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Parenting Tips: मोबाइल भी बन सकता है बच्चों का शिक्षक, इन 5 तरीकों से उनके टाइम को बनाएं प्रोडक्टिव

Parenting Tips: बच्चों का स्क्रीन टाइम सिर्फ गेम्स और वीडियो तक सीमित नहीं होना चाहिए. जानिए 5 आसान तरीके जिनसे आप उनके मोबाइल टाइम को प्रोडक्टिव और मजेदार बना सकते हैं, ताकि वह सीखें भी और अपनी क्रिएटिविटी बढ़ाएं.

Parenting Tips: तेजी से बढ़ता डिजिटल दुनिया का असर बच्चों पर भी पड़ा है. परिणाम ये हो रहा है कम उम्र से ही उनकी दोस्ती मोबाइल के स्क्रीन से हो गयी है. इससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर नकारात्म प्रभाव पड़ रहा है. लेकिन अगर हम बच्चों के स्क्रीन टाइम को उसके सीखने और क्रिएटिविटी के लिए इस्तेमाल करें तो वह उसके लिए प्रोडक्टिव बन सकता है.

सही एजुकेशनल ऐप्स को डाउनलोड कराना

आज के बच्चों को मोबाइल या टैबलेट दूर रखना मुश्किल है. इसलिए माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों के लिए केवल ऐसे ऐप्स चुनें जो उनकी पढ़ाई, भाषा और सोचने की क्षमता को बढ़ाएं. खान एकेडमी किड्स और ओके प्ले जैसी कुछ एप्स हैं जो उन्हें खेल खेल में सीखने के अवसर देने के साथ साथ उनकी क्रियेटिविटी भी बढ़ाती है.

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समय सीमा तय करें

बच्चों को मोबाइल की स्क्रीन से दूर रखना भले ही मुश्किल हो लेकिन उनके लिए एक टाइम फिक्स कर दें तो बेहतर होगा. कोशिश करें उसका स्क्रीन टाइम 2-3 घंटे से ज्यादा का न हो. उन्हें बताएं कि अधिक टाइम स्क्रीन पर बीताने से क्या क्या कम उम्र में नुकसान उठाना पड़ सकता है.

सीखने को खेल में बदलें

स्क्रीन टाइम को मजेदार और सीखने वाला बनाना चाहिए.पजल गेम्स, क्विज और इंटरैक्टिव वीडियो बच्चों की सोचने और समस्या सुलझाने की क्षमता को बढ़ाते हैं.

बच्चों के साथ बैठकर वीडियोज देखें

बच्चे क्या देख रहे हैं, इसका ध्यान रखें. उनके साथ बैठकर चीजों को समझें. जब भी वह कोई वीडियोज देख रहे हों तो उन्हें बताएं कि उस वीडियो से क्या शिक्षा मिलती है. साथ ही उन्हें सही और गलत कंटेंट वाले वीडियोज में फर्क समझा दें.

रियल वर्ल्ड एक्टिविटी से जोड़ें

स्क्रीन पर देखा गया ज्ञान केवल तभी असरदार होता है जब उसे असली जिंदगी में प्रयोग किया जाए. इसलिए मोबाइल जो भी अच्छे वीडियोज दिखे उसे बच्चों को प्रोजेक्ट्स से जोड़ें. इसके अलावा छोटे-छोटे मगर क्रिएटिव प्रयोग को उसकी एक्टिविटी से जोड़ें.

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Sameer Oraon
Sameer Oraon
इंटरनेशनल स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मीडिया से बीबीए मीडिया में ग्रेजुएट होने के बाद साल 2019 में भारतीय जनसंचार संस्थान दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा किया. 5 साल से अधिक समय से प्रभात खबर में डिजिटल पत्रकार के रूप में कार्यरत हूं. इससे पहले डेली हंट में भी बतौर प्रूफ रीडर एसोसिएट के रूप में भी काम किया. झारखंड के सभी समसमायिक मुद्दे खासकर राजनीति, लाइफ स्टाइल, हेल्थ से जुड़े विषय पर लिखने और पढ़ने में गहरी रूचि है. तीन साल से अधिक समय से झारखंड डेस्क पर काम किया. फिर लंबे समय तक लाइफ स्टाइल डेस्क पर भी काम किया. इसके अलावा स्पोर्ट्स में भी गहरी रूचि है.

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