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गुजरात चुनाव 2022 : जमालपुर खड़िया में कांग्रेस की टेंशन बढ़ा रहा है एआईएमआईए, जानें इस सीट का समीकरण

Gujarat Election 2022: साल 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के इमरान खेडावाला ने 75,346 वोट प्राप्त कर जीत हासिल की थी. भाजपा के भट्ट 46,000 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे. जानें इस बार का समीकरण

Gujarat Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो चली है. दूसरे चरण का मतदान सोमवार को होना हैं. आइए इस बीच अहमदाबाद शहर की मुस्लिम बहुल जमालपुर खड़िया विधानसभा सीट पर नजर डालते हैं, जहां असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिए-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चुनाव मैदान में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय होता नजर आ रहा है.

कांग्रेस के लिए अपने पूर्व विधायक के एआईएमआईम के प्रत्याशी के तौर पर इस सीट पर चुनाव मैदान में उतरने से चिंता पैदा हो गयी है. जमालपुर खड़िया सीट पर गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में पांच दिसबर को अन्य 92 सीट के साथ मतदान होगा. इस सीट पर पूर्व कांग्रेस विधायक सबीर काबलीवाला ने 2012 में पार्टी प्रत्याशी समीर खान सिपाई के विरुद्ध निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर विधानसभा चुनाव लड़ा था और मुस्लिम वोट में सेंध लगायी थी, फलस्वरूप भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी भूषण भट्ट जीत गये थे.

साल 2017 का हाल जानें

साल 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के इमरान खेडावाला ने 75,346 वोट प्राप्त कर जीत हासिल की थी. भाजपा के भट्ट 46,000 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे. काबलीवाला ने यह चुनाव नहीं लड़ा था. इस बार काबलीवाला एआईएमआई के प्रत्याशी के तौर चुनाव मैदान में हैं और भाजपा बड़ी प्रसन्नता के साथ सबकुछ देख रही है. कांग्रेस उम्मीदवार और निवर्तमान विधायक खेडावाला ने दावा किया कि एआईएमआई और आम आदमी पार्टी (आप) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘‘बी-टीम” हैं. उन्होंने कहा कि मतदाताओं को पता है कि कैसे काबलीवाला ने 2012 में भाजपा को जिताने में मदद की और वह (काबलीवाला) इस बार भी इसकी पृनरावृति सुनिश्चित करना चाहते हैं.

कांग्रेस की संभावना के लिए घातक होगा ये

‘छीपा मुस्लिम समुदाय’ के वोट का इधर-उधर होना कांग्रेस की संभावना के लिए घातक साबित होगा और भाजपा को फायदा मिलेगा. खेडावाला (कांग्रेस) और काबलीवाला (एआईएमआईएम) छीपा मुस्लिम समुदाय से आते हैं और इस निर्वाचन क्षेत्र में इस समुदाय के मतदाता अच्छी खासी संख्या में हैं. गुजरात में पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरकर खाता खोलने की उम्मीद लगाए बैठी एआईएमआई के लिए भी मैदान आसान नहीं है क्योंकि पार्टी इस धारणा के विरुद्ध लड़ रही है कि उसके प्रवेश के कारण मुस्लिम वोट बंट जाएंगे और भाजपा को फायदा होगा.

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करीब 65 फीसद मतदाता मुस्लिम समुदाय के

जमालपुर खड़िया में करीब 65 फीसद या 1,35,000 मतदाता मुस्लिम समुदाय के हैं जबकि हिंदू मतदाता 70,000 हैं. यह ऐसा निर्वाचन क्षेत्र हैं जिसपर एआईएमआईएम ने विशेष ध्यान दिया है. पार्टी ने 2021 के स्थानीय निकाय चुनाव में गुजरात की राजनीति में कदम रखा था. भाजपा ने भूषण भट्ट को फिर इस बार चुनाव मैदान में उतारा है लेकिन खेडावाला को एआईएमआईम के प्रदेश अध्यक्ष काबलीवाला से बड़ी चुनौती मिल रही है. हालांकि काबलीवाला के लिए चीजें आसान नहीं है क्योंकि मुस्लिम मतदाताओं का एक वर्ग महसूस करता है कि वह कांग्रेस को हराने के इरादे से भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं.

एआईएमआईएम को वाकई मुसलमानों के कल्याण की फिक्र

कुरैशी ने 2017 में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था. वह बाद में एआईएमआईएम में शामिल हुए थे लेकिन कुछ ही महीनों बाद वह पार्टी से निकल गये. उन्होंने कहा कि यदि एआईएमआईएम को वाकई मुसलमानों के कल्याण की फिक्र है , जिसका वह दावा करती है, तो उसे 2021 में अहमदाबाद नगर निकाय में निर्वाचित हुए अपने चार पार्षदों के माध्यम से इस समुदाय के मुद्दों को उठाना चाहिए था. एआईएमआईएम को 2021 के स्थानीय चुनाव में सफलता मिली थी जिसके बाद उसे 2022 में विधानसभा चुनाव में 13 सीट पर उम्मीदवार उतारकर गुजरात की राजनीति में कदम रखने का प्रोत्साहन मिला.

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