।। अमलेश नंदन ।।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मुद्रा बैंक की शुरुआत करते हुए सभी छोटे उद्यमियों को आसानी से ऋण मुहैया कराने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया. उन्होंने कहा कि मुद्रा बैंक की स्थापना के पीछे सरकार का उद्देश्य है कि छोटे उद्यमियों को व्यापार के लिए ऋण आसानी से मिले और उससे जुड़े कामगारों को रोजी रोटी की समस्या ना हो. प्रधानमंत्री का मत है कि देश का एक बड़ा तबका छोटे उद्यमों से जुड़ा हुआ है, जिन्हें बड़े बैंक कर्ज देने में कोताही बरतते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि रोजगार सृजन और स्व-रोजगार को बढावा देना सरकार की प्राथमिकता है.
उन्होंने कहा ‘छोटे उद्यमियों को ऋण देने से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बढेगी और आर्थिक वृद्धि तेज होगी.’ उन्होंने कहा कि छोटा मोटा कारोबार करने वाले कर्जदार ऋण का भुगतान समय पर करते हैं. ‘भारत में बचत करना पुरानी आदत है और इस परंपरागत मजबूती को आगे बढाने तथा स्वरोजगार के अवसर बढाने की आवश्यकता है. इसी से मुद्रा बैंक की कल्पना आई है.’
मुद्रा बैंक की पहल की सफलता को लेकर विश्वास व्यक्त करते हुए मोदी ने कहा ‘मैं जो कह रहा हूं लिख लीजिए. एक साल बाद आप बैंक वाले मुद्रा बैंक के सामने लाइन लगाकर खडे होंगे और कहेंगे अपने 50 लाख ग्राहक दे दीजिए.’ उन्होंने कहा कि बडे ताम-झाम वाले कारोबारी समूह जो मीडिया का बहुत ध्यान आकर्षित करते हैं, वे सिर्फ 1.25 करोड लोगों को रोजगार देते हैं जबकि छोटी मोटी दुकान, ब्यूटी पार्लर, मैकेनिक, दर्जी, कुम्हार तथा ऐसा ही छोटा मोटा धंधा करने वाले 5.75 करोड उद्यमी 12 करोड लोगों को रोजगार देते हैं.
क्या है ये मुद्रा बैंक?
मुद्रा का पूरा नाम माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट फंड रिफाइनेंस एजेंसी है. इसके जरिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत छोटे उद्यमियों को 10 लाख रुपये तक के ऋण दिये जायेंगे. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बजट सत्र के दौरान अपने बजट भाषण में मुद्रा बैंक की स्थापना की घोषणा की थी. उन्होंने एक मुद्रा (सूक्ष्म इकाई विकास एवं पुनर्वित्त एजेंसी) बैंक खोलने का प्रस्ताव रखा था, जिसके पास 20,000 करोड़ रुपये की राशि और 3,000 करोड़ रुपये की साख गारंटी राशि होगी.
मुद्रा बैंक बुनियादी तौर पर छोटी इकाइयों को वित्त उपलब्ध कराने की नीति बनाएगी और छोटी इकाइयों को कर्ज देने के लिए फंड उपलब्ध कराएगी. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत तीन तरह के ऋण दिये जायेंगे. ये तीन प्रकार के ऋण शिशु, किशोर और तरुण होंगे. शिशु योजना के तहत 50 हजार रुपये तक के ऋण दिये जायेंगे. उसी प्रकार किशोर योजना के तहत 50 हजार रुपये से 5 लाख रुपये तक के ऋण दिये जायेंगे और तरुण योजना के तहत 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक के ऋण दिये जायेंगे.

किनको मिलेगा ऋण का लाभ?
देश भर में तकरीबन 5.77 करोड़ छोटी कारोबारी इकाइयां हैं, जो छोटे विनिर्माण, व्यापारिक एवं सेवा व्यवसायों का संचालन करती हैं. इनमें से 62 फीसदी इकाइयों का स्वामित्व एससी/एसटी/ओबीसी के हाथों में है. कड़ी मेहनत करने वाले इन उद्यमियों को कर्जों की औपचारिक प्रणालियों तक अपनी पहुंच बनाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. इसलिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक मुद्रा (सूक्ष्म इकाई विकास एवं पुनर्वित्त एजेंसी) बैंक खोलने का प्रस्ताव सदन में लाया.
इस बैंक के पास 20,000 करोड़ रुपए की राशि और 3,000 करोड़ रुपए की साख गारंटी राशि होगी. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के जरिए मुद्रा बैंक सूक्ष्म-वित्त संस्थानों को पुनर्वित्त प्रदान करेगा. कर्ज देने में एससी/एसटी उद्यमियों को प्राथमिकता दी जाएगी. इन उपायों से युवा, शिक्षित अथवा कुशल कामगारों का विश्वास काफी हद तक बढ़ जाएगा, जो अब प्रथम पीढ़ी के उद्यमी बनने के लिए प्रेरित होंगे. यही नहीं, मौजूदा छोटे कारोबारी भी अपनी गतिविधियों का विस्तार करने में सक्षम हो सकेंगे.
मुद्रा बैंक ठेले और खोमचे वालों को भी ऋण उपलब्ध करायेगा. इसके आलावे पापड़, अचार आदि का व्यापार कर रही कारोबारी महिलाओं को भी इस बैंक की ओर से ऋण मुहैया कराया जायेगा. छोटी मोटी दुकान, ब्यूटी पार्लर, मैकेनिक, दर्जी, कुम्हार तथा ऐसा ही छोटा मोटा धंधा करने वालों को भी ऋण देने का प्रावधान किया गया है.
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कैसे कार्य करेगा मुद्रा बैंक?
मुद्रा बैंक के कामकाज की रूपरेखा के बारे में निर्णय लेने के लिए संबंधित हितधारकों की बैठक आयोजित की गयी थी. वित्तीय सेवा विभाग में सचिव डॉ. हसमुख अधिया की अध्यक्षता में यह बैठक आयोजित की गयी थी, जिसमें सूक्ष्म वित्त संस्थानों, एनबीएफसी, बैंकों, नाबार्ड, सिडबी और आरबीआई समेत सभी हितधारकों के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे. मुद्रा बैंक के कामकाज से जुड़ी वास्तविक रूपरेखा आज मुद्रा बैंक का औपचारिक शुभारंभ होने के बाद तय की ली जायेगी. प्राप्त जानकारी के अनुसार मुद्रा बैंक पंजीकृत छोटे उद्योगों को सीधे तौर पर ऋण देगी. वहीं निचले स्तर के उद्यमियों के लिए मुद्रा बैंक अलग-अलग एनजीओ की भी सहायता ले सकती है. मुद्रा बैंक सभी राज्यों में अपनी शाखा भी स्थापित कर सकता है.
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