Chanakya Niti: हमारे जीवन में कई लोग ऐसे होते हैं जो हमसे दोस्ती करते हैं, खुद को सच्चा दोस्त भी महसूस कराएंगे लेकिन मौका मिलते ही पीठ में छुरा घोंप देते हैं. कार्यालय से रिश्ते तक या फिर सोसाइटी में हर जगह दोहरे चेहरे वाले लोगों से हमारा सामना हो ही जाता है लेकिन वक्त रहते हम उसे पहचान नहीं पाते हैं. जब कोई बड़ी मुसीबत हमारे गले पड़ती है तब हमें उसका असली चेहरे का पता चलता है. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. लेकिन महान राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री की मानें तो ऐसे लोगों को चेहरा हम देखते ही पहचान लेंगे बस हमें उनके कुछ संकेतों को नोटिस करना होगा. जो आज के समय भी बिल्कुल फिट बैठता है. आइये जानते हैं उन लोगों को हम कैसे पहचान सकते हैं.
अत्याधिक मधुर बोलने वाले लोग बेहद खतरनाक
चाणक्य नीति के अनुसार पीठ में छुरा घोंपने वाले लोग सबसे पहले अपनी मीठी वाणी से पहचान छुपाते हैं. वे आपके सामने अत्याधिक मधुर बोलते हैं, हर बात पर सहमति जताते हैं. हर बार ऐसा जतलाने की कोशिश करते हैं मानो वे दुनिया के सबसे भरोसेमंद साथी हों. लेकिन चाणक्य चेतावनी देते हैं कि अत्यधिक मीठे शब्द अक्सर भीतर छुपी कुटिलता का पहला संकेत होते है. एक सच्चा मित्र हमेशा संतुलित भाषा में बात करता है, चापलूसी में नहीं.
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आपकी कमजोरी को पब्लिकली उछालने वाला हितैषी नहीं हो सकता
चाणक्य की मानें तो ऐसा व्यक्ति जो हर बार आपकी कमजोरियों को पब्लिकली उछाले, फिर बाद में उसे मजाक का नाम दें तो वह कभी भी आपका हितैषी नहीं हो सकता है. चाणक्य का मानना था कि जो व्यक्ति आपकी कमजोरियों पर हंसता है, भले ही मजाक के रूप में क्यों न हो, वह मन से आपका भला चाहने वाला नहीं होता. ऐसे लोग सही समय पर इन्हीं कमजोरियों का उपयोग आपके खिलाफ करते हैं.
दोहरा व्यवहार करने वालों से सतर्क रहना चाहिए
चाणक्य के अनुसार इंसान को दोहरा व्यवहार करने वालों को पहचानने सीखना चाहिए. उनके अनुसार ऐसे लोग बात बात पर आपका समर्थन तो करते हैं लेकिन ठीक पीछे आपके ही खिलाफ माहौल बनाते हैं. ऑफिस, परिवार या दोस्तों के बीच ऐसे लोग जल्दी पहचाने जा सकते हैं. क्योंकि ये हर जगह अलग-अलग रूप दिखाते हैं. चाणक्य ने ऐसे व्यक्तियों को “द्वैध स्वभाव” वाला बताया था और उनसे सावधान रहने को कहा था.
असफलता से असहज हो जाते हैं आपका हित नहीं चाहने वाले लोग
जो लोग आपका हित नहीं चाहते हैं वे आपकी असफलता से असहज हो जाते हैं. चाणक्य नीति बताती है कि सच्चा मित्र आपके आगे बढ़ने से खुश होता है, जबकि छुपा हुआ शत्रु भीतर ही भीतर जलन महसूस करता है. यह जलन धीरे-धीरे उसके शब्दों और व्यवहार में दिखाई देने लगती है. अगर कोई व्यक्ति आपकी प्रगति पर खुश नहीं होता, तो उससे दूरी बनाना ही बुद्धिमानी है.
गुप्त बातें फैलाने वाले को चाणक्य मानते हैं बड़ा खतरा
चाणक्य ने गुप्त बातें फैलाने को भी सबसे बड़ा खतरा माना है. जो व्यक्ति आपकी निजी बातों को दूसरों तक पहुंचाता है, वह न तो विश्वसनीय है और न ही भावनात्मक रूप से स्थिर. ऐसे लोग बाद में बड़े नुकसान का कारण बनते हैं.
मुश्किल समय में साथ छोड़ने वाला पीठ में मार देता है छुरा
सबसे बड़ा परीक्षण कठिन समय में होता है. चाणक्य कहते हैं कि विपत्ति वह रोशनी है जिसमें व्यक्ति का असली चेहरा दिखाई देता है. जो मुश्किल समय में साथ छोड़ दे, वह भविष्य में निश्चित रूप से पीठ पीछे वार करने वाला साबित होता है.

