Adani Power Stock Split: अडानी पावर ने हाल ही में अपने शेयरधारकों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसने बाजार में हलचल मचा दी है। कंपनी ने अपने शेयरों को विभाजित (स्टॉक स्प्लिट) करने का ऐलान किया है, जिसका सीधा असर प्रति शेयर की कीमत और छोटे निवेशकों की पहुंच पर पड़ेगा। इस बड़े फैसले के साथ ही, अडानी पावर ने अपने ताजा वित्तीय नतीजों में भी उल्लेखनीय बदलाव दर्ज किए हैं, जो कंपनी के मुनाफे की नई तस्वीर पेश करते हैं। यह कदम न केवल शेयरों को और अधिक सुलभ बनाएगा, बल्कि कंपनी के भविष्य की दिशा और उसकी वित्तीय सेहत को लेकर भी कई सवाल खड़े करता है। निवेशकों और बाजार विशेषज्ञों की निगाहें अब इन बदलावों के दीर्घकालिक प्रभावों पर टिकी हैं, क्योंकि यह कंपनी के आगामी रणनीतिक कदमों का संकेत भी दे सकता है।
स्टॉक स्प्लिट की घोषणा और इसका मतलब
अडानी पावर लिमिटेड ने 1 अगस्त 2025 को अपने शेयरों को 1:5 के अनुपात में विभाजित करने की घोषणा की है. इसका मतलब है कि कंपनी के 10 रुपये फेस वैल्यू वाले प्रत्येक इक्विटी शेयर को 2 रुपये फेस वैल्यू वाले पांच इक्विटी शेयरों में बांट दिया जाएगा. यह पहली बार है जब अडानी पावर ने स्टॉक स्प्लिट का ऐलान किया है. इस कदम का उद्देश्य शेयर की कीमत को कम करके उसे खुदरा निवेशकों के लिए अधिक किफायती बनाना है, जिससे शेयर की तरलता में सुधार होगा और ट्रेडिंग वॉल्यूम भी बढ़ेगा. कंपनी ने अभी तक स्टॉक स्प्लिट के लिए रिकॉर्ड डेट की घोषणा नहीं की है, यह शेयरधारकों और नियामक मंजूरी के बाद तय की जाएगी.
तिमाही नतीजों का विश्लेषण
अडानी पावर ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2025) के नतीजे भी घोषित किए हैं.
- समेकित शुद्ध लाभ: कंपनी का समेकित शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 15. 5 प्रतिशत घटकर 3,305. 13 करोड़ रुपये रहा. पिछले साल इसी तिमाही में यह 3,912. 79 करोड़ रुपये था.
- राजस्व: परिचालन से कंपनी का राजस्व 5. 7 प्रतिशत घटकर 14,109. 15 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 14,955. 63 करोड़ रुपये था.
- एबिटडा (EBITDA): जून तिमाही में कंपनी का समेकित एबिटडा 5,744 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल इसी तिमाही के 6,290 करोड़ रुपये से कम है. एबिटडा मार्जिन भी 41. 4% से घटकर 40. 3% रह गया.
- बिजली उत्पादन और क्षमता: इस तिमाही में अडानी पावर ने 25. 7 अरब यूनिट बिजली का उत्पादन किया, जो पिछले साल से 1. 6% अधिक है. कंपनी की स्थापित उत्पादन क्षमता सालाना 15% बढ़कर 17,550 मेगावाट हो गई है. हालांकि, प्लांट लोड फैक्टर (PLF) घटकर 67% रह गया, जो पिछले साल 78% था.
- त्रैमासिक आधार पर लाभ में वृद्धि: पिछली तिमाही (वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही) की तुलना में, कंपनी का मुनाफा 27. 2 प्रतिशत बढ़कर 3,305 करोड़ रुपये हो गया है, जो पिछली तिमाही में 2,599. 23 करोड़ रुपये था.
मुनाफे में गिरावट के कारण
कंपनी के मुनाफे में सालाना गिरावट का मुख्य कारण कम मर्चेंट टैरिफ और अधिग्रहण के बाद परिचालन खर्चों में वृद्धि है. इसके साथ ही, राजस्व में गिरावट आयातित कोयले की कीमतों में सालाना आधार पर आए बदलावों के कारण बताई गई है. अडानी पावर लिमिटेड के सीईओ एस. बी. ख्यालिया ने कहा कि बिजली की मांग में उतार-चढ़ाव और अप्रत्याशित मौसम के बावजूद कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन स्थिर रहा है.
शेयर बाजार पर असर और निवेशकों का नजरिया
स्टॉक स्प्लिट की घोषणा के बाद शुरुआती कारोबार में अडानी पावर के शेयरों में तेजी देखी गई. हालांकि, तिमाही नतीजों में मुनाफे में गिरावट के बाद शेयर में थोड़ी गिरावट आई. 1 अगस्त 2025 को दोपहर 1:05 बजे अडानी पावर लिमिटेड का शेयर 1. 61% की गिरावट के साथ 578 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था. स्टॉक स्प्लिट से शेयरों की संख्या बढ़ती है, लेकिन निवेशक की होल्डिंग का कुल मूल्य वही रहता है. यह छोटे निवेशकों के लिए शेयर में प्रवेश को आसान बनाता है और शेयर की तरलता को बढ़ाता है. पिछले 12 महीनों में शेयर में 20% की गिरावट आई है, लेकिन 2025 में अब तक इसमें 10% की बढ़ोतरी हुई है. कंपनी की स्थापित क्षमता में वृद्धि और अधिग्रहणों के माध्यम से क्षमता विस्तार के बावजूद, प्लांट लोड फैक्टर में गिरावट चिंता का विषय है. विश्लेषकों का मानना है कि दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है, लेकिन अल्पकालिक निवेशकों के लिए इसमें जोखिम हो सकता है.
भविष्य की योजनाएं और दृष्टिकोण
अडानी पावर भारत में एक प्रमुख बिजली उत्पादक कंपनी है, जिसका थर्मल पावर में बड़ा विस्तार है और अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में भी इसका विस्तार हो रहा है. कंपनी उच्च दक्षता और कम उत्सर्जन वाली अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल थर्मल तकनीकों को तैनात करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. अडानी पावर के सीईओ एस. बी. ख्यालिया ने बताया कि कंपनी परियोजनाओं के समय पर पूरा होने और रणनीतिक अधिग्रहणों के माध्यम से अपनी क्षमता लगातार बढ़ा रही है. कंपनी 2030 तक 30 गीगावाट की क्षमता हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल बॉयलर, टर्बाइन और जनरेटर जैसे महत्वपूर्ण उपकरणों को समय से पहले प्राप्त करके, कंपनी अपनी प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मजबूत कर रही है और भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में सहयोग कर रही है. जुलाई 2025 में, विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर लिमिटेड (600 मेगावाट) के अधिग्रहण के बाद कंपनी की क्षमता बढ़कर 18,150 मेगावाट हो गई है. अडानी पावर महान एनर्जेन लिमिटेड के माध्यम से दो नई 800 मेगावाट की यूनिटों के साथ अपने विस्तार की योजना बना रही है, हालांकि इन परियोजनाओं को अभी मंजूरी नहीं मिली है.
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