13.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

जून में जीएसटी कलेक्शन ने बनाया नया रिकॉर्ड, स्लैब बदलने की तैयारी

GST Collection Update: जीएसटी परिषद, जो जीएसटी दरों और नियमों पर निर्णय लेने वाली महत्वपूर्ण संस्था है, जल्द ही अपनी अगली बैठक करने वाली है. इस बैठक में जीएसटी स्लैब में बड़े बदलाव पर विचार किया जा सकता है. मौजूदा समय में जीएसटी में चार प्रमुख स्लैब हैं: 5%, 12%, 18% और 28%.

GST Collection Update: जून महीने में देश के खजाने में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी हुई है। माल और सेवा कर (GST) के कलेक्शन ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है, जो आर्थिक गतिविधियों में तेज उछाल का साफ संकेत है। इस शानदार प्रदर्शन ने सरकार को बड़ी राहत दी है और अब कर व्यवस्था को और सरल बनाने की दिशा में अहम कदम उठाए जा रहे हैं। जल्द ही जीएसटी स्लैब में बड़े बदलाव की तैयारी चल रही है, जिससे आम जनता और व्यापारियों दोनों पर सीधा असर पड़ेगा और यह नया कदम देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत कर सकता है।

GST संग्रह में उछाल और इसका महत्व

जून 2025 में माल और सेवा कर (GST) संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जून 2025 में सकल जीएसटी संग्रह सालाना आधार पर 6. 2 प्रतिशत बढ़कर 1,84,597 करोड़ रुपये पहुंच गया. यह पिछले साल इसी महीने के 1,73,813 करोड़ रुपये से अधिक है. अप्रैल 2025 में जीएसटी संग्रह 2. 37 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था, जबकि मई 2025 में यह 2. 01 लाख करोड़ रुपये था. यह वृद्धि देश की मजबूत आर्थिक गतिविधियों और कर अनुपालन में सुधार का संकेत देती है. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने हाल ही में बताया कि चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में औसत मासिक शुद्ध जीएसटी संग्रह 10. 7 प्रतिशत बढ़कर 1,80,774 करोड़ रुपये हो गया है. जीएसटी लागू होने के बाद से करदाताओं की संख्या में भी लगातार वृद्धि हुई है. 2017 में 65 लाख पंजीकृत करदाता थे, जो अब 2025 में बढ़कर 1. 51 करोड़ से अधिक हो चुके हैं.

पृष्ठभूमि: जीएसटी का सफर

भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) को 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था. इसे देश के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष कर सुधारों में से एक माना जाता है. जीएसटी का विचार पहली बार 2000 में तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार द्वारा प्रस्तावित किया गया था. इसका मुख्य उद्देश्य एक “एक राष्ट्र, एक कर” प्रणाली बनाना था, जिससे देश को एक एकीकृत सामान्य बाजार मिल सके. जीएसटी से पहले, भारतीय कर प्रणाली जटिल थी, जिसमें केंद्र और राज्य दोनों सरकारों द्वारा लगाए गए कई अप्रत्यक्ष कर शामिल थे. इनमें उत्पाद शुल्क, वैट (मूल्य वर्धित कर), सेवा कर, केंद्रीय बिक्री कर, लक्जरी कर और मनोरंजन कर जैसे कई कर शामिल थे. जीएसटी ने इन सभी करों को एक एकल, सरल कर प्रणाली में बदल दिया. यह करों के “कैस्केडिंग प्रभाव” (कर पर कर) को कम करने में सहायक रहा है, जिससे वस्तुओं और सेवाओं की अंतिम लागत कम हो सकती है. जीएसटी एक बहुस्तरीय कर संरचना है, जिसमें CGST (केंद्रीय जीएसटी), SGST (राज्य जीएसटी) और IGST (एकीकृत जीएसटी) शामिल हैं. CGST केंद्र सरकार द्वारा एकत्र किया जाता है, SGST राज्य सरकारों द्वारा एकत्र किया जाता है, और IGST अंतर-राज्यीय लेनदेन पर एकत्र किया जाता है, जिसका राजस्व केंद्र और राज्यों के बीच साझा किया जाता है.

जीएसटी स्लैब में बदलाव की तैयारी

जीएसटी परिषद, जो जीएसटी दरों और नियमों पर निर्णय लेने वाली महत्वपूर्ण संस्था है, जल्द ही अपनी अगली बैठक करने वाली है. इस बैठक में जीएसटी स्लैब में बड़े बदलाव पर विचार किया जा सकता है. मौजूदा समय में जीएसटी में चार प्रमुख स्लैब हैं: 5%, 12%, 18% और 28%. सूत्रों के मुताबिक, 12% टैक्स स्लैब को पूरी तरह से हटाने का प्रस्ताव है. यदि यह बदलाव लागू होता है, तो 12% स्लैब में आने वाली वस्तुओं और सेवाओं को या तो 5% स्लैब में स्थानांतरित किया जा सकता है, जिससे वे सस्ती हो जाएंगी, या 18% स्लैब में, जिससे वे महंगी हो सकती हैं. उदाहरण के लिए, कंडेंस्ड मिल्क, फलों का रस, 20 लीटर पीने के पानी की बोतलें, वॉकी-टॉकी और कॉन्टैक्ट लेंस जैसे कई उत्पाद वर्तमान में 12% स्लैब में आते हैं. यदि ये आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में आते हैं तो 5% स्लैब में जा सकते हैं. वहीं, डिटर्जेंट और प्लास्टिक सामान जैसे गैर-जरूरी सामान 18% स्लैब में जा सकते हैं.

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, “यह सबसे व्यावहारिक तरीका है, लेकिन अंतिम फैसला जीएसटी परिषद का ही होगा.”

इस कदम का मुख्य मकसद जीएसटी प्रक्रिया को और आसान बनाना है. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने जीएसटी ढांचे में बड़े बदलाव के लिए सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है. माना जा रहा है कि अगस्त 2025 में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में बदलावों को लागू किए जाने पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है. इससे पहले, सितंबर 2021 में जीएसटी सरलीकरण के लिए मंत्रियों के एक समूह (GoM) का गठन किया गया था, जिसे दरों को तर्कसंगत बनाने का काम सौंपा गया था.

संभावित प्रभाव और आगे की राह

जीएसटी स्लैब में प्रस्तावित बदलावों का उपभोक्ताओं और व्यवसायों दोनों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है. यदि कुछ वस्तुएं 5% स्लैब में आती हैं, तो वे सस्ती हो जाएंगी, जिससे उपभोक्ताओं को सीधा लाभ होगा. वहीं, अगर वे 18% स्लैब में जाती हैं, तो वे महंगी हो सकती हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि 12% स्लैब हटाने से कर प्रणाली सरल होगी, विवाद कम होंगे और कामकाज आसान होगा. ईवाई इंडिया के सौरभ अग्रवाल के अनुसार, “12% स्लैब हटाने से टैक्स सिस्टम सरल होगा, झगड़े कम होंगे और कामकाज आसान होगा.” यह बदलाव सरकार के राजस्व पर भी प्रभाव डालेगा. वित्त मंत्री ने पहले कहा है कि सरकार मध्यम और निम्न मध्य वर्ग को ध्यान में रखते हुए सही फैसला करेगी. इस कदम से कर अनुपालन को बढ़ावा मिलने और अर्थव्यवस्था के संगठित होने में मदद मिलने की उम्मीद है. हालांकि, नई कर व्यवस्था की जटिलता छोटे व्यवसायों के लिए एक चुनौती बन सकती है, जिनके पास समर्पित एकाउंटेंट नियुक्त करने या ऐसी जटिलताओं से निपटने के लिए संसाधनों की कमी हो सकती है. जीएसटी परिषद की आगामी बैठक में छोटे दुकानदारों को मिलने वाले जीएसटी नोटिस के मुद्दे के साथ-साथ, सालाना टर्नओवर की लिमिट को बढ़ाने पर भी विचार हो सकता है. यह छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs) को जीएसटी पंजीकरण की आवश्यकता से छूट देकर राहत प्रदान कर सकता है. जीएसटी ने भारत के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, कर के कैस्केडिंग प्रभाव को दूर करके, अनुपालन बोझ को कम करके और एक एकीकृत बाजार बनाकर. नई नीतियों और सरलीकरणों के साथ जीएसटी प्रणाली का विकास जारी है, जिससे यह एक आधुनिक और वैश्विक प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण सुधार है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Rajeev Kumar
Rajeev Kumar
राजीव, 14 वर्षों से मल्टीमीडिया जर्नलिज्म में एक्टिव हैं. टेक्नोलॉजी में खास इंटरेस्ट है. इन्होंने एआई, एमएल, आईओटी, टेलीकॉम, गैजेट्स, सहित तकनीक की बदलती दुनिया को नजदीक से देखा, समझा और यूजर्स के लिए उसे आसान भाषा में पेश किया है. वर्तमान में ये टेक-मैटर्स पर रिपोर्ट, रिव्यू, एनालिसिस और एक्सप्लेनर लिखते हैं. ये किसी भी विषय की गहराई में जाकर उसकी परतें उधेड़ने का हुनर रखते हैं. इनकी कलम का संतुलन, कंटेंट को एसईओ फ्रेंडली बनाता और पाठकों के दिलों में उतारता है. जुड़िए [email protected] पर

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel