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World Hepatitis Day 2022: बच्चों में गंभीर हेपेटाइटिस के मामलों में वृद्धि, स्टडी में सामने आये ये कारण

World Hepatitis Day 2022: आज, 28 जुलाई को वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे है. एक नए अध्ययन में सामने आया है कि बच्चों में गंभीर हेपेटाइटिस के मामलों में वृद्धि के एक साथ तीन कारण हो सकते हैं- एडेनो वायरस, एडेनो-एसोसिएटेड वायरस 2 (एएवी 2) और इस बीमारी से पीड़ित होने के लिए जीन में पहले से मौजूद कुछ कमियां.

World Hepatitis Day 2022: साल 2022 में अप्रैल और जुलाई के बीच, 35 से ज्यादा देशों में बच्चों में गंभीर हेपेटाइटिस (Hepatitis) के 1,010 मामले सामने आए जिनका कोई संभावित कारण पता नहीं चल पाया. इनमें से लगभग आधे मामले यूरोप से सामने आए जिसमें से एक चौथाई रोगी ब्रिटेन के थे. आमतौर पर बच्चों में हेपेटाइटिस (Hepatitis In Kids) की बीमारी, हेपेटाइटिस ‘ए’ या ‘बी’ वायरस के संक्रमण के कारण होती है लेकिन इन बच्चों में, ऐसे वायरस की मौजूदगी का पता नहीं चला. शुरुआती जांच में एडेनो वायरस संक्रमण और हेपेटाइटिस के इन मामलों के बीच संभावित कड़ी सामने आई. एडेनो वायरस का संक्रमण होना, विशेषकर बच्चों में, आम बात है. इस प्रकार के वायरस से हल्का सर्दी जुकाम, गुलाबी आंखें (कंजक्टिवाइटिस) या पेट खराब होने जैसी समस्याएं होती हैं. परंतु अगर यह लीवर तक पहुंच जाए तो दुर्लभ मामलों में हेपेटाइटिस हो सकता है.

बच्चों में गंभीर हेपेटाइटिस के मामलों में वृद्धि के कारण

बच्चों में एडेनो वायरस संक्रमण आम होना और इस वायरस से स्वस्थ लोगों का हेपेटाइटिस से पीड़ित होना दुर्लभ होने की वजह से यह कहना कठिन था कि वायरस के इसी स्वरूप से उन्हें हेपेटाइटिस हुआ होगा. एक नए अध्ययन में सामने आया है कि बच्चों में गंभीर हेपेटाइटिस के मामलों में वृद्धि के एक साथ तीन कारण हो सकते हैं- एडेनो वायरस, एडेनो-एसोसिएटेड वायरस 2 (एएवी 2) और इस बीमारी से पीड़ित होने के लिए जीन में पहले से मौजूद कुछ कमियां.

हेपेटाइटिस से पीड़ित सभी बच्चे एएवी 2 वायरस से संक्रमित थे

रिसर्चर्स की एक टीम ने एक अध्ययन के दौरान अप्रैल में सामने आए हेपेटाइटिस के मूल नौ मामलों को देखा और कई तरह की जांच की. दल को पता चला कि सभी नौ बच्चे एएवी 2 वायरस से संक्रमित थे. इसके बाद अनुसंधानकर्ताओं ने अपने नतीजों की तुलना 13 स्वस्थ बच्चों और 12 ऐसे बच्चों से की जो एडेनो वायरस से संक्रमित थे मगर उन्हें हेपेटाइटिस नहीं था. इनमें से किसी भी बच्चे में एएवी 2 वायरस नहीं पाया गया. इससे यह स्पष्ट संकेत मिला कि इन रहस्यमयी हेपेटाइटिस के मामलों के लिए एएवी 2 जिम्मेदार था.

एडेनो-एसोसिएटेड वायरस 2 मानव कोशिकाओं के भीतर अपने प्रतिरूप बनाता है

एडेनो-एसोसिएटेड वायरस 2, उन वायरसों के समूह से आता है जिन्हें डेपेंडोपार्वो वायरस कहा जाता है. यह वायरस मनुष्यों और वानर प्रजाति के कुछ जानवरों को संक्रमित करता है. रोचक बात यह है कि मेजबान शरीर को संक्रमित करने के लिए इस वायरस को, उसी समय एक अन्य वायरस द्वारा मेजबान को संक्रमित करने की जरूरत होती है. यह वायरस, उस सहायक वायरस के इस्तेमाल से मानव कोशिकाओं के भीतर अपने प्रतिरूप बनाता जाता है. एएवी 2 के लिए सबसे आम सहायक वायरस एडेनो वायरस और हर्पीस वायरस है.

बच्चों में हेपेटाइटिस संक्रमण एएवी 2 के कारण हुआ

अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि नौ में से छह मरीजों में एक-एक एडेनो वायरस मौजूद था तथा तीन मरीजों में हर्पीस वायरस होने के संकेत थे. इससे इस विचार को बल मिलता है कि बच्चों में हेपेटाइटिस संक्रमण एएवी 2 और इन सहायक वायरसों के कारण हुआ होगा. इसके साथ ही यह देखना भी जरूरी है कि बच्चों में एएवी 2 और एडेनो वायरस तथा हर्पीस वायरस होना भी बेहद आम बात है और इनसे संक्रमित ज्यादातर बच्चों में हेपेटाइटिस नहीं होता. इसका मतलब है कि जीन के स्तर पर कोई अन्य कारण भी इस बीमारी के लिए जिम्मेदार होना चाहिए.

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मानव ल्यूकोसाइट एंटीजेन अधिक होना बना संक्रमण का कारण

अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि नौ में से आठ बच्चों के जीन में एक विशेष प्रकार के मानव ल्यूकोसाइट एंटीजेन की बहुलता थी और इसके कारण ही इन बच्चों को हेपेटाइटिस संक्रमण हो गया होगा. यह यूरोप के लोगों में बेहद आम है जिसकी वजह से हेपेटाइटिस के मामले मुख्य रूप से यूरोप में सामने आए.

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