13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

IMF Report: लेबनान की अर्थव्यवस्था में 25 फीसदी तक हो सकती है गिरावट, कोरोना की वजह से मंदी की चपेट में पश्चिम एशिया

IMF Report : कोरोना वायरस महामारी ने जहां दुनियाभर में आर्थिक संकट खड़ा किया, वहीं पश्चिमी एशिया की लगभग सभी अर्थव्यवस्थाओं के लिए यह मंदी का साल है. अंतरराष्ट्रीय मु्द्रा कोष (आईएमएफ) की सोमवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह बात कही गयी है. रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि पश्चिमी एशिया की अधिकतर अर्थव्यवस्था के फिर से पटरी पर लौट आने की उम्मीद है, लेकिन लेबनान और ओमान के हालत में अगले साल ही सुधार होने का अनुमान है. आईएमएफ का चालू साल में वैश्विक अर्थव्यवस्था में 4.4 प्रतिशत गिरावट होने का अनुमान है. उसका कहना है कि यह 1930 की महामंदी के बाद की सबसे बड़ी सालाना गिरावट है.

IMF Report : कोरोना वायरस महामारी ने जहां दुनियाभर में आर्थिक संकट खड़ा किया, वहीं पश्चिमी एशिया की लगभग सभी अर्थव्यवस्थाओं के लिए यह मंदी का साल है. अंतरराष्ट्रीय मु्द्रा कोष (आईएमएफ) की सोमवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह बात कही गयी है. रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि पश्चिमी एशिया की अधिकतर अर्थव्यवस्था के फिर से पटरी पर लौट आने की उम्मीद है, लेकिन लेबनान और ओमान के हालत में अगले साल ही सुधार होने का अनुमान है. आईएमएफ का चालू साल में वैश्विक अर्थव्यवस्था में 4.4 प्रतिशत गिरावट होने का अनुमान है. उसका कहना है कि यह 1930 की महामंदी के बाद की सबसे बड़ी सालाना गिरावट है.

पश्चिमी एशिया के देश कोरोना महामारी के दुनियाभर में फैलने के पहले से ही कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, धीमी आर्थिक वृद्धि और बढ़ती बेरोजगारी का सामना कर रहे थे. महामारी ने इसमें ‘कोढ़ में खाज’ का काम किया. आईएमएफ का अनुमान है कि लेबनान की अर्थव्यवस्था में क्षेत्र की सबसे तेज यानी 25 प्रतिशत की गिरावट होगी.

महामारी से पहले सरकार के खिलाफ गुस्से की लहर से जूझ रहे लेबनान को इसने और रसातल में पहुंचाने का काम किया. देश में बढ़ती गरीबी, लगातार होती बिजली कटौती, विदेशी मुद्रा की कमी, सरकारी भ्रष्टाचार और अतिमुद्रास्फीति के चलते में लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे थे.

लेबनान की मुद्रा पिछले साल के अंत के मुकाबले 70 प्रतिशत गिर गयी है. इसके चलते लोगों को आम वस्तुएं खरीदने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है. इसके अलावा, राजधानी बेरूत में एक बंदरगाह पर अगस्त में हुए विस्फोट में 180 लोगों की जान चली गयी, जबकि 6,000 से अधिक लोग घायल हुए.

वहीं, बंदरगाह के आसपास का इलाका पूरी तरह तबाह हो गया. इसने हजारों लोगों को बेघर किया. पश्चिमी एशिया में यूरोप और अमेरिका के मुकाबले महामारी के संक्रमण में आने वाले और मरने वालों की संख्या अपेक्षाकृत कम रही, लेकिन सभी देशों को अभी भी इस पर काबू पाने में संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है.

Also Read: आर्थिक मंदी से भी ज्यादा खतरनाक कोरोना, कॉस्ट कंट्रोल करना जरूरी

Posted By : Vishwat Sen

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें