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चाइनीज प्रोड्क्ट पर कसेगा नकेल, मोदी सरकार ने बनाया ये प्लान

चीन के साथ आयात कम करने के अपने नये प्रयास के तहत भारत अब चीनी वस्तुओं के आयात पर और सख्ती बरतने जा रही है. इम्पोर्ट लाइसेंसिग के तहत अलग-अलग सेगमेंट के बीस और वस्तुओं पर सरकार सीमा शुल्क बढ़ाने पर विचार कर रही है. इनमें लैपटॉप, कैमरा, कपड़ा और एल्यूमीनियम के सामान शामिल है. इस प्रस्ताव को पहले ही वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की सहमति मिल चुकी है. अब इसे वित्त मंत्रालय की मंजूरी का इंतजार है. राजस्व विभाग के अधिकारियों के मुताबिक शुल्क बढ़ने के बार में जल्द ही सूचना दे दी जायेगी.

चीन के साथ आयात कम करने के अपने नये प्रयास के तहत भारत अब चीनी वस्तुओं के आयात पर और सख्ती बरतने जा रही है. इम्पोर्ट लाइसेंसिग के तहत अलग-अलग सेगमेंट के बीस और वस्तुओं पर सरकार सीमा शुल्क बढ़ाने पर विचार कर रही है. इनमें लैपटॉप, कैमरा, कपड़ा और एल्यूमीनियम के सामान शामिल है. इस प्रस्ताव को पहले ही वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की सहमति मिल चुकी है. अब इसे वित्त मंत्रालय की मंजूरी का इंतजार है. राजस्व विभाग के अधिकारियों के मुताबिक शुल्क बढ़ने के बार में जल्द ही सूचना दे दी जायेगी.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक एक एक और अधिकारी ने कहा कि ऐसा नहीं कि यह चीन के खिलाफ कोई कार्रवाई है, बस यह सीमा शुल्क में वृद्धि करने का सरकार का फैसला है. हालांकि यह बात तय है कि उन वस्तुओं पर सीमा शुल्क अधिक बढ़ाया जा रहा है जिनका आयात चीन से अधिक मात्रा में होता है. अब सरकार सीमा शुल्क मे बढ़ोतरी से सावधान हो गयी है. क्योंकि इससे उन देशों से आयात पर भी पाबंदी लग गयी है जिनके साथ भारत ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट किये थे. इन देशों में आसियन देश के सदस्य देश भी हैं. पहले भी सरकार ने टीवी सेट के आयात पर अंकुश लगा दिया है. अब कुछ स्टील उत्पादों के आयात पर भी विदेश व्यापार महानिदेशालय प्रतिबंध लगा सकता है. क्योंकि यही एजेंसी आयात के लिए लाइसेंस प्रदान करती है.

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इससे पहले मोदी सरकार ने चीन के खिलाफ कठोर कदम उठाते हुए 59 चीनी एप्स को बंद कर दिया था. इसके साथ देश में चीन के एफडीआई के नियमों को और पेचीदा कर दिया है. सरकारी अधिकारियों ने बताया कि चीन के खिलाफ भारत का यह रूख चीन के प्रति उस घटना को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त करना है. बता दे कि गलवान घाटी में चीनी सेना के घुसपैठ के बाद हुए झड़प में भारत की 20 जवान शहीद हो गये थे, इसे लेकर देशभर में चीन के खिलाफ गुस्सा है.

अब अगले कुछ सप्ताह में सरकार मोबाइल निर्माताओं और दवा निर्माता कंपनियों का भारत में ही उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहन दे रही है. वही चीन के साथ व्यापार में भी अब कमी आयी है. वर्ष 2019-2020 में चीन के साथ भारत का व्यापार 48.7 बिलियन डॉलर रहा जो पिछले पांच साल में सबसे कम था.

Posted By: Pawan Singh

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