27.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

दो फ़ीट की किताब, दाम 22 हज़ार डॉलर, जानें आखिर क्या है इसमे खास

वेटिकन के सिस्टीन चैपल पर छपकर आई तीन खंडों की किताब कई मायने में अनूठी और वर्षों की मेहनत और फ़ोटोग्राफ़ी की नई तकनीकी का नतीजा है.

वेटिकन के सिस्टीन चैपल पर छपकर आई तीन खंडों की किताब कई मायने में अनूठी और वर्षों की मेहनत और फ़ोटोग्राफ़ी की नई तकनीकी का नतीजा है. दो फ़ीट ऊंची इस किताब में कुल 822 पन्ने हैं. इसका वज़न 11.3 किलोग्राम है और दाम हैं -22,000 डॉलर.

दुनिया भर में बिक्री के लिए किताब की 1,999 प्रतियाँ छपी हैं, जिसमें से 600 प्रतियाँ अंग्रेज़ी में हैं. यह ऐसी किताब है, जिसका रीप्रिंट कभी नहीं छपेगा.

कॉलअवे आर्ट्स एण्ड एंटरटेनमेंट से छपी यह किताब पिछले पाँच सालों की मेहनत का नतीजा है. सिस्टीन चैपल के भित्ती-चित्रों की तस्वीरें बनाने के लिए फ़ोटोग्राफ़रों की एक टीम ने 67 रातों तक लगातार काम किया. चैपल की छत और ऊंची दीवारों पर बनी पेंटिंग्ज़ की फ़ोटो खींचने बनाने के लिए फ़ोटोग्राफ़र्स ने 33 फ़ीट ऊंचा मचान बनाकर काम किया. बाहर से आने वालों के लिए चैपल इस दौरान बंद रखा गया.

Also Read: Salary Hike : नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़ी खबर! बढ़ने वाली है आपकी सैलरी, जानें कब और कितनी

तस्वीरों को रंगों और आकार की दृष्टि से सटीक और प्रामाणिक बनाने के लिए छतों और दीवारों के एक-एक इंच के फ़ोटो खींचे गए ताकि किताब में 1:1 अनुपात वाली तस्वीरें छापी जा सकें. फ़ोटोग्राफ़ी टीम ने अल्ट्रा-हाई रिसॉल्यूशन वाले कुल 2,70,000 डिज़िटल फ़ोटो खींचे, जिन्हें बाद में एक ख़ास सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करके जोड़ा गया.

इस किताब की ख़ूबी यह है कि इसके पन्नों पर छपे चित्रों में सटीक रंगों और महीन ब्योरे को इस तरह महसूस किया जा सकता है, जैसा कि चैपल में जाकर देखते हुए भी संभव नहीं है. वजह यह है कि चैपल की छत की ऊंचाई पर बने चित्रों को इतने क़रीब से नहीं देखा जा सकता है. कला पारखियों के लिए भी माइकलएंजेलो और दूसरे कलाकारों के बनाए चित्रों की इतनी स्पष्ट छवियाँ देखने का यह पहला मौक़ा होगा, जिसमें चटख़ रंगों और लाइनों के साथ ही हर कलाकार के ब्रश स्ट्रोक भी देखे-महसूस किए जा सकते हों.

किताब का पहला खण्ड है – द फ़्रेस्कोज़ ऑफ़ फ़िफ्टीन्थ सेन्चुरी, दूसरा – द सीलिंग और तीसरा द लास्ट जजमेंट.सिस्टीन चैपल की सीलिंग पर माइकलएंजेलो के चित्र बना लेने के बाद एक नवम्बर, 1512 को आमजन पहली बार इसे देख सके थे. चित्रकार ने यह काम 1508 से 1512 के बीच किया था. ‘द लास्ट जजमेंट’ उन्होंने बाद में पेंट किया.

Posted BY : Amitabh Kumar

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें