नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने आज कहा कि उपभोक्ता मंत्रालय की केंद्र के साथ-साथ राज्यों के द्वारा सर्वाधिक अनदेखी कीगयी है जबकि इस पर 1.23 करोड़ उपभोक्ताओं की देखरेख का जिम्मा है. राज्य और जिला उपभोक्ता अदालतों में रिक्त पदों और आधारभूत ढांचे की कमी के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए उपभोक्ता मामलों के मंत्री ने उनके कम सुविधाओं के बावजूद पिछले 30 वर्षों में 41 लाख मामलों का निपटारा करने के प्रयासों की सराहना की.
पासवान ने राज्य सरकारों से अपील की कि इन अदालतों के सुचारू कामकाज संचालन के लिए वे पर्याप्त सुविधाएं प्रदान करें क्योंकि नये उपभोक्ता संरक्षण विधेयक के संसद में पारित होने के बाद मामलों की ‘बाढ़’ आने की संभावना है. सरकार ने उपभोक्ताओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए विधेयक में व्यापक बदलाव किये हैं.
यहां राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर आयोजित एक समारोह में पासवान ने कहा, मैंने अपनी पहली मुलाकात में प्रधानमंत्री से कहा कि हमारे यहां 1.23 अरब की आबादी है और सभी उपभोक्ता हैं लेकिन इस विभाग की सबसे अधिक अनदेखी हुई है चाहे वह केंद्र के स्तर पर हुआ हो चाहे राज्यों के स्तर परहै. उन्होंने कहा कि उपभोक्ता अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए काफी कुछ किये जाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि राज्यों और उद्योग जगत को लोगों की शिकायतों को हल करने के लिए सक्रिय होकर अपनी ओर से कदम उठाना चाहिये.
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