23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

‘Coronavirus से देश के 14 करोड़ कर्मचारी प्रभावित, आजादी के बाद जीडीपी में हो सकती है सबसे बड़ी गिरावट’

इन्फोसिस के संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति ने मंगलवार को एक सेमिनार में कहा है कि कोरोना वायरस महामारी से देश के करीब 14 करोड़ कर्मचारी प्रभावित हो चुके हैं. इसके साथ ही, उन्होंने आशंका भी जतायी कि कोरोना वायरस के चलते इस वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि आजादी के बाद सबसे खराब स्थिति में होगी. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को जल्द से जल्द पटरी पर लाया जाना चाहिए. उन्होंने आशंका जतायी कि इस बार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में आजादी के बाद सबसे बड़ी गिरावट दिख सकती है. नारायण मूर्ति ने ऐसी एक नयी प्रणाली विकसित करने पर भी जोर दिया, जिसमें देश की अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में प्रत्येक कारोबारी को पूरी क्षमता के साथ काम करने की अनुमति हो.

बेंगलुरु : इन्फोसिस के संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति ने मंगलवार को एक सेमिनार में कहा है कि कोरोना वायरस महामारी से देश के करीब 14 करोड़ कर्मचारी प्रभावित हो चुके हैं. इसके साथ ही, उन्होंने आशंका भी जतायी कि कोरोना वायरस के चलते इस वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि आजादी के बाद सबसे खराब स्थिति में होगी. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को जल्द से जल्द पटरी पर लाया जाना चाहिए.

उन्होंने आशंका जतायी कि इस बार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में आजादी के बाद सबसे बड़ी गिरावट दिख सकती है. नारायण मूर्ति ने ऐसी एक नयी प्रणाली विकसित करने पर भी जोर दिया, जिसमें देश की अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में प्रत्येक कारोबारी को पूरी क्षमता के साथ काम करने की अनुमति हो.

मूर्ति ने कहा, ‘भारत की जीडीपी में कम से कम पांच फीसदी संकुचन का अनुमान लगाया जा रहा है. ऐसी आशंका है कि हम 1947 की आजादी के बाद की सबसे बुरी जीडीपी वृद्धि (संकुचन) देख सकते हैं.’ सॉफ्टवेयर क्षेत्र में बड़ी पहचान रखने वाले मूर्ति यहां ‘भारत की डिजिटल क्रांति का नेतृत्व’ पर आयोजित एक सेमिनार में भाग ले रहे थे. वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये यह सेमिनार इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के ‘इंडिया डिजिटल कन्वर्सेशन के 16वें संस्करण के तहत आयोजित किया गया था.

नारायण मूर्ति ने कहा, ‘ग्लोबल जीडीपी नीचे गयी है. ग्लोबल ट्रेड डूब रहा है. ग्लोबल टूरिज्म करीब-करीब नदारद हो चुकी है. ऐसे में ग्लोबल जीडीपी में पांच से 10 फीसदी तक संकुचन होने का अनुमान है.’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन लगने के पहले दिन से ही उनका यही विचार रहा है कि लोगों को कोरोना वायरस के साथ ही जीवन जीने के लिए तैयार होना होगा. इसकी तीन वजह (इसकी कोई दवा नहीं है, कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं है और अर्थव्यवस्था को रोका नहीं जा सकता है) हैं.

मूर्ति ने कहा कि इस महामारी का सबसे पहले संभावित टीका ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से आने की उम्मीद है. यह टीका देश में छह से नौ माह के भीतर ही उपलब्ध हो पाएगा. उन्होंने कहा कि यदि हम रोजाना एक करोड़ लोगों को भी टीका लगाते हैं, तब भी सभी भारतीयों को टीका लगाने में 140 दिन लग जाएंगे. यह इस बीमारों को फैलने से रोकने में लंबी अवधि है.

तकनीकी क्षेत्र की इस हस्ती ने कहा कि ऐसी स्थिति में हम अर्थव्यवस्था को बंद नहीं कर सकते. कुल मिलाकर देश में 14 करोड़ कर्मचारी इस वायरस से प्रभावित हो चुके हैं. इसलिए समझदारी इसी में है कि एक नयी सामान्य स्थिति को परिभाषित किया जाए. यह स्थिति पृथ्वी पर आगे बढ़ते हुए और वायरस से लड़ते हुए अर्थव्यवस्था को वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ाने वाली होनी चाहिए.’

Also Read: LIC की लैप्स पॉलिसी को दोबारा कराया जा सकता है चालू, लाखों ग्राहक ऐसे उठा सकते हैं मौके का फायदा

नारायण मूर्ति ने मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए एक नयी प्रणाली विकसित करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि टीका तैयार हो जाने की स्थिति में हर व्यक्ति को टीका लगाने के लिए स्वास्थ्य ढांचा खड़ा किया जाना चाहिए. इसके साथ ही नये वायरस की इलाज की दिशा में भी काम होना चाहिए.UAN card ऐसे करें डाउनलोड, PF पासबुक चेक करने में आपके लिए साबित हो सकता है मददगार

Also Read: UAN card ऐसे करें डाउनलोड, PF पासबुक चेक करने में आपके लिए साबित हो सकता है मददगार

Posted By : Vishwat Sen

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें