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Petrol Diesel Price: घट सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम, बढ़ती महंगाई को देखते हुए टैक्स में छूट दे सकती है सरकार

petrol diesel rate टैक्स और इम्पोर्ट ड्यूटी कम करने से केवल पेट्रोल-डीजल के दाम भर कम नहीं होंगे, बल्कि इसका असर अन्य चीजों पर भी पड़ेगा. खबर है कि सरकार मक्के के दाम में भी कटौती कर सकती है. सोया तेल और दूध की कीमत भी कम हो सकती है.

बढ़ती महंगाई से कराह रही आम जनता को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बड़ी राहत देने की तैयारी में है. ऐसी खबर आ रही है कि पेट्रोल और डीजल के दाम कम हो सकते हैं. सरकार फ्यूल पर टैक्स कम कर सकती है. रिपोर्ट के अनुसार सरकार यह फैसला महंगाई दर को कम करने के लिए ले सकती है.

पेट्रोल-डीजल के साथ इन चीजों के भी घट सकते हैं दाम

टैक्स और इम्पोर्ट ड्यूटी कम करने से केवल पेट्रोल-डीजल के दाम भर कम नहीं होंगे, बल्कि इसका असर अन्य चीजों पर भी पड़ेगा. खबर है कि सरकार मक्के के दाम में भी कटौती कर सकती है. सोया तेल और दूध की कीमत भी कम हो सकती है.

इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती कर सकती है सरकार

रॉयटर्स के हवाले से खबर है कि फरवरी में महंगाई दर के आंकड़े आने के बाद केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल के दाम करने पर फैसला कर सकती है. भारत की वार्षिक महंगाई दर इस समय 5.72 से बढ़कर 6.52 हो गयी है. सरकार इम्पोर्ट ड्यूटी भी कम कर सकती है.

Also Read: भारत की थोक मुद्रास्फीति जनवरी में लगातार दूसरे महीने नरम, खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी दर्ज

कच्चे तेल के दाम में गिरावट

वैश्विक स्तर पर बात करें तो इस समय कच्चे तेल के दामों में गिरावट आयी है. कच्चा तेल की कीमत 82 रुपये की गिरावट के साथ 6,564 रुपये प्रति बैरल रह गया. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में कच्चे तेल का फरवरी माह में डिलिवरी होने वाला अनुबंध 82 रुपये या 1.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 6,564 रुपये प्रति बैरल रह गया. इसमें 4,425 लॉट के लिए कारोबार हुआ. वैश्विक स्तर पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट कच्चा तेल 1.04 प्रतिशत की गिरावट के साथ 79.31 डॉलर प्रति बैरल रह गया जबकि ब्रेंट क्रूड का दाम 0.62 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता 86.07 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था.

मुद्रास्फीति जनवरी में घटकर दो साल के निचले स्तर 4.73 प्रतिशत पर

विनिर्मित वस्तुओं, ईंधन और बिजली की कीमतों में कमी आने से थोक मुद्रास्फीति जनवरी में लगातार आठवें महीने घटकर दो साल के निचले स्तर 4.73 प्रतिशत पर आ गई. हालांकि, खाद्य वस्तुओं की महंगाई ऊंची बनी हुई है. यह लगातार आठवां महीना है जब थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की दर घटी है. थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई दर दिसंबर, 2022 में 4.95 प्रतिशत और जनवरी, 2022 में 13.68 प्रतिशत थी.

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