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1 अप्रैल से महंगे हो जाएंगे मोबाइल हैंडसेट, अब 12 फीसदी के बजाय 18 फीसदी देना होगा टैक्स

मोबाइल फोन के शौक़ीनों के लिए एक झटका देने वाली खबर है और वह यह कि आगामी एक अप्रैल से बाजार में मोबाइल हैंडसेट महंगे हो जाएंगे. अब आपको मोबाइल हैंडसेट की खरीद करने पर 12 फीसदी के बजाय 18 फीसदी टैक्स का भुगतान करना होगा. शनिवार को जीएसटी परिषद की बैठक में टैक्स की दरों में इजाफा करने का फैसला किया गया है. ये नयी दरें एक अप्रैल से लागू हो जाएंगी.

नयी दिल्ली : मोबाइल फोन के शौक़ीनों के लिए एक झटका देने वाली खबर है और वह यह कि आगामी एक अप्रैल से बाजार में मोबाइल हैंडसेट महंगे हो जाएंगे. अब आपको मोबाइल हैंडसेट की खरीद करने पर 12 फीसदी के बजाय 18 फीसदी टैक्स का भुगतान करना होगा. शनिवार को जीएसटी परिषद की बैठक में टैक्स की दरों में इजाफा करने का फैसला किया गया है. ये नयी दरें एक अप्रैल से लागू हो जाएंगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शनिवार को यहां हुई जीएसटी परिषद की बैठक में यह फैसला किया गया.

बैठक के बाद सीतारमण ने बताया कि परिषद ने विमानों के रखरखाव, मरम्मत, ओवरहॉल (एमआरओ) सेवाओं पर जीएसटी की दर को 18 से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया है. परिषद ने हैंडमेड और मशीनों दोनों प्रकार से बनी माचिस की तीलियों पर जीएसटी की दर को तर्कसंगत कर समान रूप से 12 फीसदी कर दिया है. जीएसटी परिषद की इस बैठक में दो करोड़ रुपये से कम कारोबार वाली इकाइयों को वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 के लिए वार्षिक रिटर्न भरने में देरी पर लागू विलम्ब-शुल्क को माफ करने का फैसला किया गया है.

वित्त मंत्री ने बताया कि एक जुलाई से जीएसटी भुगतान में देरी पर शुद्ध कर देनदारी पर ब्याज लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि परिषद ने इन्फोसिस से जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) में अधिक दक्ष कर्मचारी लगाने, जीएसटी नेटवर्क की क्षमता बढ़ाने को कहा है, ताकि इस प्रणाली को किसी तरह की बाधा से मुक्त किया जा सके. इन्फोसिस ने जीएसटीएन को डिजाइन किया है. परिषद ने कंपनी से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि जुलाई, 2020 तक यह प्रणाली अधिक बेहतर तरीके से काम करे.

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