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प्रभु चावला

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नयी सरकार में निरंतरता को प्रमुखता

पिछले कुछ हफ्तों में मोदी सरकार के क्रियाकलापों को देखकर लगता है कि निरंतरता बदलाव पर हावी हो गयी है. मंत्रिपरिषद का रंग जरूर बदला है,

यूरोप के सामने पहचान की चुनौती

इस वर्ष अप्रैल में द इकोनॉमिस्ट ने लिखा था कि यूरोपीय संघ में कोई ढाई करोड़ मुस्लिम हैं और पूरे यूरोप में इनकी संख्या पांच करोड़ है.

स्वच्छ एवं समृद्ध भारत बनाने की ओर बढ़ें मोदी

साल 2029 में जीत और राज्यों में पकड़ बनाये रखने के लिए भाजपा को नये मोदी की आवश्यकता है. भारत जल्दी ही पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जायेगा.

राहुल गांधी का राजनीतिक उत्थान

राहुल धारदार वक्ता नहीं हैं. उन्हें मोदी की राजनीति, आर्थिक नीति और कूटनीति में कमियां निकालने की कला सीखनी होगी.

मोदी के लिए अहम हैं अश्विनी वैष्णव

मंत्री के रूप में मिले बंगले के अलावा वैष्णव का असली घर मोदीनॉमिक्स और मोदीपॉलिटिक्स का कंटेनर है. वे कम बोलने और अपना काम चुपचाप करते रहने के लिए जाने जाते हैं.

संविधान एवं सर्वसम्मति के लिए जनादेश

भाजपा ने 2014 में 282 और 2019 में 303 सीटें जीती थीं. इस बार भाजपा लगभग 430 सीटों पर लड़ी थी, पर उसे 240 सीटें ही मिल सकीं. उसने 63 सीटें खो दी.

चुनाव के दौरान नकदी और नशीली चीजों की जब्ती

एक पखवाड़े पहले चुनाव आयोग ने बताया था कि विभिन्न सरकारी एजेंसियों ने मार्च और पांचवें चरण के बीच नौ हजार करोड़ रुपये मूल्य की नगदी, आभूषण, शराब और नशीले पदार्थ जब्त किया.

मुद्दों से भटकाव लोकतंत्र के लिए नुकसानदेह

लोकतंत्र के असली चौकीदार भारत के लोग हैं. हर पांच साल बाद लोग बड़े घरों, फ्लैटों, गांवों, झुग्गियों से निकलते हैं और शासक वर्गों के भाग्य का निर्धारण करते हैं.

चुनाव आयोग का कर्तव्य है लोकतंत्र की रक्षा

आयोग का प्रारंभ एक उच्च नैतिक स्तर के साथ हुआ था, जब पहला लोकसभा चुनाव कराने के लिए प्रतिष्ठित सिविल सेवा अधिकारी सुकुमार सेन को नियुक्त किया गया था. उन्होंने दूसरा आम चुनाव भी कराया था. अब तक 24 मुख्य चुनाव आयुक्त हो चुके हैं.
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