Us Tariff:अमेरिका ने आखिरकार अपने जवाबी टैरिफ का ‘ब्रह्मास्त्र’ छोड़ दिया है. बुधवार से ये टैरिफ लागू होने वाले हैं और इसका असर देखे तो भारत समेत दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ेगा. अब इसका असर भारतीय शेयर बाजार पहले ही इस आहट से कांप गया. मंगलवार को सेंसेक्स करीब 1400 अंकों तक धड़ाम हो गया और निफ्टी में भी 353 अंकों की गिरावट दर्ज की गई. यानी निवेशकों के लिए झटका और सरकार के लिए चुनौती.
भारत ने भी तैयार किया ‘सुरक्षा कवच’
अमेरिकी टैरिफ का असर कम करने के लिए भारत सरकार भी चौकन्नी हो गई है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने अपनी रणनीति तैयार कर ली है, ताकि व्यापार पर न्यूनतम असर पड़े. अब देखना यह होगा कि सरकार का ये ‘डिफेंस सिस्टम’ कितना कारगर साबित होता है.
व्हाइट हाउस की ‘धमाकेदार’ घोषणा
व्हाइट हाउस ने मंगलवार को बयान जारी कर बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बहुप्रतीक्षित टैरिफ प्लान तय वक्त से पहले ही लागू होने जा रहा है. बुधवार रात या गुरुवार सुबह से ये शुल्क प्रभावी हो जाएंगे. मतलब, दुनियाभर के लिए आर्थिक उथल-पुथल शुरू.
ट्रंप की ‘टैक्स पॉलिसी’ का फंडा
ट्रंप साहब ने पहले ही साफ कर दिया था कि अमेरिका उन देशों पर बराबर का टैक्स ठोकेगा, जो अमेरिकी उत्पादों पर भारी-भरकम शुल्क लगाते हैं. ट्रंप ने 2 अप्रैल को ‘लिबरेशन डे’ (मुक्ति दिवस) बताया और दावा किया कि भारत अपने टैरिफ घटाने जा रहा है. अब देखना दिलचस्प होगा कि भारत इस पर क्या जवाब देता है.
कैरोलिन लेविट का ‘स्पेशल अपडेट’
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने बताया कि ट्रंप और उनकी टीम पूरी रणनीति को अंतिम रूप देने में जुटी है. उन्होंने कहा, “अगले 24 घंटों में आपको और जानकारी मिलेगी.” साथ ही उन्होंने यह भी इशारा कर दिया कि अमेरिका उन देशों से बातचीत करने को तैयार है जो टैरिफ में छूट चाहते हैं.
‘डील या नो डील’ – अमेरिका की नई चाल
लेविट ने कहा कि ट्रंप इस बार कोई गलती नहीं दोहराएंगे. उनका मकसद अमेरिकी श्रमिकों के लिए बेहतर सौदा करना है. लेकिन साथ ही, वो उन देशों से बातचीत के लिए भी तैयार हैं, जो टैरिफ कम कराना चाहते हैं. यानी अमेरिका का रुख सख्त है, लेकिन बातचीत की गुंजाइश भी है.
‘लिबरेशन डे’ पर बड़ा धमाका
बुधवार को ‘लिबरेशन डे’ के मौके पर ट्रंप व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में शाम 4 बजे (स्थानीय समय) टैरिफ की आधिकारिक घोषणा करेंगे. इससे पहले उन्होंने कनाडा, मैक्सिको और चीन पर भी भारी शुल्क लगाए थे. अब कारों पर स्थायी टैरिफ गुरुवार से लागू होने जा रहे हैं.
‘दुनिया की इकोनॉमी पर असर’
अमेरिका के इस फैसले का असर सिर्फ भारत पर ही नहीं, बल्कि चीन, यूरोपीय संघ और अन्य बड़े व्यापारिक साझेदारों पर भी पड़ेगा. कई देश इस पर जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं, जिससे व्यापार युद्ध और बढ़ सकता है.
‘आगे क्या?’
अमेरिका के इस फैसले ने भारत समेत पूरी दुनिया के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है. अब देखना यह होगा कि भारत सरकार कैसे इस ‘अर्थिक युद्ध’ में अपनी रणनीति अपनाती है और निवेशकों का भरोसा बनाए रखती है.
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