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बिहार सरकार इन बीमारियों के इलाज के लिए देती है लाखों का अनुदान, जानिए कैसे ले सकते हैं लाभ

बिहार में मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष कमेटी के अनुशंसा पर सूची में शामिल 14 बीमारियों के अलावा भी अन्य दूसरी बीमारियों के इलाज के लिए सरकार की तरफ से एक लाख रुपये की सहायता राशि देने का प्रावधान है.

बिहार सरकार असाध्य रोगों से ग्रसित वैसे लोग जिनका वार्षिक आय ढाई लाख रुपये से कम है, उन्हें मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष योजना के तहत आर्थिक सहायता देती है. इसके तहत 14 असाध्य बीमारियों के इलाज के लिए राशि मुहैया करायी जाती है. इसमें राज्य के बाहर इलाज कराने पर भी सहायता दी जाती है. इस योजना के तहत 20 हजार रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक की सहायता दी जाती है.

14 बीमारियों के इलाज के लिए सरकारी सहायता दी जाती

मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष कमेटी के अनुशंसा पर सूची में शामिल 14 बीमारियों के अलावा भी अन्य दूसरी बीमारियों के इलाज के लिए सरकार की तरफ से एक लाख रुपये की सहायता राशि देने का प्रावधान है. योजना के तहत सालाना कम आय व प्रदेश की सरकारी और सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम से मान्यता प्राप्त अस्पताल में इलाज कराने वाले रोगी को सहायता दी जाती है. इन अस्पतालों से इलाज के लिए दूसरे प्रदेश में रेफर करने वाले रोगी को भी हृदय रोग कैंसर, कुल्हा रिप्लेसमेंट, घुटना रिप्लेसमेंट, एसिड अटैक से जख्मी बोन मैरो ट्रांसप्लांट, हैपेटाइटिस, ट्रांसजेंडर सर्जरी, नेत्र रोग सहित 14 तरह की बीमारियों के इलाज के लिए सरकारी सहायता दी जाती है.

करना होगा आवेदन

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संजय कुमार ने बताया कि मान्यता प्राप्त अस्पताल में इलाज कराने वाले रोगी के परिजनों को वांछित कागजातों के साथ सचिवालय स्थित निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं बिहार को अनुदान के लिए आवेदन देना होगा. निदेशक प्रमुख की अध्यक्षता में गठित कमेटी की ओर से आवेदक को निर्धारित तिथि में बुलाया जायेगा. आवेदक के कागजात और साक्ष्यों की जांच के बाद अनुदान की राशि जारी कर दी जायेगी. राज्य के अंदर इलाज कराने वाले मरीजों के लिए अलग राशि निर्धारित है, जबकि राज्य के बाहर इलाज कराने वाले के लिए अलग दर निर्धारित है. एक प्रकार के रोग में अलग-अलग इलाज के लिए भी अलग-अलग राशि निर्धारित है.

अनुदान के लिए जरूरी बातें

रोगी बिहार का नागरिक होना चाहिए. रोगी की प्रतिवर्ष आय ढाई लाख रुपये से कम हो व रोगों से संबंधित इलाज राज्य सरकार के अस्पताल एवं सीजीएचएस से मान्यता प्राप्त अस्पताल में होना चाहिए. स्वास्थ्य प्रबंधक ललन प्रसाद ने बताया कि आवेदन के लिए मरीजों के परिजनों को सक्षम पदाधिकारी की ओर से निर्गत आवास प्रमाणपत्र डीएम एसडीओ या अंचलाधिकारी से निर्गत आय प्रमाणपत्र तथा राज्य सरकार के अस्पताल या सीजीएचएस से मान्यता प्राप्त अस्पताल के इलाज का पर्चा और मूल अनुमानित राशि के कागजात जमा करने होते हैं. एक आजाद राज्य के सचिवालय स्थित स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक प्रमुख को देना होता है. इसके बाद योजना के प्राधिकार कमेटी की ओर से आवेदक को बुलाया जाता है और जांच-पड़ताल के बाद ही राशि अनुमोदित की जाती है.

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कितना मिलती है सहायता राशि

  • एड्स में एक लाख 20 हजार

  • ब्रेन संबंधी बीमारी में 60 हजार से तीन लाख

  • नेत्र रोग सर्जरी में 20 से 40 हजार

  • गुर्दा रोग गुर्दा प्रत्यारोपण में तीन लाख

  • कोकलियर इंप्लांट में पांच लाख 50 हजार

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