बीजिंग : चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिसरी ने गुरुवार को घोषणा की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले हफ्ते बिश्केक में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन के इतर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे. भारत में नयी सरकार के गठन के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात होगी.
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मिसरी ने कहा कि हालिया सालों में भारत और चीन बहुत परिपक्व संबंध बनाने में सफल रहे हैं. पिछले साल वुहान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुआ अनौपचारिक शिखर सम्मेलन एक मील का पत्थर था और हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में इसने काफी अहम भूमिका निभायी.
भारतीय राजदूत ने चीन के शैंडोंग प्रांत के डेझू में वुचेंग काउंटी स्थित भारत की ‘सिंथाइट इंडस्ट्रीज’ की तीसरी निर्माण इकाई के उद्घाटन के बाद यह बात कही. उन्होंने कहा कि इस बात का जिक्र करना जरूरी है कि पिछले साल हमारे नेताओं ने अलग-अलग बहुपक्षीय बैठकों के इतर चार बार मुलाकात की. अगले हफ्ते बिश्केक में एससीओ शिखर सम्मेलन के इतर वे एक बार फिर मिल रहे हैं.
एससीओ शिखर सम्मेलन किर्गिस्तान की राजधानी में 13-14 जून को होना है. एससीओ चीन की अगुवाई वाला आठ सदस्यीय सुरक्षा समूह है, जिसमें भारत और पाकिस्तान को 2017 में शामिल किया गया. आम चुनावों में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद मोदी के फिर से प्रधानमंत्री बनने के बाद यह जिनपिंग के साथ उनकी पहली मुलाकात होगी. शी ने आम चुनावों में जीत के लिए प्रधानमंत्री मोदी को ‘हार्दिक बधाई’ दी थी.
मिसरी ने कहा कि भारत और चीन के बीच आर्थिक एवं वाणिज्यिक संबंध द्विपक्षीय संबंधों का प्रमुख पहलू है. पिछले साल दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार 95 अरब अमेरिकी डॉलर को पार कर गया और इस साल इसके 100 अरब अमेरिकी डॉलर को पार करने की पूरी संभावना है.
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