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परिणाम चाहे जैसा भी हो, पॉजिटिव सोचें और भविष्य के लिए तैयारी करें

जैक 10वीं का रिजल्ट इसी महीने के अंत तक जारी किया जायेगा. वहीं, 12वीं साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स का रिजल्ट एक दो दिन के अंतराल में जारी किया जायेगा. इसके बाद सीबीएसइ और आइसीएसइ का रिजल्ट जारी होंगे. ऐसे में विद्यार्थियों के साथ अभिभावकों की भी चिंता बढ़ गयी है.

जैक(JAC), सीबीएसइ (CBSE) व आइसीएसइ (ICSE) की 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा समाप्त हो चुकी है. जैक 10वीं का रिजल्ट इसी महीने के अंत तक जारी किया जायेगा. वहीं, 12वीं साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स का रिजल्ट एक दो दिन के अंतराल में जारी किया जायेगा. इसके बाद सीबीएसइ और आइसीएसइ का रिजल्ट जारी होंगे. ऐसे में विद्यार्थियों के साथ अभिभावकों की भी चिंता बढ़ गयी है. विद्यार्थियों ने दो वर्ष ऑनलाइन पढ़ाई करने के बाद ऑफलाइन परीक्षा दी. इससे रिजल्ट काे लेकर विद्यार्थी चिंतित हैं. तनाव बना हुआ है.

अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चे एग्जाम के रिजल्ट को लेकर टेंशन में हैं. मनोवैज्ञानिक बच्चों की इस परिस्थिति को ‘रिजल्ट फोबिया’ (Result Phobia) कह रहे हैं. बच्चों को इससे उभरने के लिए अभिभावकों को बच्चों के साथ ज्यादा समय बिताने की सलाह दी जा रही है. घर में खुशनुमा माहौल बना बच्चे को संभाला जा सकता है. बच्चे दबाव में न आयें इसके लिए अभिभावकों का साथ महत्वपूर्ण है.

तीन बोर्ड के रिजल्ट कतार में

जैक बोर्ड

जैक 10वीं बोर्ड और 12वीं साइंस और कॉमर्स की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन खत्म हो चुका है. इनका रिजल्ट पहले चरण में 30 जून तक जारी कर दिया जायेगा. वहीं, 12वीं कला संकाय का मूल्यांकनकार्य अंतिम चरण पर है. दूसरे चरण यानी जुलाई के प्रथम सप्ताह में यह भी जारी कर दिया जायेगा.

आइसीएसइ

आइसीएसइ की उत्तरपुस्तिकाओं को दूसरे सेंटर पर भेज मूल्यांकन कार्य खत्म कराया जा रहा है. 10वीं के विद्यार्थियों के अंकों का आकलन चल रहा है. वहीं, 12वीं के तीनों संकाय में शामिल विद्यार्थियों का मूल्यांकन तेजी से हो रहा है. बोर्ड 15 जुलाई तक 10वीं और 12वीं के रिजल्ट को जारी करने की तैयारी में है.

सीबीएसइ

सीबीएसइ बोर्ड ने 20 जून तक 10वीं और 30 जून तक 12वीं बोर्ड के मूल्यांकन कर अंक उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं. मूल्यांकन कार्य जल्द खत्म कराने की जिम्मेदारी एक्सपर्ट शिक्षकों को दी है. उम्मीद है कि 10वीं का रिजल्ट जुलाई के पहले हफ्ते और 12वीं का रिजल्ट 25 जुलाई तक जारी हो जायेगा.

अभिभावकों ने कहा

बेटी ने 10वीं बोर्ड की परीक्षा दी है. परीक्षा भी देर से शुरू हुई. वह रिजल्ट को लेकर चिंतित है. इस परिस्थिति में बेटी को ज्यादा से ज्यादा समय दे रहा हूं. साकारात्मक माहौल तैयार कर आगे के लक्ष्य के लिए प्रेरित कर रहा हूं.

सुमित नीरज, धुर्वा

एक रिजल्ट पूरे करियर का निर्णय कर सकती है. बहन को परीक्षा के बाद से इस बात से प्रेरित कर रही हूं. रिजल्ट मेहनत का प्रतिबिंब है. मैट्रिक परीक्षा के बाद से उसे करियर ऑप्शन देकर आगे के कोर्स की जानकारी दे रही हूं.

पूनम कुमारी, अरगोड़ा

बच्चों ने कहा

रिजल्ट का इंतजार है, प्रेशर भी बना हुआ है. पेपर अच्छे गये थे. रिजल्ट फोबिया को दूर करने में माता-पिता का सहयोग मिल रहा है. घर में सकारात्मक माहौल के साथ 11वीं के सिलेबस पर फोकस कर रही हूं.

संस्कृति, केराली स्कूल

दो वर्ष ऑनलाइन क्लास हुए, पर परीक्षा ऑफलाइन हुई. इससे रिजल्ट को लेकर चिंता है. पॉजिटिव अप्रोच के साथ रिजल्ट का इंतजार है. टेंशन कम करने के िलए 11वीं के विभिन्न संकाय की जानकारी ले रही हूं.

आंशिका कुमारी, महेश्वरी गर्ल्स हाई स्कूल

रिजल्ट के तनाव को दूर करने में किताबें मददगार है. रिजल्ट फोबिया दूर करने के लिए सभी दोस्त आपस में मिल कर भविष्य के करियर ऑप्शन की जानकारी ले रहे हैं. इसमें परिवार का सपोर्ट मिल रहा है. मेहनत पर विश्वास है.

अनुष्का दत्ता, बिशप वेस्टकॉट गर्ल्स स्कूल डोरंडा

पढ़ाई के विकल्पों की सोचें

कम अंक आने पर भी पढ़ाई के कई विकल्प हैं. विषयवार अंक से अपनी जानकारी का आकलन करने से बचें. घबराये नहीं और न ही परिणाम की चिंता करें. अभिभावक भी बच्चों का साथ दें.

दिव्या सिंह, प्राचार्या, बाल कृष्णा +2 स्कूल

कोरोना काल सभी के लिए मुश्किल था. रिजल्ट फोबिया से बचने की जरूरत है. िवद्यार्थियों को कम अंक आने पर भविष्य में कठिन परिश्रम कर बेहतर प्रदर्शन करने की सीख लेनी है.

डॉ राम सिंह, प्राचार्य, डीपीएस रांची व सीबीएसई को-ऑर्डिनेटर

बच्चे तनाव न लें. परीक्षा का ही नाम जीवन है. यह अंतिम परीक्षा नहीं है. परिणाम चाहे जो हो, हमेशा हमेशा सकारात्मक रूप से लेना चाहिए. अभिभावक भी बच्चों पर परिणाम को लेकर प्रेशर न दें और न ही नकारात्मक सोच रखें.

सिस्टर जोसेफिन खाखा, प्राचार्या, सेक्रेट हार्ट स्कूल हुलहुंडू

मनोवैज्ञानिक की राय

रिजल्ट को लेकर बच्चे अक्सर तनाव महसूस करते हैं. अभिभावक दूसरों के प्रदर्शन देख कर अपने बच्चों दबाव न बनायें. एग्जाम का रिजल्ट ओवर थिंकिंग का विषय नहीं है. इससे बच्चों में नकारात्मक सोच और डर की स्थिति बनती है. अभिभावक बच्चों के दिनचार्या और खान-पान पर ध्यान रखें. बच्चें भी अपनी तुलना कभी दूसरों से न करें. यह ध्यान रखें कि रिजल्ट के बाद भी भविष्य के कई विकल्प है. सिर्फ एक परीक्षा अंतिम लक्ष्य नहीं दिला सकती. तनाव की स्थिति बनने पर दूसरों से अपनी चिंता साझा करें. परिवार व दोस्तों से खुल कर बातें करें. रिजल्ट को लेकर नकारात्मक सोच आये, तो खुद को दूसरे काम में व्यस्त करें.

डॉ भूमिका सच्चर, मनोवैज्ञानिक

अभिभावकों के लिए जरूरी

  • बच्चों पर अच्छे नंबर लाने का प्रेशर न डालें

  • किसी अन्य से अपने बच्चे की तुलना न करें

  • नंबर ज्यादा हों या कम सामान्य रूप में देखें

  • परिणाम आने पर बच्चें से कोई बहस न करें

  • बच्चे पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी न करें

  • हर हाल में अपने बच्चों को सपोर्ट करें

बच्चों के लिए जरूर

  • घबराये नहीं,संयम बनाकर रखें

  • इस रिजल्ट को अंतिम नहीं मानें

  • परिणाम नयी शुरुआत बन सकती है

  • हर परिस्थिति में सकारात्मक सोचें

  • परिणाम को अपने भविष्य से न जोड़ें

  • खुद का आकलन करें और आगे बढ़ें

इन बातों का रखें ध्यान

  • घर पर खुशनुमा माहौल बनाये रखें

  • बच्चों के साथ आउटिंग पर जायें

  • अभिभावक खुद भी रिलैक्स रहें

  • असफलता के लिए बच्चों को न डांटें

  • बच्चों से हमेशा रिजल्ट की बात न करें

  • बच्चे फिजिकल एक्सरसाइज पर ध्यान दें

  • सकारात्मक कहानियों से प्रोत्साहित करें

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