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Budget, 2023 सरकार ने अलग से पेश होने वाले रेल बजट को कर दिया समाप्त, बजट में कहां खड़ा है Indian Railways?

भविष्य के बुनियादी ढांचे के निवेश का समर्थन करने के लिए भारतीय रेलवे के सकल बजटीय आवंटन में 29 फीसदी की वृद्धि 1.4 खरब रुपये से 1.8 खरब रुपये होने की संभावना है. इसके साथ ही, वित्त वर्ष 2023-24 में रेल मंत्रालय का कुल पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) 20 फीसदी बढ़कर 3 खरब रुपये होने का अनुमान है.

Union Budget 2023 : केंद्र की मोदी सरकार ने वर्ष 2017 में अलग से पेश होने वाले रेल बजट को समाप्त करके केंद्रीय बजट में समाहित कर दिया. माना यह जाता है कि रेलवे के जरिए सरकार को अन्य क्षेत्रों के मुकाबले कहीं अधिक राजस्व की प्राप्ति होती है. संसद में केंद्रीय बजट से पहले रेल बजट पेश किए जाने की परंपरा थी. लगातार यह पांचवां वर्ष है, जब रेल बजट समाहित केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा. लेकिन, सबसे बड़ी बात यह है कि जब से सरकार ने अलग से पेश होने वाले रेल बजट को समाप्त किया है, तो अब जबकि वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट पेश होने के समय भारतीय रेलवे कहां खड़ा है?

उच्च पूंजीगत व्यय आवंटन समय की जरूरत

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भविष्य के बुनियादी ढांचे के निवेश का समर्थन करने के लिए भारतीय रेलवे के सकल बजटीय आवंटन में 29 फीसदी की वृद्धि 1.4 खरब रुपये से 1.8 खरब रुपये होने की संभावना है. इसके साथ ही, वित्त वर्ष 2023-24 में रेल मंत्रालय का कुल पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) 20 फीसदी बढ़कर 3 खरब रुपये होने का अनुमान है. हालांकि, वित्त वर्ष 2022-23 में रेल मंत्रालय का कुल खर्च 2.45 खरब रुपये था. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अनिल कुमार लोहाटी का कहना है कि राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के कार्यान्वयन में एक महत्वपूर्ण चरण तक पहुंचता है. ऐसे में उच्च पूंजीगत व्यय आवंटन समय की आवश्यकता है.

किराए में वरिष्ठ नागरिकों को मिल सकती है छूट

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल के केंद्रीय बजट में सरकार ने रिकॉर्ड राशि से पहल के लिए अपने सकल बजटीय समर्थन में वृद्धि की. मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से फ्रेट कॉरिडोर, हाई-स्पीड ट्रेन और ट्रेन आधुनिकीकरण जैसी लंबी अवधि की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्तपोषण को प्राथमिकता देने को कहा है. इसके साथ ही, पिछले वर्ष की तुलना में समान समय अवधि के लिए आंकड़ों में 71 फीसदी की वृद्धि हुई है. इस बार यह अनुमान लगाया जा रहा है कि रेलवे की आय में पर्याप्त वृद्धि के बाद वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराए में कमी प्राप्त होगी. अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना से भी वित्त वर्ष 2023-24 के लिए राजस्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा प्राप्त होने की संभावना है.

रेलवे का राजस्व व्यय कितना

अब सवाल यह भी पैदा होता है कि केंद्रीय बजट 2022-23 में रेलवे का राजस्व व्यय कितना रहा? मीडिया की रिपोर्ट की मानें, तो रेल परिवहन द्वारा वित्त वर्ष 2022-23 में राजस्व पर 2,34,640 करोड़ रुपये खर्च करने की उम्मीद है, जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 17 फीसदी अधिक है. भारत के रेल मंत्री अश्विनी वैष्णवी रेल ने भविष्य की बेहतरी के लिए रेलवे को बदलने और आर्थिक विस्तार का समर्थन करने के महत्व पर जोर दिया.

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रेलवे के आधुनिकीकरण पर रिकॉर्ड निवेश कर रही सरकार : पीएम मोदी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि केंद्र सरकार रेलवे के आधुनिकीकरण में रिकॉर्ड स्तर पर निवेश कर रहा है. आधुनिकीकरण की योजनाओं में तेजस, हम सफर, वंदे भारत और विस्टाडोम कोच के साथ-साथ सभी स्टेशनों को अपग्रेड करना, उनका विद्युतीकरण करना और रेल लाइनों की संख्या को दोगुना करना शामिल है. वित्त वर्ष 2022-23 में पहली बार रेल मंत्रालय का सकल बजटीय समर्थन 1 खरब रुपये तक पहुंच गया. वित्त वर्ष 2023-24 में मंत्रालय को 2.45 लाख करोड़ रुपये मिले, जो अब तक के पूंजीगत व्यय का सबसे अधिक आवंटन है.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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