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World Tuberculosis Day: आज है वर्ल्ड ट्यूबरक्लोसिस डे, जागरूकता से टीबी को दें मात

World Tuberculosis Day: मार्च 2018 में सरकार द्वारा 'टीबी मुक्त भारत अभियान' की शुरुआत की गयी. दुनिया ने टीबी को खत्म करने के लिए 2030 एवं भारत ने 2025 तक का लक्ष्य तय किया है.

World Tuberculosis Day: ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) एक ऐसा गंभीर रोग है, जिसे शुरुआती चरण में पहचानकर, इसका इलाज किया जाना आवश्यक है. प्रारंभिक अवस्था में इसे रोका न जाये, तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है. इसी के चलते लोगों में टीवी के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को वर्ल्ड ट्यूबरक्लोसिस डे मनाया जाता है. जानें इस बीमारी के लक्षणों एवं इससे बचाव के तरीकों के बारे में…

  • 1882 में 24 मार्च के दिन जर्मन वैज्ञानिक रॉबर्ट कोच ने टीबी के बैक्टीरिया की खोज की थी.
  • 1905 में उन्हें इस खोज के लिए नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया.
  • 2019 में दुनिया भर में 1 करोड़ से ज्यादा टीबी के मरीज मिले, इनमें से 14 लाख मरीजों की मृत्यु हो गयी.
  • 90 हजार के करीब मौतें हुई 2019 में ट्यूबरकुलोसिस के कारण, डब्ल्यूएचओ की ‘ग्लोबल ट्यूबरक्लोसिस रिपोर्ट 2020’ के अनुसार.
  • 2020 में देश में टीबी के 18.05 लाख मामले सामने आये, जबकि 2019 में 24.03 लाख मामले सामने आये थे, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ‘एनुअल टीबी रिपोर्ट 2021’ के मुताबिक.
  • 2019 की तुलना में 2020 में टीबी मरीजों की संख्या में करीब 25% की कमी दर्ज की गयी. ऐसा इसलिए क्योंकि लॉकडाउन के दो महीनों में टीबी के मामले सबसे कम दर्ज किये गये.

2019 में दुनिया में पाये गये टीबी के कुल मामलों में 26% भारत से थे, यानी 2019 में विश्व में मिलने वाला टीबी का हर चौथा मरीज भारतीय था. दूसरे नंबर पर इंडोनेशिया और तीसरे नंबर पर चीन रहे.

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देश मरीजों का प्रतिशत
भारत 26%
इंडोनेशिया 8.5%
चीन 8.4%
फिलीपींस 6%
पाकिस्तान 5.7%
नाइजीरिया 4.4%
बांग्लादेश 3.6%
दक्षिण अफ्रीका 3.6%
अन्य 33.8%

दो तरह का होता है यह रोग
ट्यूबरक्लोसिस एक संक्रामक रोग है, जिसके बैक्टीरिया हवा व सांस से फैलते हैं. यह क्षय रोग छींकने-खांसने पर मुंह से निकलने वाले कणों से भी फैलता है. एक समय था जब टीबी लाइलाज बीमारी थी, लेकिन अब इसका इलाज संभव है. यह बीमारी दो प्रकार की होती है-

पल्मोनरी टीबी : यह फेफड़ों को प्रभावित करता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक पल्मोनरी टीबी संक्रामक होता है.
एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी : यह शरीर के दूसरे अंगों में होता है. इस टीबी के मरीजों से अन्य लोगों को संक्रमण का खतरा नहीं होता.

शुरुआती लक्षणों को पहचानें

  • थकान
  • बुखार
  • तीन या इससे अधिक हफ्तों से ज्यादा खांसी आना.
  • खांसी में खून आना.
  • सीने में दर्द या सांस लेने और खांसने में दर्द होना.
  • लगातार वजन कम होना
  • चक्कर आना
  • रात में पसीना आना
  • ठंड लगना
  • भूख न लगना

रिस्क फैक्टर्स, जो बढ़ा देते हैं जोखिम

  • एचआईवी एड्स
  • डायबिटीज
  • किडनी की समस्या
  • कैंसर
  • किसी अंग के ट्रांसप्लांट होने पर दी गयी दवाइयां
  • कुपोषण

2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य
मार्च 2018 में सरकार द्वारा ‘टीबी मुक्त भारत अभियान’ की शुरुआत की गयी. दुनिया ने टीबी को खत्म करने के लिए 2030 एवं भारत ने 2025 तक का लक्ष्य तय किया है.

मरीजों को होनी चाहिए डॉट्स की जानकारी

डॉट्स यानी ‘डायरेक्टली ऑब्जर्व्ड ट्रीटमेंट शॉर्ट कोर्स’ टीबी के इलाज का अभियान है. इसमें टीबी की मुफ्त जांच और इलाज शामिल है. इसके तहत हेल्थ वर्कर मरीज को अपने सामने दवा देते हैं, मरीज एवं उसके परिवार की काउंसलिंग करते हैं और इलाज के बाद मरीज पर निगाह रखते हैं. इसमें 95 फीसदी तक कामयाब इलाज होता है.

इलाज को पूरा करना है सबसे जरूरी
ट्यूबरक्लोसिस के इलाज में यह बात सबसे ज्यादा मायने रखती है कि मरीज बीमारी के ठीक होने तक इलाज जारी रखे. बीच में इलाज छोड़ देने पर बैक्टीरिया में दवाओं के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है और इलाज काफी मुश्किल हो जाता है.

बचाव के लिए अपनाएं ये तरीके

  • बच्चों को बीसीजी का टीका लगवाएंं.
  • टीबी के मरीज के संपर्क में आने से बचें.
  • टीवी के मरीज के बेड, तौलिया आदि का उपयोग न करें और एक ही कमरे में न सोएं.
  • अगर किसी को टीबी डायग्नोज हो तो वे सार्वजनिक जगहों पर जाने से बचें.
  • मास्क का इस्तेमाल करें.
  • डॉक्टर के संपर्क में रहें और इलाज पूरा करें.

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Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

Prachi Khare
Prachi Khare
Sr. copy-writer. Working in print media since 15 years. like to write on education, healthcare, lifestyle, fashion and film with the ability of produce, proofread, analyze, edit content and develop quality material.

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