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BBMKU : वित्त अधिकारी पर हुई कार्रवाई, वित्तीय अनियमितता के आरोप में 20 दिनों में हटाये गये पांच अधिकारी

बिनाेद बिहारी महताे काेयलांचल विश्वविद्यालय में वित्तीय अनियमितता के आरोप में शुक्रवार को विवि के पांचवें अधिकारी के खिलाफ राजभवन ने कार्रवाई की है.

अशोक कुमार, धनबाद : बिनाेद बिहारी महताे काेयलांचल विश्वविद्यालय में वित्तीय अनियमितता के आरोप में शुक्रवार को विवि के पांचवें अधिकारी के खिलाफ राजभवन ने कार्रवाई की है. राजभवन ने विवि के निवर्तमान वित्त अधिकारी डॉ मुनमुन शरण के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने और भविष्य में उन्हें कोई भी प्रशासनिक दायित्व नहीं देने का निर्देश बीबीएमकेयू प्रशासन को दिया है. डॉ मुनमुन शरण का विवि के वित्त अधिकारी का कार्यकाल 19 अक्तूबर को पूरा हो गया था. उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही राजभवन को पत्र लिखकर आगे वित्त अधिकारी के पद रहने को लेकर अपनी असमर्थता बता दी थी. विवि में अभी वित्त अधिकारी का पद खाली है. डॉ मुनमुन शरण विवि में अर्थशास्त्र विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. वह विवि के मैनेजमेंट स्टडीज विभाग के विभागाध्यक्ष भी हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश मिलने के बाद विवि प्रशासन इसके कानूनी पहलुओं को समझ रहा है कि विभागाध्यक्ष का पद प्रशासनिक है या एकेडमिक. यह राय मिलने के बाद ही डॉ मुनमुन शरण का मैनेजमेंट स्टडीज का विभागाध्यक्ष आगे रखने या हटाने पर निर्णय लिया जायेगा.

अब तक वीसी समेत पांच पर हो चुकी है कार्रवाई

राजभवन ने सबसे पहले 13 अक्तूबर को पूर्व कुलपति प्राे शुकदेव भाेइ भ्रष्टाचार के आरोप में हटाया था. इसके बाद 27 अक्टूबर को वित्त सलाहकार (एफए) संजय कुमार वर्मा काे कर्तव्यहीनता के आरोप पदमुक्त किया गया. फिर गुरुवार दो नवंबर को पूर्व रजिस्ट्रार सह प्रॉक्टर डॉ सुधिन्ता सिन्हा और सीसीडीसी डॉ अशोक कुमार माजी को भी वित्तीय अनियमितता के आरोप में पदमुक्त कर दोनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गयी थी. साथ ही भविष्य में उन्हें किसी प्रशासनिक पद पर नियुक्त नहीं करने का निर्देश दिया था.

इमानदारी से किया कर्तव्य का निर्वहन : डॉ मुनमुन शरण

बतौर एफए मैंने इमानदारी से कर्तव्य का निर्वहन किया है. प्रो भोइ मेरे एफए बनने से पहले से 27 प्रतिशत एचआरए ले रहे थे. इस मामले में एमएचआरडी का निर्देश मिलने पर प्रो भोइ से इसकी रिकवरी की गयी थी. डोनर एंड स्पांसरशिप फंड के गठन में वित्त विभाग की कोई भूमिका नहीं थी. इस फंड के गठन के लिए एकेडमिक काउंसिल से मंजूरी ली गयी थी. फंड का पूरा हिसाब है. एक पैसे का भी हेरफेर नहीं हुआ है. जहां तक टेंडर जारी करने गड़बड़ी की बात है तो इसमें भी वित्त विभाग की भूमिका नहीं थी. मैंने व्यक्तिगत पहल करते हुए पूर्व कुलपति को डेपूटेशन एलाउंस लेने से रोक दिया था.

– डॉ मुनमुन शरण, निर्वतमान एफओ, बीबीएमकेयू

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Prabhat Khabar News Desk
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