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विकास के कार्य में बाधक नहीं बन रहे हैं पेड़, जुस्को ने खरीदा ट्री लोकेटर, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

पेड़ को उखाड़ने के बाद 12 घंटे में पेड़ को शिफ्ट करना होता है. अच्छी बात यह है कि करीब 85 फीसदी पेड़ शिफ्टिंग के बाद जीवित भी हैं. सिर्फ 15 फीसदी ही सूखे हैं.

पेड़ जो सेवाएं देते हैं, उनकी फेहरिस्त काफी लंबी है. वो इंसानों और दूसरे जानवरों की जिंदगी बचाते हैं. इसी सोच के साथ टाटा स्टील यूआइएसएल ( पूर्व में जुस्को) ने इसे लेकर कोरोना काल के दौरान ट्री लोकेटर खरीदा है. ट्री लोकेटर की मदद से इस साल पिछले दस माह में 56 पेड़ों को रिलोकेट कर दिया गया है. इसके तहत सड़क बनाने या फिर अन्य कोई काम में बाधा बने पेड़ों को शिफ्ट कर दिया जाता है.

इसमें पेड़ को उखाड़ने के बाद 12 घंटे में पेड़ को शिफ्ट करना होता है. अच्छी बात यह है कि करीब 85 फीसदी पेड़ शिफ्टिंग के बाद जीवित भी हैं. सिर्फ 15 फीसदी ही सूखे हैं. जुस्को ने दो ट्री लोकेटर को खरीदा, जिसके बाद से एक स्थान से दूसरे स्थान पर पेड़ों को शिफ्ट किया जाता है.

सिदगोड़ा के बाजार एरिया के पास खाली जमीन पर भी करीब एक दर्जन पेड़ों को शिफ्ट किया गया है और वो सभी जीवित हैं. जड़ के साथ ही पेड़ों को शिफ्ट कर दिया जाता है. अधिकारियों ने जब पेड़ कटिंग और शिफ्टिंग में आ रही लागत का आंकलन किया तो शिफ्टिंग की लागत पेड़ काटने की लागत से भी कम आयी.

बारह घंटे के भीतर शिफ्ट किया जा सकता है पेड़

टाटा स्टील यूआइएसएल(जुस्को ) के एक्सपर्ट ने बताया कि पेड़ शिफ्टिंग के लिए सबसे पहले स्थान का चयन किया जाता है. शिफ्ट किये जाने वाले पेड़ के लिए स्थान तैयार किया जाता है. उस जगह पर कई तरह की खाद व वर्मी कंपोस्ट व पोषक तत्व डाला जाता है. वहीं दूसरी ओर जिस पेड़ को शिफ्ट किया जाना है उसे तने से तीन फीट की गोलाई में खोदा जाता है, मूल जड़ को भी पांच से छह फीट तक खोदने के बाद, पेड़ की जड़ों को एक गेंद की तरह गोल तैयार किया जाता है. फिर उसे उखाड़ कर नई जगह पर शिफ्ट किया जाता है. इसके लिए पहले पेड़ की शाखाओं की लापिंग की जाती है. किसी भी पेड़ को बचाने के लिए 12 घंटे के भीतर इसको शिफ्ट किया जाना होता है.

रिपोर्ट- ब्रजेश सिंह

Sameer Oraon
Sameer Oraon
इंटरनेशनल स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मीडिया से बीबीए मीडिया में ग्रेजुएट होने के बाद साल 2019 में भारतीय जनसंचार संस्थान दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा किया. 5 साल से अधिक समय से प्रभात खबर में डिजिटल पत्रकार के रूप में कार्यरत हूं. इससे पहले डेली हंट में भी बतौर प्रूफ रीडर एसोसिएट के रूप में भी काम किया. झारखंड के सभी समसमायिक मुद्दे खासकर राजनीति, लाइफ स्टाइल, हेल्थ से जुड़े विषय पर लिखने और पढ़ने में गहरी रूचि है. तीन साल से अधिक समय से झारखंड डेस्क पर काम किया. फिर लंबे समय तक लाइफ स्टाइल डेस्क पर भी काम किया. इसके अलावा स्पोर्ट्स में भी गहरी रूचि है.

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