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आयरन ओर की रॉयल्टी दर बढ़ी

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को लौह अयस्क (आयरन ओर) व बॉक्साइट सहित अन्य खनिजों पर रॉयल्टी दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. कुल 55 उत्‍पादों पर रॉयल्टी की दरें बढ़ायी गयी हैं. हालांकि इसमें कोयला, लिग्नाइट व रेत शामिल नहीं हैं. इस कदम से झारखंड समेत अन्य राज्‍यों के […]

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को लौह अयस्क (आयरन ओर) व बॉक्साइट सहित अन्य खनिजों पर रॉयल्टी दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. कुल 55 उत्‍पादों पर रॉयल्टी की दरें बढ़ायी गयी हैं.

हालांकि इसमें कोयला, लिग्नाइट व रेत शामिल नहीं हैं. इस कदम से झारखंड समेत अन्य राज्‍यों के सालाना राजस्व में उल्लेखनीय इजाफा होगा. अनुमानों के अनुसार, इस कदम से खनिज संसाधनों से समृद्ध राज्यों का सालाना राजस्व संग्रहण 40 प्रतिशत बढ़ कर 15,000 करोड़ रुपये हो जायेगा. खनिज संपदा से समृद्ध 11 राज्यों में झारखंड, छत्तीसगढ़, ओड़िशा, कर्नाटक व गोवा शामिल हैं.

कैबिनेट के प्रस्ताव में लौह अयस्क व क्रोमाइट पर रॉयल्टी दरें मौजूदा 10 से बढ़ा कर 15 प्रतिशत करने की बात कही गयी थी. संचार व आइटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कैबिनेट की बैठक के बाद कहा, कैबिनेट ने सैद्धांतिक रूप से खनिज की रॉयल्टी दरों में संशोधन को मंजूरी दे दी है.

हमें इस बात का संतोष है कि रायल्टी दरों में संशोधन कर दिया गया है. लंबे समय से इनमें संशोधन नहीं हुआ था. हालांकि, उन्‍होंने यह नहीं बताया कि रायल्टी दरों में संशोधन का वित्तीय प्रभाव क्या होगा.

पहले अगस्त, 2009 में हुआ था संशोधन

बॉक्साइट के लिए रायल्टी की दर मौजूदा 0.5 से बढ़ा कर 0.6 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है. इसके अलावा मैंगनीज पर रायल्टी की दर 4.2 से बढ़ा कर पांच प्रतिशत करने की योजना है. प्रमुख खनीजों कोयला, लिग्नाइट व रेत को छोड़ कर अन्य खनीजों की रायल्टी की दरें प्रत्येक तीन साल पर संशोधित की जाती हैं. इनमें आखिरी बार संशोधन अगस्त, 2009 में किया गया था.

समिति ने सिफारिश की थी

मौजूदा प्रस्ताव यूपीए-दो के कार्यकाल में 2011 में गठित 17 सदस्यीय अध्ययन समिति की सिफारिशों पर आधारित है. रायल्टी ऐसा कर है, जो सरकार द्वारा खनन कंपनियों पर खानों के स्वामित्व के अधिकार के स्थानांतरण के लिए लगाया जाता है. सरकार जहां रायल्टी को राजस्व के रूप में देखती है, उद्योगपति इसे उत्पादन लागत का हिस्सा मानते हैं.

राज्य रायल्टी बढ़ाने की मांग करते रहे हैं

एमएमडीआर कानून, 1957 की दूसरी अनुसूची में 51 खनिज शामिल हैं. खनिज दर खनिज आधार पर दरों में भिन्नता होती है. झारखंड, ओड़िशा जैसे राज्य रायल्टी दरों में उल्लेखनीय वृद्धि की मांग करते रहे हैं. रायल्टी संग्रहण राज्यों द्वारा किया जाता है, जबकि केंद्र के पास दरों में संशोधन का अधिकार है.

‘डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट’ को भी मंजूरी

– झारखंड समेत10 राज्‍यों के नक्सली हिंसा प्रभावित इलाकों में 3,216 करोड़ के 1,836 दूरसंचार टावर लगेंगे

– प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य घटा कर 350 डॉलर प्रति टन

– 38.215 किमी नागपुर मेट्रो को मंजूरी मिली

‘‘केंद्र सरकार ने दो माह के अंदर खनिजों की रॉयल्टी की

दर बढ़ा दी है. मैं झारखंड की ओर से इस फैसले का स्वागत करता हूं.

अर्जुन मुंडा, पूर्व मुख्यमंत्री

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