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Chandra Grahan 2020: ज्योतिष विशेषज्ञ से जानें चंद्र ग्रहण और सूतक को लेकर सटीक जानकारी

Chandra Grahan 2020, Side Effect Of Sutak Period: इस चंद्र ग्रहण को लेकर विशेष रूप से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है. इस मामले के जानकार पंडित सुनिल सिंह का कहना है कि यह ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण है, जिसमें सूतक विशेष रूप से प्रभावी नहीं होता. आपको बता दें कि 5 जून की रात 11:16 बजे यह ग्रहण लगने वाला है जो 6 जून रात्री 02:32 मिनट पर समाप्त होगा.

Chandra Grahan 2020, Side Effect Of Sutak Period: इस चंद्र ग्रहण को लेकर विशेष रूप से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है. इस मामले के जानकार पंडित सुनिल सिंह का कहना है कि यह ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण है, जिसमें सूतक विशेष रूप से प्रभावी नहीं होता. आपको बता दें कि 5 जून की रात 11:16 बजे यह ग्रहण लगने वाला है जो 6 जून रात्री 02:32 मिनट पर समाप्त होगा.

सूतक के बारे में विस्तार से बताते हुए सुनिल सिंह कहते हैं कि चंद्रग्रहण के दौरान की यह एक प्रक्रिया है जो आमतौर पर ग्रहण के नौ घंटे पूर्व शुरू हो जाती है. चूंकि इस बार उपछाया चंद्र ग्रहण लग रहा है अत: इसमें सूतक होता तो जरूर है लेकिन विशेष रूप से प्रभावी नहीं होता. हालांकि, कई लोग यह जानकर भी सूतक के नियमों का पालन कते हैं. आपको बता दें की सूतक को हिन्दू धर्म में अशुभ माना गया है.

पंडित सुनिल सिंह बताते हैं कि इस दौरान कुछ राशि वालों को विशेष रूप से सावधानी बरतने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि इस एक महीने के अंदर तीन ग्रहण लगने वाला है. 5 जून को लगने वाला ग्रहण इस साल का दूसरा चंद्र गहण है. इसके अलावा एक और चंद्र ग्रहण इसी 5 जुलाई 2020 को लगने वाला है.

जबकि ज्योतिष गणना के मुताबिक 21 जून को सूर्य ग्रहण लगेगा. उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि 5 जून के ग्रहण से वृश्चिक राशि वालों को खतरा हो सकता है क्योंकि इस दौरान चंद्रमा वृश्चिक राशि में रहेंगे. ऐसे में वृश्चिक राशि वालों को विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता है. ग्रहण के दौरान इन्हें मन ही मन भगवान का मंत्र जाप करना चाहिए.

इसके अलावा जो सूतक के नियमों का पालन करने वालों को निम्नलिखिख बातों को ध्यान रखना चाहिए

– ग्रहण से 9 घंटे पूर्व अर्थात सूतक काल के दौरान खाना न खाएं

– तुलसी का पौधा न छूएं

– गर्भवती महिलाएं विशेष रूप से अपना ध्यान रखें. सूतक काल में गर्भ को खतरा हो सकता है.

– खाना यदि अधिक बचा हुआ है तो उसे ग्रहण के पश्चात तुलसी का पत्ता डाल कर खाएं और नहीं तो कोशिश करें की ग्रहण काल के पूर्व ही पका हुआ भोजन समाप्त कर जाएं

– पूरे ग्रहण के दौरान भगवान का मंत्र जाप जरूर करें.

– दरअसल, इस दौरान नकारात्मक शक्तियां हावी हो सकती हैं. अत: मंदिर का कपाट खोलने से बचें और खुद भी बाहर न जाएं.

– गर्भवती महिलाओं को खासकर, ग्रहण के बाद नहा लेना चाहिए. इससे बच्चे को चर्म रोग के खतरे से बचाया जा सकता है.

– अपने आसपास को गंगा जल से शुद्ध कर लेना चाहिए

उन्होंने आगे कहा कि कोरोना काल और लॉकडाउन के वजह से कई स्वास्थ्य सेवाएं वैसे ही नहीं उपलब्ध हो पा रही हैं. अत: जो पहले से बिमार है या उम्र वाले हैं. वे इस ग्रहण का पालन करने से बचें. पहले भी बता चुका हुं की इसका कोई उपछाया ग्रहण में कोई सूतक नहीं लगता है.

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