19.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

सिक्योरिटी सिस्टम देगा भूकंप आने के 12 सेकंड पहले सूचना

नेपाल व भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में भूकंप से मची तबाही के बाद अब भारत में भी ऐसे उत्पाद की जरूरत महसूस की जा रही है जो इस खतरे के बारे में पहले से ही बता दे. जर्मनी में विकसित किया गया ऐसा ही एक उत्पाद है ‘अर्ली अर्थक्वेक वॉर्निग एंड सिक्योरिटी सिस्टम’ जो भूकंप […]

नेपाल व भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में भूकंप से मची तबाही के बाद अब भारत में भी ऐसे उत्पाद की जरूरत महसूस की जा रही है जो इस खतरे के बारे में पहले से ही बता दे.

जर्मनी में विकसित किया गया ऐसा ही एक उत्पाद है ‘अर्ली अर्थक्वेक वॉर्निग एंड सिक्योरिटी सिस्टम’ जो भूकंप का केन्द्र किसी भी इमारत से 40 किलोमीटर दूर होने की सूरत में 8 से 12 मिनट पहले ही इमारत में मौजूद लोगों को सूचित कर देता है. खास बात ये है कि अब इस सिस्टम को हरियाणा सरकार जहां अपने मिनी सचिवालय में लगाने जा रही है वहीं दूसरी ओर दिल्ली सरकार भी अपने सचिवालय में इसे लगाने के विषय में विचार कर रही है.

इस सिस्टम को विकसित करने वाले सेक्टी इलेक्ट्रानिक्स के प्रबंध निदेशक जुरगन प्रिजबायलेक ने मंगलवार को दिल्ली में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बताया कि सेफ्टी इलेक्ट्रानिक्स जीएमबीएच, जर्मनी ने जर्मन जीईओ रिसर्च सेंटर पोस्टडैम (जीएफजेड) के सहयोग से एक दशक पहले ही ऑनसाइट अर्ली अर्थक्वेक एंड वॉर्निग सिस्टम विकसित कर लिया था. भारत के लिए और खासकर यहां अत्यंत खतरनाक सिस्मिक जोन 4 और 5 के दायरे में आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों तथा शहरों के लिए अत्यावश्यक टेक्नोलॉजी है.

भारत में इस उत्पाद को उपलब्ध कराने वाले टेरा टेककॉम प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक बिजेंद्र गोयल ने बताया कि अभी भारत में ऐसी कोई तकनीक उपलब्ध नहीं है जो भूकंप की सूचना उसके कंपन से पहले ही उपलब्ध करा सके. इसके लिए ताईवान के सहयोग से आइआइटी, रूड़की में रिसर्च की जा रही है. हमारा उत्पाद 2006 से ये काम कर रहा है और करीब 25 देशों में इसका इस्तेमाल हो रहा है. जहां तक विश्वसनीयता की बात है तो इसे अमेरिका, तुर्की व ईरान सरीखे देशों से पेटेंट प्राप्त है. गोयल ने बताया कि इस उत्पाद को दो हिस्सों में उपलब्ध पहला मास्टर डिवाइस है और दूसरा सब मास्टर डिवाइस. इन दोनों की कुल कीमत करीब 30 लाख रुपये है.

ऐसे करेगा काम…

ये वार्निग सिस्टम पूरी तरह से भूकंप के समय विकसित होने वाली तरंगों की पहचान करता है. इस उत्पाद के माध्यम से जहां भी ये डिवाइस लगेगा वहां यदि भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6 दर्ज होती है तो ये उत्पाद इसकी सूचना देता है. जहां तक पहचान की बात है तो ये उत्पाद भूकंप के समय विकसित होने वाली प्राइमरी वेव को पकड़कर सूचित करता है जिससे खतरनाक वेव आने तक इस खतरे से बचा जा सकता है.

दावा किया जा रहा है कि ये उत्पाद न सिर्फ भूकंप की पूर्व सूचना देता है बल्कि इसके अन्तर्गत ऐसा उत्पाद भी उपलब्ध है जिसकी मदद से भूकंप से होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है. फिर वो चाहे बिजली-पानी व गैस की सप्लाई रोकना हो या फिर लिफ्ट आदि सर्विस को बंद करना ताकि भूकंप के चलते आग लगने या फिर पानी व गैस की पाइपलाइन फटने की घटना से होने वाले नुकसान से बचा जा सके.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel