।। लखनऊ से राजेन्द्र कुमार ।।
बिहार ही नहीं उत्तर प्रदेश की विधानसभा में भी इस बार जोरदार हंगामा देखने को मिलेगा. यूपी में इसी 18 फरवरी से शुरू होकर करीब एक माह नौ दिन तक चलने वाले विधानमंडल के बजट सत्र में के दौरान अखिलेश सरकार को हर मौके पर विपक्ष के तगड़े हमले का सामना करना पड़ेगा. संपूर्ण विपक्ष इस बार अखिलेश सरकार से दो-दो हाथ करने की तैयारी की है. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधान मंडल दल के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष डा. एलके वाजपेयी ने संदन में अखिलेश सरकार को घेरने की बात कहकर अपने दल के रूख को यहां मंगलवार को स्पष्ट कर दिया है.
इन दोनों नेताओं का कहना है कि अखिलेश सरकार हर स्तर पर असफल साबित हो चुकी है. प्रदेश में गुड़े और माफिया तत्व मनमानी कर रहे हैं. खुलेआम डकैती की वारदात आए दिन हो रही है और पुलिस अफराधियों को पकड़ नहीं पाती. राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है फिर भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नौकरशाहों के साथ क्रिकेट मैच खेलने महत्व देते है. राज्य की कानून व्यवस्था को दुरूस्त करने में नहीं.
मुख्यमंत्री पर ऐसे आरोप लगाने वाले बसपा के वरिष्ट नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और नसीमुदद्दीन सिद्दीकी का दावा है कि बसपा सदन के भीतर जनहित के मुददों पर अखिलेश सरकार को ना सिर्फ घेरेगी बल्कि अखिलेश सरकार से किसानों के मुददों पर जवाब सुनिश्चित कराएंगी. 18 फरवरी से 27 मार्च तक चलने वाले विधानसभा के इस सत्र में कुल 26 बैठकें प्रस्तावित है. जिसमें विपक्षी दलों ने प्रदेश की ध्वस्त कानून – व्यवस्था, भ्रष्टाचार के आरोपियों पर कार्रवाई न करना, जर्जर सड़कें, केवल कागजों तक ही विकास कार्य होने, गन्ना मूल्य भुगतान संकट व उर्वरक कालाबाजारी जैसे मुद्दों पर आंकड़े और तथ्यों के आधार पर अखिलेश सरकार को घेरने की तैयारी की है.
बसपा नेताओं के अनुसार पार्टी विधायक सदन में मुख्य विपक्षी पार्टी होने की जिम्मेदारी को बखूबी निभाएंगी और सदन में साबित करेंगी कि अखिलेश सरकार हर मोर्चे पर फेल साबित हो चुकी है और अब इस दल को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुरेश खन्ना का कहना है कि बेकाबू हुए अपराधी, ध्वस्त कानून व्यवस्था, मंत्री एवं सत्ता से जुड़े लोगों का भ्रष्टाचार, गन्ना किसानों का बकाया भुगतान और विकास कायरे के फर्जी दावों को सदन में बेनकाब करने का काम भाजपा विधायक करेंगे.
काग्रेस भी अखिलेश सरकार को घेरने में पीछे नहीं रहना चाहती. कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता प्रदीप माथुर का कहना है कि सरकार को सदन के भीतर घेरा जाएगा. प्रदीप माथुर कहते हैं कि मुख्यमंत्री की नीयत ठीक होने के बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों के मनमानेपन ने उप्र को गर्त में डाल देने को काम किया है.
रालोद विधायक दल के नेता दलवीर सिंह का कहना है कि सपा सरकार के निकम्मेपन को सदन के भीतर व बाहर जाहिर करने का काम करेंगे. और अपराधों पर काबू न पाने, भ्रष्टाचार, हाई कोर्ट बेंच, किसानों की समस्या व बिजली संकट जैसे मामलों पर अखिलेश सरकार को जवाब देने पर मजबूर किया जाएगा.
* विधानसभा में 18 को अभिभाषण, 24 को बजट
विधानमंडल का बजट सत्र 18 फरवरी से शुरू होकर 27 मार्च तक चलेगा. इस दौरान कुल 26 बैठकें होगी. प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार 18 फरवरी को राज्यपाल रामनाईक संयुक्त सदन को संबोधित करेंगे. 19 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होगी. 21 व 22 फरवरी को शनिवार व रविवार का अवकाश होगा. 23 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा जारी रहेगी.
24 फरवरी को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव वित्त मंत्री की हैसियत से वर्ष 2015-16 का बजट सदन में पेश करेंगे, बाद में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा जारी रहेगी. 25 फरवरी को अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया जाएगा. 26 फरवरी को विधायी कार्य होंगे और 27 फरवरी को बजट पर साधारण चर्चा आरम्भ होगी. 28 फरवरी व एक मार्च को शनिवार व रविवार के अवकाश में बैठक नहीं होगी. दो, तीन व चार मार्च को बजट चर्चा होगी तथा पांच, छह, सात व आठ मार्च को होली का अवकाश रहेगा.
9, 10,11 व 12 मार्च को विभागीय बजट पारित किए जाएंगे. 13 मार्च को असरकारी दिवस रहेगा व 14 व 15 को शनिवार व रविवार होगा. 16 से 19 मार्च 23 से 26 मार्च के मध्य विभागीय बजट तथा 27 मार्च को बजट पारित किया जाएगा. एक माह नौ दिन के इस सत्र में कुल 26 बैठकों में बजट पारित होगा, वहीं उप्र गुंडा नियंत्रण संशोधन अध्यादेश, उप्र गिरोहबंदी व समाज विरोधी क्रिया कलाप निवारण संशोधन अध्यादेश भी विधेयक के रूप में रखा जाएगा.
