Reciprocal Tariffs : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार देर रात घोषणा की कि अमेरिका, भारत सहित कई देशों पर रेसिप्रोकल (पारस्परिक) टैरिफ लगाएगा. इसके तहत भारत पर 26% टैरिफ लागू किया जाएगा. ट्रम्प ने कहा कि भारत अमेरिका पर 52% तक टैरिफ लगाता है, इसलिए अमेरिका जवाब में आधा टैरिफ लगाएगा.
ट्रम्प ने कहा, “भारत हमारे साथ बहुत सख्ती से पेश आता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेरे अच्छे मित्र हैं, लेकिन व्यापारिक नीतियों में अमेरिका के साथ न्यायसंगत व्यवहार नहीं किया जा रहा.” उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका उन सभी देशों पर टैरिफ लगाएगा जो अमेरिका से अधिक शुल्क वसूल रहे हैं. हालांकि, यह शुल्क पूरी तरह रेसिप्रोकल (बराबर) नहीं होगा, बल्कि संबंधित देश द्वारा लगाए गए शुल्क का लगभग आधा होगा.
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— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) April 2, 2025
Trump announces 26% 'discounted' reciprocal tariffs on India.
"India very very TOUGH, PM Modi is a great friend of Mine. India charge us 52%", says Trump.
— 26% DISCOUNT for India. pic.twitter.com/qgv6Z8CEvi
टैरिफ क्या होता है?
टैरिफ (Tariff) एक प्रकार का कर या शुल्क होता है, जो किसी देश की सरकार द्वारा आयात (Import) या निर्यात (Export) किए जाने वाले सामान पर लगाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य घरेलू उद्योगों की रक्षा करना, विदेशी व्यापार को नियंत्रित करना और सरकारी राजस्व बढ़ाना होता है.
किन देशों पर कितना टैरिफ लागू होगा?
अमेरिका ने करीब 60 देशों पर उनके टैरिफ की तुलना में आधा शुल्क लगाने का निर्णय लिया है. इसके अलावा, सभी आयातित उत्पादों पर 10% बेसलाइन टैरिफ भी लगाया जाएगा.
देश | टैरिफ प्रतिशत (%) |
भारत | 26% |
चीन | 34% |
यूरोपीय संघ | 20% |
दक्षिण कोरिया | 25% |
जापान | 24% |
वियतनाम | 46% |
ताइवान | 32% |


बेसलाइन और रेसिप्रोकल टैरिफ की शुरुआत
- बेसलाइन टैरिफ: 5 अप्रैल से लागू होगा, जो सामान्य व्यापार नियमों के तहत सभी आयात पर लगेगा.
- रेसिप्रोकल टैरिफ: 9 अप्रैल से लागू होगा, जो अन्य देशों द्वारा अमेरिका पर लगाए गए शुल्क के जवाब में लगाया जाएगा.
किन सेक्टरों में लागू होंगे टैरिफ?
- ऑटोमोबाइल सेक्टर: अमेरिका विदेशों में निर्मित वाहनों पर 25% आयात शुल्क लगाएगा. पहले अमेरिका केवल 2.4% टैरिफ वसूलता था, जबकि भारत 60%, वियतनाम 70%, और अन्य देश इससे भी अधिक शुल्क लगा रहे थे. ट्रम्प ने कहा, “50 वर्षों तक अमेरिका को लूटा गया, लेकिन अब यह खत्म होगा.”
- टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक्स: अमेरिका अन्य देशों से आयात होने वाले स्मार्टफोन, लैपटॉप, सेमीकंडक्टर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर 12-15% तक शुल्क लगाएगा. खासतौर पर चीन, दक्षिण कोरिया और ताइवान से आने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स पर ज्यादा टैरिफ लगेगा.
- स्टील और एल्युमिनियम इंडस्ट्री: अमेरिका स्टील और एल्युमिनियम उत्पादों पर 18-22% तक टैरिफ लगाएगा. इससे भारतीय और चीनी कंपनियों के लिए अमेरिकी बाजार में व्यापार महंगा हो सकता है.
- फार्मा और हेल्थकेयर सेक्टर: दवाओं और मेडिकल उपकरणों के आयात पर भी अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा. चीन, भारत और यूरोपीय देशों से आने वाली दवाओं पर 10-20% टैरिफ लागू हो सकता है.
- टेक्सटाइल इंडस्ट्री : अमेरिका कपड़ा और रेडीमेड गारमेंट्स के आयात पर भी टैरिफ बढ़ाने की योजना बना रहा है. चीन और भारत के कपड़ा उद्योग को इससे बड़ा झटका लग सकता है.
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