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दिग्गज फिल्मकार कसीनथुनी विश्वनाथ का निधन, चिरंजीवी-अनिल कपूर सहित कई हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि

तेलुगु सिनेमा के अलावा तमिल और हिंदी फिल्मों में भी कसीनथुनी विश्वनाथ ने काफी लोकप्रियता हासिल की थी. वह दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किए जाने वाले 48वें शख्स थे. इस पुरस्कार को भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान माना जाता है. उन्हें 2016 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया था.

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित मशहूर फिल्मकार कसीनथुनी विश्वनाथ का हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. वह 92 वर्ष के थे. सूत्रों ने बताया कि विश्वनाथ काफी समय से बीमार थे और उन्हें उम्र संबंधी पेरशानियां थीं. उन्होंने बृहस्पतिवार देर रात अस्पताल में अंतिम सांस ली. ‘कलातपस्वी’ के नाम से मशहूर विश्वनाथ का जन्म फरवरी 1930 में आंध्र प्रदेश में हुआ था.

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से हुए थे सम्मानित

तेलुगु सिनेमा के अलावा तमिल और हिंदी फिल्मों में भी उन्होंने काफी लोकप्रियता हासिल की थी. वह दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किए जाने वाले 48वें शख्स थे. इस पुरस्कार को भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान माना जाता है. उन्हें 2016 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया था.

वेंकैया नायडू ने जताया दुख

पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने ट्वीट किया, ‘‘प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक के विश्वनाथ के निधन के बारे में सुनकर बेहद दुखी हूं.’’उन्होंने कहा, ‘‘फिल्म निर्माता के तौर पर विश्वनाथ ने अपनी फिल्मों को वैश्विक मंच पर पहचान दिलवाई. भगवान उनकी आत्मा को शांति दे. ओम शांति.’’

विश्वनाथ प्रतिष्ठित फिल्म निर्देशक थे

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भी विश्वनाथ के निधन पर शोक व्यक्त किया. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में राव के हवाले से कहा गया है, ‘‘विश्वनाथ प्रतिष्ठित फिल्म निर्देशक थे, जिन्होंने साधारण कहानियों को अपनी अद्भुत प्रतिभा के दम पर बड़े पर्दे पर एक ‘क्लासिक फिल्म’ के रूप में पेश किया.’’

लोगों के दिलों में हमेशा रहेंगे

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने कहा, ‘‘विश्वनाथ तेलुगु संस्कृति व भारतीय कलाओं का आईना हैं. उनके निर्देशन में बनी फिल्मों ने तेलुगु फिल्म उद्योग को अद्वितीय सम्मान दिलाया. वह एक कलाकार के रूप में तेलुगु भाषी लोगों के दिलों में हमेशा रहेंगे.’’

एक अपूरणीय क्षति है

अभिनेता चिरंजीवी ने ट्वीट किया, ‘‘सदमे में हूं. के विश्वनाथ का जाना भारतीय/तेलुगु सिनेमा और मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से एक अपूरणीय क्षति है. कई बेहतरीन फिल्में देने वाले महान फिल्मकार हमेशा (यादों में) जिंदा रहेंगे. ओम शांति.’’


इन सितारों ने भी दी श्रद्धांजलि

फिल्म उद्योग से जुड़े कई अन्य लोगों ने भी विश्वनाथ के निधन पर शोक जताया. कमल हासन, अनिल कपूर, जूनियर एनटीआर और अल्लू अर्जुन सहित कई सितारों ने दिग्गज फिल्म निर्माता को श्रद्धांजलि दी. जूनियर एनटीआर ने अपने ट्विटर हैंडल पर मूविंग नोट के साथ दिग्गज की एक तस्वीर साझा की. “महाद्वीपों में तेलुगु सिनेमा की प्रसिद्धि फैलाने वालों में विश्वनाथ का उच्च स्थान है. उन्होंने शंकरभरण और सागर संगम जैसी कई अविश्वसनीय फिल्में दीं. उनके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना है और उनकी आत्मा को शांति मिले.”


‘साउंड आर्टिस्ट’ से की थी करियर की शुरुआत

बतौर ‘साउंड आर्टिस्ट’ अपने करियर की शुरुआत करने वाले विश्वनाथ ने ‘शंकराभरणम’, ‘सागर संगमम’, ‘स्वाति मुत्यम’, ‘सप्तपदी’, ‘कामचोर’, ‘संजोग’ और ‘जाग उठा इंसान’ जैसी हिट फिल्मों का निर्देशन किया, जिन्होंने कई पुरस्कार भी अपने नाम किए.

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अपने करियर में बनाई थी लगभग 50 फिल्में 

अपने शानदार करियर में उन्हें 1992 में पद्म श्री, पांच बार राष्ट्रीय पुरस्कार, 20 नंदी पुरस्कार (आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा दिए जाने वाला पुरस्कार) और ‘लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार’ सहित 10 फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिले. विश्वनाथ ने अपने करियर में करीब 50 फिल्में बनाईं. तेलुगु फिल्म उद्योग के एक प्रसिद्ध फिल्म निर्माता होने के साथ ही उन्होंने तमिल और हिंदी सिनेमा के लिए भी काम किया.

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