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एनपीएस में निवेश क्यों है फायदेमंद, जानिए कैसे करें Online Investment

एनपीएस (NPS) यानी राष्ट्रीय पेंशन योजना. यदि आप नौकरी पेशा हैं और भविष्य या फिर यूं कहें कि रिटायरमेंट के बाद के लिए बचत करना चाहते हैं, तो एनपीएस में निवेश करना आपके भविष्य के लिए फायदेमेंद साबित हो सकता है. इसमें निवेश करने के पहले आपके मन में अगर किसी प्रकार का किंतु-परंतु है, तो उसका निराकरण भी कर लेना जरूरी है और यह जानना बेहद जरूरी है कि आखिर, यह आपके लिए फायदेमंद क्यों है? आइए, जानते हैं कि यह आपके लिए फायदेमंद कैसे है और इसमें आप ऑनलाइन निवेश कैसे कर सकते हैं...?

एनपीएस (NPS) यानी राष्ट्रीय पेंशन योजना. यदि आप नौकरी पेशा हैं और भविष्य या फिर यूं कहें कि रिटायरमेंट के बाद के लिए बचत करना चाहते हैं, तो एनपीएस में निवेश करना आपके भविष्य के लिए फायदेमेंद साबित हो सकता है. इसमें निवेश करने के पहले आपके मन में अगर किसी प्रकार का किंतु-परंतु है, तो उसका निराकरण भी कर लेना जरूरी है और यह जानना बेहद जरूरी है कि आखिर, यह आपके लिए फायदेमंद क्यों है? आइए, जानते हैं कि यह आपके लिए फायदेमंद कैसे है और इसमें आप ऑनलाइन निवेश कैसे कर सकते हैं…?

क्या है एनपीएस

दरअसल, एनपीएस पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) की ओर से पेश की गयी एक बचत योजना है. यह एक स्वैच्छिक अंशदायी योजना है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराया गया है. सरकार की ओर से पेश की गयी इस योजना उद्देश्य देश में पेंशन सुधारों को स्थापित करने और लोगों में सेवानिवृत्ति के लिए बचत की आदत डालने का है. इसके तहत, आप एक व्यक्तिगत सेवानिवृत्ति खाता संख्या (PRAN) खोल सकते हैं, जिसमें कामकाजी जीवन के दौरान पेंशन कॉर्पस को बचाया जा सकता है. यह योजना सभी के लिए खुली है और सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए जरूरी भी है.

एनपीएस योजना का ब्योरा

एनपीएस योजना लोगों की सेवानिवृत्ति के बाद की जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष रूप से तैयार की गयी है. पेंशन योजना वृद्धावस्था में वित्तीय स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करती है, जब लोगों के पास नियमित आमदनी का कोई जरिया नहीं होता है.

निवेश के बाद मिलता है अच्छा रिटर्न

एनपीएस ऐसी योजनाओं में से एक है, जो हमें पैसा निवेश करने का मौका देती है. इसमें कुछ सालों तक निवेश करने के बाद अच्छे एमपीपीएस रिटर्न प्राप्त होते हैं.

बचत के पैसों का परिवार की जरूरतों पर कर सकते हैं खर्च

सेवानिवृत्ति के समय आप निवेश के जरिये इस योजना में बचत की गयी रकम का इस्तेमाल अपने परिवार की जरूरतों और खर्चों का प्रबंधन करने के लिए कर सकते हैं.

बीमा पॉलिसी लेने के लिए भी निवेश के पैसों का कर सकते हैं इस्तेमाल

अगर आप एनपीएस में निवेश कर रहे हैं, तो आप इसमें निवेश की गयी राशि का इस्तेमाल लाइफ इंश्योरेंस की पॉलिसी लेने के लिए भी कर सकते हैं. इसके साथ ही, आप उम्र के अनुसार अपनी कमाई का एक हिस्सा एकमुश्त भी निकाल सकते हैं.

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एनपीएस में दो तरह के खाते होते हैं

एनपीएस में निवेश करने के लिए दो तरह के खाते खोले जाते हैं. इसमें पहली तरह का खाता टियर I कहलाता है. यह एक पेंशन खाता है. इसमें जमा राशि की निकासी पर रोक लगी है. दूसरे प्रकार का खाता टियर II है. यह एक बचत खाता है. इसमें जरूरत के अनुसार जमा राशि की निकासी की जा सकती है, लेकिन इसके साथ में शर्त यह है कि एनपीएस टियर II खाता खोलने के लिए एक एक्टिव टियर I खाता होना जरूरी है.

एनपीएस में कैसे करें निवेश?

एक व्यक्ति एनपीएस में प्वॉइंट ऑफ प्रेजेंस (POP) के माध्यम से निवेश कर सकता है. इस प्रकार के निवेश को तीन हिस्सों में बांटा गया है. इसका पहला भाग एसेट क्लास ई (Asset class E) कहलाता है, मुख्य रूप से शेयर बाजार में निवेश के लिए एक इंस्ट्रूमेंट्स के तौर पर काम करता है. इसका दूसरा प्रकार एसेट क्लास सी (Asset class C) कहलाता है, जिसके माध्यम से सरकारी प्रतिभूतियों के अलावा ऋण प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है और इसका तीसरा प्रकार एसेट क्लास जी (Asset class G) कहलाता है, जिसके माध्यम से सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है.

कौन-कौन ले सकते हैं एनपीएस

https://www.pfrda.org.in/ के अनुसार, भारत के कोई भी नागरिक (भारत में रहने वाला या प्रवासी भारतीय) और विदेशों में रहने वाले भारत के नागरिक (OCI) सरकार के इस स्कीम को ले सकते हैं, जिनकी उम्र 18 से 65 साल के बीच हो और वे केवाईसी के मानदंडों के अनुरूप हों.

एनपीएस पर मिलती है टैक्स में छूट

https://www.pfrda.org.in/ के अनुसार,

(I) आयकर की धारा 80 सीसीडी (1) के तहत मूल वेतन और महंगाई भत्ता के 10 फीसदी या सेल्फ इम्प्लॉयड के लिए आयकर की धारा 80 सीसीई के तहत कुल आमदनी की 20 फीसदी के साथ 1.5 लाख रुपये तक की अधिकतम सीमा टैक्स से छूट के योग्य.

(II) आयकर की धारा 80 सीसीई के तहत 50,000 रुपये तक की अतिरिक्त कटौती पर.

(III) यदि एनपीएस सब्सकाइबर नियोक्ता से योगदान ले रहा है, तो इसमें आयकर की धारा 80 सीसीडी (2) के तहत मिलने वाले लाभ के अलावा 80 सीसीई के तहत दावा किया जा सकता है.

पोर्टेबलिटी का भी मिलता है लाभ

यदि आप नौकरी पेशा आदमी हैं और खास करके किसी निजी कंपनी में अपनी सेवा देते हैं, तो आपकी नौकरी बदलने की स्थिति में एनपीएस के तहत पोर्टेबिलिटी की भी सुविधा प्रदान की जाती है या फिर यदि आप सरकारी नौकरी करते हैं और आपका तबादला हो जाता है, तो ऐसी स्थिति में भी आपको इसका लाभ मिलेगा. पोर्टेबिलिट की मतलब यह कि आपकी नौकरी बदलने या फिर तबादला होने पर यह स्कीम नयी नौकरी और स्थान पर शिफ्ट हो जाती है.

निवेशकों को मिलता है दोहरा लाभ

अगर कोई इसमें निवेश करता है, तो निवेशक को दोहरा लाभ मिलता है. पहला यह कि इस योजना में निवेश करने के बाद व्यक्ति को रिटायरमेंट की उम्र तक एक निश्चित समय में चक्रवृद्धि का लाभ मिलता है. दूसरा, खाता के देखरेख के बदले में बेहद कम खर्च लगता है, इसलिए रिटायरमेंट तक इसकी राशि बढ़कर बड़ी हो जाती है.

ऑनलाइन निवेश करना आसान

एनपीएस खाता का ऑनलाइन मैनेज करना बेहद आसान है. इस योजना के खाते को आप ई-एनपीएस (eNPS) पोर्टल के जरिये भी खोल सकते हैं. इतना ही नहीं, इस पोर्टल के माध्यम से आप अपने खाते में ऑनलाइन निवेश भी कर सकते हैं. इसके लिए आपको ई-एनपीएस पोर्टल पर PRAN खाता खोलना होगा. इसके लिए सब्सक्राइबर को लॉगइन आईडी और पासवर्ड मुहैया कराया जाएगा. इसके बाद ऑनलाइन लॉगइन करके कोई भी व्यक्ति अपने खाते को देख या फिर उसे मैनेज कर सकते हैं.

Posted By : Vishwat Sen

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