकड़न और एेंठन […]
प्रो (डॉ) राजीव वर्मा
डीएचएमएस, त्रिवेणी होमियो क्लिनिक, चितकोहरा, पटना
पुष्पा कुमारी (बदला हुआ नाम) की उम्र 30 वर्ष है. उन्हें माहवारी के समय पेट और कमर में काफी दर्द रहता था. माहवारी बहुत जल्दी गहरा और तार जैसा होता था.
जननांगों में सूजन भी हो जाता था. रक्त स्राव में बदबू अकड़न और एेंठन जैसी समस्या रहती थी. pelvic region में भारीपन व सूजा हुआ महसूस हो रहा था. मैंने सभी प्रकार की जांच के बाद उन्हें वाइबार्नम ऑप्युलस (Viburnum Opulus) 200 शक्ति दवा रोजाना चार बूंद सुबह और चार बूंद रात को लेने को दिया तथा मैग्नीशिया फॉस 200 शक्ति की दवा रोजाना चार बूंद सुबह और चार बूंद रात को लेने को दिया कुछ ही महीनों में उन्हें आराम हो गया, लेकिन मैंने दवा को छह माह लेने की सलाह दी. महिलाओं में अक्सर पीरियड के दौरान तेज दर्द की समस्या देखने को मिलती है. इस समस्या को डिसमोनेरिया कहते हैं. इसे कष्टरज भी कहते हैं.
यहां पर डिस का अर्थ कष्ट और मोनेरिया का अर्थ मासिक स्राव है. मासिक रक्त स्राव के समय जरायु में इकट्ठा हुआ रक्त जब बाहर निकलता है, तो जरायु में संकुचन होता है. यह खून की कमी के कारण भी होता है. इसके कारण कुछ रोगियों में जरायु में सूजन भी हो जाता है. इसमें दर्द बढ़ जाता है. यह दर्द पेडु के आसपास के एरिया में होता है. इसका कारण बनावट में गड़बड़ी या अवयवों के अपने स्थान से हट जाने के कारण भी होता है.
ये पांच प्रकार के होते हैं :
– न्यूरेल्जिक डिसमोनेरिया
– रक्त की अधिकता से कंजेस्टिव
– बाछा युक्त या ऑसट्रेक्टिव
– आपेक्षिक या स्पाज्मोडिक
– शलेस्मा युक्त या मेक्रेन्स
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