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बिहार के प्रमुख शक्तिपीठ थावे में नवरात्र पर जुटेगी भक्तों की भीड़, कामाख्या से चलकर मां भवानी पहुंची थीं यहां

शक्तिपीठ थावे के मंदिर के पीछे मां के भक्त रहषु स्वामी और चेरो वंश के क्रूर राजा की प्राचीन कहानी है. नवरात्रि के दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. ऐसे में पूजा को लेकर जोर-धोर से तैयारी चल रही है. यहां साधना के लिए साधकों, पाठ, सप्तशती पाठ, चंडी पाठ की तैयारियां तेज हैं.

Shardiya Navratri 2023: 15 अक्टूबर से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा नौ दिनों तक भक्तों पर अपना आशीष बरसायेंगी. भक्तों को शक्ति की आराधना के लिए इस बार पूरे नौ दिन मिलेंगे. 24 अक्तूबर को विजयादशमी यानी दशहरा का पर्व मनाया जाएगा. नवरात्र को लेकर बिहार के प्रमुख शक्तिपीठ थावे में मां सिंहासनी के दरबार में तैयारियां तेज हो गयी हैं. यहां मां के दरबार में नेपाल, यूपी व बिहार के लाखों भक्तों की भीड़ जुटती है. साधना के लिए साधकों, पाठ, सप्तशती पाठ, चंडी पाठ की तैयारियां तेज हैं.

नवरात्र के लिए आकर्षक पंडाल बनाने में जुटे कारीगर

शहर में एक तरफ जहां प्रदेश की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित हो रही है. तो वहीं दूसरी तरफ थीम आधारित पंडालों के निर्माण पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है. स्टेशन रोड में राजा दल, बंजारी में न्यू राज दल, घोष मोड पर छात्र दल, हजियापुर चौक पर इलाके में इस बार थीम आधारित पंडालों की संख्या सबसे अधिक रहेगी.

नवरात्र के लिए सजा बाजार

नवरात्र के लिए शहर के बाजार सज गये हैं. शहर के मुख्य बाजार थावे के अलावा शहर में मेन रोड, थाना रोड, चंद्रगोखुल रोड, बड़ी बाजार, जादोपुर रोड आदि स्थानों पर शृंगार और पूजा की सामग्री की बिक्री हो रही है. दुकानदारों का कहना है कि पितृ पक्ष के बाद खरीदारी जोर पकड़ेगी

फूलों के लिए भेजा गया विशेष आॅर्डर

माता को उड़हुल का फूल चढ़ाया जाता है. ऐसे में पटना व वाराणसी से उड़हुल, गेंदा, चकनार, गुलाब फूलों का डिमांड भेजा गया है. फूलों के थोक व्यापारी हरिकिशोर माली ने बताया कि नवरात्र के लिए ऑर्डर मिलने शुरू हो गये हैं.

गेस्ट हाउस, होटल, धर्मशाला सब बुक

नवरात्रि को लेकर थावे के सभी गेस्ट हाउस, होटल, धर्मशाला बुक हो चुके हैं. उधर, पं महेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि माता के हाथी पर सवारी करना प्रचुर वर्षा की शुरुआत का संकेत देता है. इसके साथ ही माता का गमन महिष पर होने के कारण रोग और शोक का कारक होगा. महिष पर गमन होने के कारण देश में शोक और रोग बढ़ेंगे.

थावे मंदिर के पीछे क्या है कहानी

शक्तिपीठ थावे के मंदिर के पीछे मां के भक्त रहषु स्वामी और चेरो वंश के क्रूर राजा की प्राचीन कहानी है. पौराणिक कथाओं के अनुसार उस वक्त हथुआ में चेरो वंश के राजा मनन सिंह का साम्राज्य हुआ करते थे. वो स्वयं को मां दुर्गा का सबसे बड़ा भक्त मानते थे. इस बार उन्हें गर्व भी था. एक बार राजा मनन सिंह के कार्यकाल के दौरान राज्य में अकाल पड़ गया. जनता एक वक्त के भोजन के लिए भी तरसने लगी. पौराणिक कथा के अनुसार इसी दौरान थावे में रहने वाले कामाख्या देवी मां का एक सच्चा भक्त रहषु दिन में घास काटता था. रात में मां की कृपया से उस घास से अन्न निकल जाता था. जिस कारण वहां के लोगों को अन्न मिलने लगा. इस बात की सूचना राजा को मिली. लेकिन, राजा को इस चमत्कार पर विश्वास नहीं हुआ.

राजा ने रहषु को ढोंगी बताया और मां को बुलाने को कहा. रहषु ने राजा से ऐसा न करने की प्रार्थना की. उसने राजा से कहा कि मां अगर यहां आती हैं तो पूरा राज्य बर्बाद हो जाएगा. लेकिन, घमंडी राजा नहीं माना. अंत में रहषु की प्रार्थना पर मां असम के कमाख्या स्थान से चलकर थावे आयी थी. ऐसा कहा जाता है कि मां कमाख्या से चल कर कोलकाता फिर पटना, आमी के रास्ते थावे पहुंची थीं और रहषु के मस्तक को विभाजित करते हुए साक्षात दर्शन दीं थी. मां तो प्रकट हो गई लेकिन राजा के सभी भवन गिर गए और राजा को मोक्ष मिल गया. इसी घटना की चर्चा के बाद स्थानीय लोगों ने यहां मां की पूजा करनी शुरू कर दी.

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शारदीय नवरात्रि की तिथि

देवापुर के ज्योतिष विशेषज्ञ अखिलेश सिंह ने बताया कि आश्विन माह के शुल्क पक्ष की पहली तिथि 14 अक्टूबर शनिवार को रात्रि 11:24 बजे से शुरू होगी. यह तिथि 15 अक्तूबर को रात्रि 12: 32 बजे तक रहेगी. इसलिए उदया तिथि के अनुसार शारदीय नवरात्रि 15 अक्तूबर रविवार से शुरू होगी.

कलश स्थापना का मुहूर्त

15 अक्तूबर को दिन में 11: 44 बजे से 12:30 बजे कलश स्थापना का मुहूर्त रहेगा.

नवरात्रि की पूजा तिथियां

  • 15 अक्टूबर- घट स्थापना, शैलपुत्री पूजा

  • 16 अक्टूबर- ब्रह्मचारिणी पूजा

  • 17 अक्टूबर – चंद्रघंटा पूजा

  • 18 अक्टूबर- कूष्माण्डा पूजा

  • 19 अक्टूबर – स्कन्दमाता पूजा

  • 20 अक्टूबर – कात्यायनी पूजा

  • 21 अक्टूबर – कालरात्रि पूजा

  • 22 अक्टूबर- दुर्गा अष्टमी, महागौरी पूजा

  • 23 अक्टूबर – महानवमी, हवन

  • 24 अक्टूबर – विजयादशमी, नवरात्रि पारण, दुर्गा विसर्जन

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Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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