Indonesia President Vladimir Putin India: इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो इस समय रूस की यात्रा पर हैं. इस दौरान उन्होंने रूस और इंडोनेशिया के बीच व्यापार और सैन्य संबंधों में बढ़ोतरी को लेकर खुशी जताई. इसी दौरान उन्होंने बुधवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को 2026 या 2027 में अपने देश का दौरा करने का निमंत्रण दिया. रूस यात्रा पर पहुंचे प्रबोवो ने कहा हम आपको अपने देश में होस्ट करने के लिए बहुत खुश होंगे. हल्के-फुल्के अंदाज में उन्होंने कहा क्योंकि भारत अकेला देश नहीं होना चाहिए, जहाँ आप यात्रा करें. सुबियांतो की यह टिप्पणी पुतिन के हालिया भारत दौरे की ओर इशारा थी.
यह इस साल रूस में दोनों नेताओं की दूसरी मुलाकात थी. मॉस्को में मुलाकात के दौरान प्रोबोवो ने पुतिन को उनकी सुविधानुसार 2026 या 2027 तक इंडोनेशिया आने का न्यौता दिया. उन्होंने इस दौरान पुतिन की भारत यात्रा की भी जिक्र किया. सोशल मीडिया पर RT India द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में सुबियांतो ने कहा, मैं आपको आपकी सुविधा के अनुसार इंडोनेशिया आने का निमंत्रण देना चाहूंगा. यह 2026 या 2027 में संभव हो सकती है. हमें आपको अपने देश में स्वागत करने में बहुत खुशी होगी. इस पर पुतिन ने सिर हिलाया. इसके बाद सुबियांतो ने कहा कि केवल भारत ही वह देश नहीं होना चाहिए, जहां आप यात्रा करें. यह सुनकर पुतिन खुलकर हंसे.
रूस-इंडोनेशिया संबंध
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सोमवार को पाकिस्तान की दो दिवसीय यात्रा पर गए थे. इसके बाद वे सीधे रूस गए. जहां, दोनों देशों ने सैन्य संबंधों में आई गर्मजोशी पर खुशी जताई. इस दौरान पुतिन ने कहा कि वह जकार्ता को परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में मदद करने के लिए तैयार हैं. पुतिन ने इंडोनेशिया को इस साल गेंहू आपूर्ति में आई हल्की गिरावट भी चर्चा की. रूस कई देशों में परमाणु ऊर्जा संयंत्र बना रहा है. पुतिन ने कहा कि अगर यदि आप हमारे विशेषज्ञों को शामिल करना संभव मानते हैं, तो हम हमेशा आपकी सेवा में हाजिर हैं. इंडोनेशिया ने 2032 तक 500 मेगावॉट क्षमता वाला पहला परमाणु संयंत्र बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसे अगले दशक में चालू करने की योजना है. वहीं कृषि क्षेत्र में पुतिन ने कहा कि इंडोनेशिया का रूस के साथ थोड़ा-सा व्यापार अधिशेष है. उन्होंने कहा- ‘मुझे लगता है कि आपके बाजार में गेहूं की आपूर्ति थोड़ी कम हुई है. यह भी आज हमारी चर्चा का हिस्सा होगा.’
भारत-रूस संबंध
पुतिन यूक्रेन युद्ध के बाद से अलग थलग किए गए रूस को दुनिया के बाकी देशों के साथ जोड़ने की कवायद में जुटे हैं. हाल ही में भारत यात्रा के दौरान उन्होंने कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए. उन्हें भारत यात्र पर एक शानदार गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. भारत और रूस ने इस दौरान रक्षा, ऊर्जा और जियो पॉलिटिकल मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए दीर्घकालिक MoU साइन किए. जहां रूस पर अमेरिका ने कई सैंक्शन लगाए हैं, वहीं भारत के ऊपर रूसी तेल खरीदने पर अमेरिका की ओर से 50% टैरिफ लगाए गए हैं. भारत और रूस इसके बावजूद अपने संबंधों को और आगे बढ़ा रहे हैं.
नॉन-अलाइंड पॉलिसी और सैन्य सहयोग
वहीं रूस अब दुनिया के चौथे सबसे अधिक आबादी वाले देश- इंडोनेशिया के नेता के साथ संबंध मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं. प्रबोवो ने कहा है कि इंडोनेशिया अपनी गैर-गठबंधन (Non-aligned) विदेश नीति को बरकरार रखेगा और रूस व अमेरिका सहित किसी भी देश से दोस्ती करना चाहता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि इंडोनेशिया किसी सैन्य गठबंधन में शामिल नहीं होगा. रूस ने यूक्रेन युद्ध पर इंडोनेशिया की संतुलित स्थिति की सराहना की है. रूस ने भारत के साथ RELOS समझौते को सहमति दे दी है. इसके तहत अब वह भारतीय सैन्य बेसेज पर अपनी सेना तैनात कर सकेगा. हिंद महासागर में रूस की एंट्री इस रीजन की सुरक्षा एक निर्णायक कदम साबित हो सकती है. ऐसे में इंडोनेशियाई राष्ट्रपति की यात्रा इस समझौते के बैकड्रॉप में भी समझी जा सकती है.

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