33.1 C
Ranchi
Thursday, March 28, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

जानकी नवमी पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में सात दिवसीय प्रदर्शनी का उदघाटन

जानकी नवमी के अवसर पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में प्रदर्शनी और समारोह का उदघाटन किया गया.

जानकी नवमी के अवसर पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में सात दिवसीय प्रदर्शनी और समारोह का उदघाटन किया गया. श्रीलंका के उच्चायुक्त मिलिंद मारागोडा व उनकी पत्नी जेनिफर मारागोड़ा, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष राम बहादुर राय, सचिव सच्चिदानंद जोशी, पूर्व केंद्रीय मंत्री जया जेटली, महात्मा गांधी की पौत्री तारा गांधी भट्टाचार्य, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के डॉ मणीन्द्रनाथ ठाकुर, सीएसटीएस की डॉ सविता झा खान आदि ने दीप प्रज्वतिल करके औपाचारिक उदघाटन किया. सात दिनों तक चलने वाले इस प्रदर्शनी में सीता पर केंद्रित दो सौ से अधिक मिथिला पेंटिंग्स की प्रदर्शनी लगाई गई है. इसे वैदेही शीर्षक से प्रस्तुत किया गया है.

युवाओं के बीच कौतुहल सुखद संकेत

कार्यक्रम की शुरुआत वेद पाठ और उसके बाद बिपिन मिश्र ने शंखध्वनि से की. उसके बाद अपने वक्तवय में वरिष्ठ पत्रकार और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष रामबहादुर राय ने कहा कि राजा जनक को विदेह कहा गया है और उनकी बेटी वैदेही. यह बेहद खुशी की बात है कि वैदेही अब मिथिला ही नहीं, देश-विदेश में लोगों की चेतना में हैं. युवाओं के बीच जिस प्रकार का कौतुहल है उनको समझने का है, वह सुखद संकेत है. उन्होंने कहा कि वैदेही को समझना है तो आध्यात्मिकता के आधार पर समझना होगा.

वैदेही पर बीज वक्तव्य देते हुए जेएनयू के डॉ मणीन्द्र नाथ ठाकुर ने कहा कि मिथिला की लोकचेतना में वैदेही को आप समझ सकते हैं. मिथिला की भूमि दर्शन खासकर न्याय दर्शन की रही है. वहां के संस्कार में आज भी ग्राह्यता है. वैदेही ने अपने जीवन में प्रतिकार नहीं किया. चीजों को समाहित और स्वीकार करने की उनमें गजब की क्षमता है. वैदेही का पूरा जीवन आत्मसात और मंथन करने योग्य है.

पुराणों में वर्णित स्त्री सशक्तिकरण पर आधारित एक फैशन-शो

बता दें कि सेंटर फॉर स्टडीज़ ऑफ ट्रेडिशन एन्ड सिस्टमस् और इंदिरा गांधी नैशनल सेंटर फॉर आर्ट्स (आई.जी.एन.सी.ए.) की सहभागिता में 10 मई 2022 से 16 मई 2022 तक सप्त दिवसीय वैदेही अंतरराष्ट्रीय उत्सव आई.जी.एन.सी.ए. परिसर में आयोजित किया गया है. इसमें विभिन्न देशों और भारत के विभिन्न प्रान्तों के कलाकारों द्वारा सीता के विभिन्न रूपों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी, साथ ही पुराणों में वर्णित स्त्री सशक्तिकरण पर आधारित एक विशिष्ट फैशन-शो तथा शास्त्रीय मैथिली संगीत का भी कार्यक्रम होने की योजना है.इस कार्यक्रम में अत्यंत उत्साह

इस कार्यक्रम को लेकर अत्यंत उत्साह

प्रदर्शनी में आने वाले दर्शक वहाँ लगे स्टॉलों पर मिथिला की विशिष्ट सामग्रियों की भी खरीदारी कर सकते हैं. इस कार्यक्रम के पश्चात कुछ चयनित चित्रों का एक कॉफी-टेबल बुक प्रकाशित किया जाएगा. इस प्रदर्शनी में मिथिला और मिथिला के बाहर से भी मिथिला चित्रकला के कलाकार इस कार्यक्रम में अत्यंत उत्साह के साथ जुड़ रहे हैं. देश-विदेश में बसे कलाकार वैदेही के जीवन के विभिन्न पहलुओं का वर्णन चित्र के माध्यम से करके विश्व के समक्ष ला रहे हैं.

वनवास नाटक का मंचन

कार्यक्रम में मिथिला चित्रकला पर अपना पूर्ण जीवन समर्पित करने वाले और देश-विदेश के विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित प्रसिद्ध कलाकारों की चित्रकलाओं का प्रदर्शन भी किया गया है. इस कार्यक्रम के अंतर्गत सीता वनवास नाटक का मंचन भी होगा. प्रदर्शनी के अंतिम दिन कलाकारों को प्रोत्साहन पुरस्कार, सांत्वना पुरस्कार, लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा.

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें